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धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

सभी मनुष्यों को वेद की मर्यादाओं का पालन करना चाहिए

मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मनुष्य के पास परमात्मा प्रदत्त बुद्धि है जिसका सदुपयोग कर वह उचित व अनुचित तथा सत्य व असत्य का निर्णय कर सकता है। मनुष्य को अपनी बुद्धि की क्षमता बढ़ानी चाहिये। इसके लिये उसे उत्तम व ज्ञानी निष्पक्ष तथा देशभक्त गुरुओं की शरण में जाकर कृतज्ञता एवं श्रद्धापूर्वक शिक्षा […]

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भारतीय संस्कृति भाषा

भारत की संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता और महानता

#संस्कृत – *संस्कृत में 1700 धातुएं, 70 प्रत्यय और 80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी संख्या 27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो शब्दों से बने सामासिक शब्दों को जोड़ते हैं तो उनकी संख्या लगभग 769 करोड़ हो जाती है।* संस्कृत इंडो-यूरोपियन लैंग्वेज की सबसे प्राचीन भाषा है और […]

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भारतीय संस्कृति

मनुष्य निर्माण में माता-पिता और आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका

ओ३म् “मनुष्य निर्माण में माता, पिता तथा आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका” ============== परमात्मा की व्यवस्था से संसार में मनुष्य का जन्म माता व पिता के द्वारा होता है। माता के विचारों व स्वभाव का सन्तान के निर्माण व जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि माता अशिक्षित व धर्म विषयक ज्ञान से हीन है, तो […]

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कहानी धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

क्या है धन की गति?

(दार्शनिक विचार) #डॉ_विवेक_आर्य मैंने अपने जीवन में 10 वर्ष विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में काम किया है। इस कार्य को करते हुए मुझे अनेक अच्छे-बुरे अनुभव हुए। सबसे अधिक बुरा तब लगता था जब मैं किसी जवान युवक-युवती को नशे के कारण अस्पताल में भर्ती होते हुए देखता था। इनमें से अनेक समृद्ध […]

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भारतीय संस्कृति विधि-कानून

भूमि ,नागरिक और राज्य

लेखक:- प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने […]

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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल से ही रही है वेदों में सूर्य किरण चिकित्सा की व्यवस्था

(श्री आचार्य शिव पूजन सिंह कुशवाहा) सूर्य किरण से नाना प्रकार के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। वाष्प स्नान से जो लाभ होता है वही लाभ धूप स्नान से होता है। धूप स्नान से रोम कूप खुल जाते हैं और शरीर से पर्याप्त मात्रा में पसीना निकलता है और शरीर के अन्दर का दूषित पदार्थ […]

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भारतीय संस्कृति विविधा

कश्मीर की केसर की महक अब देश दुनिया को महकाएगी

  डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा केसर की खेती बड़ी मेहनत का काम है। कश्मीरी केसर को कश्मीरी मोगरा के नाम से जाना जाता है और सामान्यतः 80 फीसदी फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार हो जाती है। केसर के नीले-बैंगनी रंग के कीपनुमा फूल आते हैं और इनमें दो से तीन नारंगी रंग के तंतु होते हैं। […]

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कविता भारतीय संस्कृति

भक्ति रस में डूब जा जो चाहे कल्याण

  भक्ति रस में डूब जा, जो चाहे कल्याण भक्ति रस में डूब जा, जो चाहे कल्याण। रसना पै हरि -ओ३म् हो, जब निकले तेरे प्राण॥ 1395॥ एक हरि का आसरा, बाकी जग में भीड़। सर सूखे हंसा उड़े , खाली होगा नीड़॥1396॥ न्याय करे संसार में, ईश्वर का कानून । बिजली की तरह टूटता, […]

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धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति महत्वपूर्ण लेख

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के साथ ही यह एक राष्ट्र मंदिर भी होगा

पूज्य भगवान श्रीराम हमें सदैव ही मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दिखाई देते रहे हैं। पूरे विश्व में भारतीय नागरिकों को प्रभु श्रीराम के वंशज के रूप में जानने के कारण, आज पूरे विश्व में हर भारतीय की यही पहचान भी बन पड़ी है। लगभग हर भारतीय न केवल “वसुधैव कुटुंबकम”, अर्थात इस धरा पर […]

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भारतीय संस्कृति

वेदर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्य समाज हमें प्रिय क्यों है

–मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक संस्थायें एवं संगठन हैं। सब संस्थाओं एवं संगठनों के अपने अपने उद्देश्य एवं उसकी पूर्ति की कार्य-पद्धतियां है। सभी संगठन अपने अपने उद्देश्यों को पूरा करने के किये कार्य करते हैं। आर्यसमाज भी विश्व का अपनी ही तरह का एकमात्र अनूठा संगठन है। हमें लगता है कि आर्यसमाज के समान संसार […]

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