कृपाशंकर सिंह ऋग्वेद की ऋचाओं में कुछेक रोगों के नाम भी मिलते हैं। इनमें यक्ष्मा, राजयक्ष्मा, हृदय रोग, दनीमा (बवासीर) हरिमा पृष्ठयामगयी आदि रोगों का उल्लेख है। इसमें से यक्ष्मा रोग का वर्णन कई ऋताओं में मिलता है। यक्ष्मा से ऋषियों का वास्तविक आशय किस तरह के रोग का है, यह पूरी तौर पर स्पष्ट […]
Category: भारतीय संस्कृति
डॉ. बिशन किशोर (भू.पू. आचार्य, यान्त्रिक इंजीनियरिंग, काशी हिंदी विश्वविद्यालय वाराणसी) विश्वगुरु भारत आज विज्ञान और तकनीकी के लिए विदेशों पर निर्भर है। परतन्त्रता में तो ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास गया जिससे हमारा अपना अस्तित्व पूर्णरूपेण विदेशी ज्ञान पर अवलम्बित हो गया। इसलिए हम समस्त ज्ञान आयात कर रहे हैं। पहले परतन्त्र थे, अब […]
प्रस्तुति -श्रीनिवास आर्य भारत के राजनेताओं का यह कत्र्तव्य है कि वे चुनाव से पहले मतदाताओं को अर्थात् राष्ट्र को यह बतलाएँ कि उनकी दृष्टि में भारत का बल क्या है और भारत की निर्बलता या कमजोरी क्या है? साथ ही बल को बढ़ाने के लिए और कमजोरी को खत्म करने के लिए कौन से […]
प्रीटी राजस्थान पर्यटन विकास निगम जैसलमेर शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित मनोरम बालू के टीलों का भ्रमण करने के लिए परिवहन की शानदार व्यवस्था करता है। इन मनोरम टीलों की यात्रा किए बिना जैसलमेर की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। थार मरूस्थल के बीच बसा राजस्थान का जैसलमेर शहर अपनी पीले पत्थर की […]
देवेंद्र सिंह आर्य( चेयरमैन ‘उगता भारत’) नवरात्रों का दुर्गापूजा आदि से कोई सम्बन्ध नहीं। आयुर्वेद के ऋषियों ने इन दिनों में नौ तरह की औषधियों के सेवन का वर्णन किया है जिससे हम दीर्घायु, ऊर्जावान व बलवान बन सकते हैं। ये दिव्यगुणयुक्त औषधियां रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी बहुत सहायक हैं। नौ तरह […]
भारतीय पंचांग की वैज्ञानिकता
लीना मेहेंदले हमारे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों और समाज में उपेक्षित रखी गई कई महत्वपूर्ण बातों में एक है हमारा राष्ट्रीय सौर पंचांग यानी कैलेंडर। हमें पता होना चाहिए कि भारत का राष्ट्रीय पंचांग एक वैज्ञानिक पंचांग है। विद्यालयों में यह पढ़ाया जाना चाहिए। प्रतिदिन सुबह में सूर्योदय और संध्या में सूर्यास्त होता है। सूर्य की यह […]
अंत्येष्टि संस्कार— आत्मा के द्वारा शरीर का त्याग कर देने के पश्चात उस निर्जीव शरीर के विधि पूर्वक किये गए दाहकर्म को अंत्येष्टि संस्कार कहते हैं | यह उस शरीर से सम्बद्ध अन्त्य (अंतिम) इष्टि (यज्ञ) है ।अतः इस कर्म का नाम अंत्येष्टि है । नर (मानव देह) अथवा पुरुष के पार्थिव यथा समय दाहकर्म […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा उत्तरी भारत में गंगोज यानी कि गंगा स्नान के बाद लाए गए जल के पूजन का उत्सव हमेशा से होता रहा है। यह तो गंगाजल की पवित्रता की बात है पर हमारी परम्परा तो ”गंगे च यमुने चैव, गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी, जले अस्मिन्न सन्निध किुरु।।” आज भी हमारे देश […]
डॉ डी0 के0 गर्ग आज कल हमको रावण की दो तरह के रूप दिखाई देते हैं एक मे एक सिर है तो दूसरे मे 10 सिर है. रामलीला मे भी उसका विशाल पुतला बनाया जाता है और उसके भी दस शिश तथा बीस भुजायें बनाई होती है। इतना ही नहीं, उसके मध्यसिर के ऊपर एक […]
क्षमा शर्मा एक महिला ने ऑनलाइन पढ़ाई ठीक से न करने के कारण अपने साढ़े तीन साल के बच्चे को तकिए से गला घोंटकर मार डाला। फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। एक पिता नौकरी चले जाने के कारण अवसाद में था, इसलिए अपने दो बच्चों को मार डाला। आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट […]