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भारतीय संस्कृति

दक्षिण भारत का अवन्ति गुरुकुल, भारत की वैदिक विरासत का बेजोड़ नमूना

गुजरात के नर्मदा जिले के सांडिया गांव में स्थित अवंति गुस्र्कुल में 100 फीसदी जॉब प्लेसमेंट की व्यवस्था है। यहां बालकों को आधुनिक भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर रखकर प्राकृतिक वातावरण में शिक्षा प्रदान की जाती है। यानी सूर्य, चंद्रमा और दीये की रोशनी में। छह वर्षों से संचालित इस गुस्र्कुल में बिजली नहीं है। वर्तमान […]

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नवसंवत्सरोत्सव : भारतीय हिन्दू नववर्ष (प्रथम किस्त)

हिन्दू नववर्ष‘नवसंवत्सरोत्सव’ सृष्टि की उत्पत्ति का प्रकरण हर मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय सृष्टि के प्रारंभ से ही रहा है। इसके लिए कोई भी ऐसा प्रामाणिक साक्ष्य वेदों के अतिरिक्त संसार में प्राप्त होना असंभव है जिससे इस जिज्ञासा की पूर्ण तृप्ति हो सके। वेद तो है ही सब सत्य विद्याओं की […]

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विश्व महिला दिवसः ‘नारी’ की पूजा तो फिर अत्याचार क्यों?

 ललित गर्ग नारी अपने घर में अपने आदर्शों, परंपराओ, सिद्धांतो, विचारों एवं अनुशासन को सुदृढ़ता दे सकें, इसके लिए उसे कुछेक बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। नारी अपने परिवार में सबका सुख-दुख अपना सुख-दुख माने। सबके प्रति बिना भेदभाव के स्नेह रखे। नारी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन तथा मातृशक्ति की अभिवंदना का एक स्वर्णिम […]

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मनुस्मृति और नारी जाति

डॉ. विवेक आर्य भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने कल लिख दिया मनु ने नारी […]

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धार्मिक ग्रन्थों में नारी का तुलनात्मक अध्ययन

प्रियांशु सेठ वर्तमान समय में आज भी हमारे देश में स्त्रियों का अपमान हो रहा है, विभिन्न प्रकार के धार्मिक पुस्तक बनाएं जा रहे हैं, धर्म भी विभाजित कर दिए गए हैं जिसमें स्त्रियों को कलंकित किया जा रहा है जिसका प्रभाव हमारे साधारण भाइयों, जवान युवक पर पड़ रहा है। वो उन्हें सदैव नीच […]

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आर्य समाज का मनुस्मृति के बारे में दृष्टिकोण और नारी

आर्यसमाज का मनुस्मृति के सम्बन्ध में सम्बंधित दृष्टिकोण। प्रायः यह कहा जाता है कि अम्बेडकर और पेरियार के प्रभाव में आकर आर्यसमाज ने मनुस्मृति में मिलावट की बात कही। सत्य यह है कि 1875 में स्थापना से ही आर्यसमाज मनुस्मृति में मिलावट की बात कहता आ रहा है। आज से 100 साल से भी पहले […]

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भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मंदिर संस्कृति

विनोद बंसल (राष्ट्रीय प्रवक्ता : विश्व हिंदू परिषद) अयोध्‍या का राम मंदिर: PM became brand ambassador of Hindu faith-civilization in 20 years, Modi’s contribution in construction of these temples SSA हिन्दू समाज के 500 वर्षों के संघर्ष और 125 वर्षों की कानूनी दाव पेचों के बाद 9 नवंबर 2019 को श्री रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम […]

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भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उदय और विदेशों में मंदिरों को मिला पुनर्जीवन

विदेशों में भी किया मंदिरों को पुनर्जिवित: उन्होंने मंदिरों के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का कार्य न सिर्फ भारत में किया बल्कि मनामा, बहरीन में 200 साल पुराने भगवान श्री कृष्ण श्रीनाथजी (श्री कृष्ण) मंदिर की 4.2 मिलियन डॉलर पुनर्विकास परियोजना का शुभारंभ भी किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 2018 में अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया था। अनुच्छेद 370 व कश्मीर: […]

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भारत का सांस्कृतिक अभ्युदय

-विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप सदियों की परतंत्रता के बाद 1947 में देश को राजनैतिक स्वतंत्रता तो मिली किन्तु, दुर्भाग्यवश उसके सांस्कृतिक स्वरूप पर होने वाले अनवरत हमलों पर कोई विराम न लग सका। स्वतंत्रता के 7 दशकों तक भी हम ना तो अपने मंदिरों को मुक्त कर पाए, न नदियों को, न सांस्कृतिक विरासतों को, […]

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वेलेंटाइन‘डे’के नाम पर मिशनरी विद्यालयों से नियोजनबद्ध ढंग से हिन्दू *संस्कार नष्ट किए जा रहे हैं ! – *श्री. अशोक पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ‘सनातन एकता मिशन’

हिन्दू संस्कृति केवल मानव पर ही नहीं, अपितु सभी से प्रेम करना सिखाती है; परंतु यह ज्ञात न होने से ‘डे’ संस्कृति ‘एन्जॉय’ करने के पीछे पडा हुआ आज का युवावर्ग अपनी शिक्षा एवं ब्रह्मचर्य छोडकर झूठे प्रेम के पीछे दौड रहा है । इसलिए उनमें शारीरिक एवं मानसिक विकृतियां निर्माण होकर उनका जीवन व्यर्थ […]

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