========== मनुष्य का आत्मा चेतन सत्ता वा पदार्थ है। उसका कर्तव्य ज्ञान प्राप्ति व सद्कर्मों को करना है। ज्ञान ईश्वर व आत्मा संबंधी तथा संसार विषयक दो प्रकार का होता है। ईश्वर भी चेतन आत्मा की तरह से एक चेतन पदार्थ है जो सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, निराकार, सर्वव्यापक एवं सर्वान्तर्यामी सत्ता है। ईश्वर व आत्मा दोनों […]
Category: भारतीय संस्कृति
अघोरी साधु*
अघोरी साधु डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता: अघोर पंथ, अघोर मत या अघोरियों का संप्रदाय, हिंदू धर्म का एक संप्रदाय बताया गया है। इस संप्रदाय की मान्यताओं का पालन करने वालों को ‘अघोरी‘ कहते हैं। अघोरी या औघड़ शब्द की शुरुआत अघोरपंथ से हुई है,जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘उजाले की ओर‘ अथवा ‘पवित्र‘ […]
रेतीले धोरों के बीच झरता है देवी मैया का नेह डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 पश्चिमी राजस्थान का समूचा क्षेत्र दैवीय शक्तियों और दिव्य ऊर्जाओं से आप्लावित माना जाता है। समूचे क्षेत्र में शाक्त उपासना कोने-कोने में विद्यमान होने के साथ ही देवियों और लोक देवियों के प्रति श्रद्धा और आस्था का ज्वार सदियों से उमड़ता […]
• • How to rejuvenate Arya Samaj? • स्वामी सत्यदेव विद्यालंकार आर्य समाज को कठोर हाथों में पकड़ कर एक झकझोर देने की आवश्यकता है, जैसे कि ऋषि दयानन्द ने गहरी नींद में सोये हुए अपने देशवासियों को झकझोर दिया था। स्वामी श्रद्धानन्द जी के बाद आज आर्यसमाज में ऐसा शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति कहीं […]
आज 21 जून है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी की गति के कारण सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय के लिए पृथ्वी पर पड़ेगा ।इसलिए यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होगा। भारतवर्ष के लिए यह सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के रूप में हमारे […]
हमारा अभिवादन क्या हो?*
भाग 2 Dr DK Garg आजकल अभिवादन भी धर्म संप्रदाय,समुदाय और अमीरी गरीबी आदि के हिसाब से बट गए है।जैसे उदाहरण के लिए अधिकांश पढ़े लिखे लोग,दफ्तर और कालेजों में बच्चे से लेकर अभिवादन के लिए गुड मॉर्निंग का प्रयोग करते है। गुरुओं के चेले जैसे रविशंकर के चेले अभिवादन के लिए जय गुरु देव, […]
झूठ की खेती झूठ को हज़ार बार बोलें तो झूठ सच लगने लगता है। आर्यों का बाहर से आक्रमण, यहाँ के मूल निवासियों को युद्ध कर हराना, उनकी स्त्रियों से विवाह करना, उनके पुरुषों को गुलाम बनाना, उन्हें उत्तर भारत से हरा कर सुदूर दक्षिण की ओर खदेड़ देना, अपनी वेद आधारित पूजा पद्धति को […]
अभिवादन का महत्व अभिवादन में नमस्कार, नमस्ते या राम राम आदि? कौन सा अभिवादन ?? भाग 1ये प्रस्तुति 3 भाग मे है। Dr DK Garg सभ्य मानव समाज में अभिवादन की परम्परा उतनी ही पुरानी है जितनी कि व्यवस्थित मानव समाज के अस्तित्व में आने की।भारतीय संस्कृति सहित विश्व की समस्त सभ्यताओं व संस्कृतियों में […]
ईश्वर का एक अन्य नाम विश्वनाथ*
सत्य की खोज Dr DK Garg एक प्रश्न सामने है की क्या बाबा विश्वनाथ भगवान है ? बिलकुल है जी, दूसरा प्रश्न क्या ये कोई अन्य दूसरे भगवान है जो गणेश,लक्ष्मी , शनि, ब्रहस्पति,शंकर आदि से अलग ईश्वर है?तो उत्तर है कि बिलकुल नहीं, क्या विश्वनाथ और शिव एक ही है ?हा बिलकुल, तो फिर […]
अर्थात वेद की 16000 कुछ ऋचाओं के ज्ञाता थे। जिन्हें वास्तविक जानकारी नहीं होती है । इन्हीं 16000 ऋचाओं में श्री कृष्ण जी रमण करते रहते थे ,जिनका मनन करते रहते थे ,जिनमें विचार मग्न रहते थे ,उन्हीं को 16000 गोपिकाऐं कह देते हैं जो श्री कृष्ण जी के चरित्र हनन की सबसे गलत बात […]