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भारतीय संस्कृति

ओ३म् “वेद मानवता व नैतिक मूल्यों के प्रसारक विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं”

============ सृष्टि का आरम्भ सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान ईश्वर से सभी प्राणियों की अमैथुनी सृष्टि के द्वारा हुआ था। सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य को भाषा व ज्ञान भी परमात्मा से ही मिला। वैदिक संस्कृत भाषा सृष्टि की परमात्मा प्रदत्त आदि भाषा है तथा वेद ज्ञान मनुष्यों को परमात्मा से प्राप्त हुआ प्राचीनतम ज्ञान है। संसार […]

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स्वामीनारायण छपिया मंदिर परिसर के बाहर के प्रसादी स्थल

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी छपिया स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रर्वतक घनश्याम महाराज की जन्म और बचपन की कर्मस्थली है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा और चैत्र पूर्णिमा (कार्तिक और चैत्र मास की पूर्णिमा) पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें हर साल दुनिया के हर हिस्से से लाखों तीर्थयात्री इस स्थान पर आते हैं। छपिया के […]

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*रामेश्वरम मंदिर -समीक्षा*

डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता – रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। रामेश्वरम के विख्यात मंदिर की स्थापना के बारें में यह रोचक कथा है कि राम ने युद्ध के बिना सीताजी को छुड़वाने का बहुत प्रयत्न किए,और इस प्रयास के […]

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मनु और बुद्ध के स्त्री सम्बन्धी विचारों का तुलनात्मक अध्ययन

मनुस्मृति को समझने के लिए उत्तम पुस्तकें – 1 राजर्षि मनु और उनकी मनुस्मृति 2- मनुस्मृति को जाने। दोनो पुस्तकें। ₹400 (डाक खर्च सहित) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप करें। ________ . महर्षि मनु कृत मनु स्मृति में– यत्र नार्य्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रऽफलाः क्रियाः। मनुस्मृति 3/56 अर्थात जिस समाज […]

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ओ३म् “वेद मानवता व नैतिक मूल्यों के प्रसारक विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं”

============ सृष्टि का आरम्भ सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान ईश्वर से सभी प्राणियों की अमैथुनी सृष्टि के द्वारा हुआ था। सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य को भाषा व ज्ञान भी परमात्मा से ही मिला। वैदिक संस्कृत भाषा सृष्टि की परमात्मा प्रदत्त आदि भाषा है तथा वेद ज्ञान मनुष्यों को परमात्मा से प्राप्त हुआ प्राचीनतम ज्ञान है। संसार […]

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ओ३म् “आर्य कौन हैं और इनका मूलस्थान?”

============ मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को ग्रहण करने से बनता है। विश्व में अनेक मत, सम्प्रदाय आदि हैं। इन मतों के अनुयायी हिन्दू, ईसाई, मुसलमान, आर्य, बौद्ध, जैन, सिख, यहूदी आदि अनेक नामों से जाने जाते हैं। मनुष्य जाति को अंग्रेजी में भ्नउंद कहा जाता है। यह जितने मत व सम्प्रदायों के लोग […]

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*गुरु की स्तुति में लिखे मंत्रो का गलत भावार्थ*

डॉ डी के गर्ग विशेषकर गुरु पूर्णिमा के दिन हिन्दू समाज में तथाकथित गुरु लोगों की लॉटरी लग जाती हैं। सभी तथाकथित गुरुओं के चेले अपने अपने गुरुओं के मठों, आश्रमों, गद्दियों पर पहुँच कर उनके दर्शन करने की हौड़ में लग जाते हैं। खूब दान, मान एकत्र हो जाता हैं। ऐसा लगता हैं की […]

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स्वामीनारायण छपिया मंदिर परिसर के प्रसादी स्थल

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी उत्तर भारत के अवध प्रान्त (उत्तर प्रदेश) के अयोध्या धाम से कुछ ही किमी की दूरी पर गोंडा नामक एक अत्यन्त पिछड़े जिले में यह पावन भूमि स्थित है। स्वामी नरायन छपिया, गोंडा जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूरी पर मनकापुर तहसील में पड़ता है। यहां स्वामी नरायन मंदिर प्रशासन यात्रियों […]

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**गणपति की स्तुति में लिखे वेद* *मंत्रों का गलत भावार्थ –* *

डॉ डी के गर्ग गणेश को लेकर अनेकों नाम प्रचलित है जैसे की गणपति, विनायक, गजानन, गणेश्वर, गौरीनंदन, गौरीपुत्र, गणधिपति, सिद्धिविनायक, अष्टविनायक, बुद्धिपति, शुभकर्ता, सुखकर्ता, विघ्नहर्ता,‌‌महागणपति आदि। ये सभी नाम एक दुसरे के पर्याय हो सकते है और नहीं भी । लेकिन गणेश के वास्तविक स्वरूप और स्तुति को लेकर जितनी भ्रांतिया है भ्रांतिया भारतीय […]

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गायत्री मंत्र अर्थ सहित

ओ३म् भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। ओ३म् -हे सर्व रक्षक परमेश्वर आप मेरी रक्षा कर रहे हो आपकी रक्षा से ही सुरक्षित हूँ कृपा मेरी रक्षा करते रहो। भू -आप प्राण को देने वाले हो भव- दुख दुर करने वाले स्व- सुखों व आनन्द को देने वाले हो तत् – […]

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