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भारतीय संस्कृति

विश्ववारा वैदिक संस्कृति

वेद अपौरूषेय है। सर्वप्रथम सृष्टि में परमबह्म परमात्मा ने अमैथुनी सृष्टि का प्रादुर्भाव कर हमें चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य, अंगिरा के हृदय में अपौरूषेय ज्ञान क्रमशः ऋगवेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को उक्त ऋषियों को दिया। इसी प्रकार सृष्टि के प्रारंभ के प्रथम सत्र में मैथुनी सृष्टि को भी उत्पन्न कर सृष्टि में समस्त […]

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भारतीय संस्कृति

● वेद – आस्तिक्य – यज्ञ – यास्क – वैदिक-भाषा – दयानन्द – आर्यसमाज ● —

● वेद-विमर्श ● स्वामी (डॉ.) सत्यप्रकाश सरस्वती [4 नवम्बर 1983 को महर्षि दयानन्द निर्वाण शती समारोह में आयोजित वेद सम्मेलन में दिए गए अध्यक्षीय भाषण के संकलित अंश । संकलनकर्ता : भावेश मेरजा] 1. अपौरुषेय रचनाओं में जिसकी आस्था है, उसे ही आस्तिक कहते हैं । भौतिक निर्मितियों में भी दो प्रकार की निर्मितियां हैं […]

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भारतीय संस्कृति

नास्तिकों का ईश्वर विषयक एक प्रश्न और उसका उत्तर

● ● किसी पदार्थ के विषय में मतभेद होना उसके अभाव का हेतु नहीं हो सकता (A logical solution to a query raised by the Atheist) पण्डित देवप्रकाश ● नास्तिक का प्रश्न : ईश्वर के मानने वाले जितने भी सम्प्रदाय ओर मत हैं उन सबका ईश्वर की सत्ता और स्वरूप में बड़ा भारी मतभेद है। […]

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भारतीय संस्कृति

ओ३म् “वेदज्ञान और वेदानुकूल आचरण से ही मनुष्य धार्मिक बनता है”

=========== धार्मिक मनुष्य के विषय में समाज में अविद्या पर आधारित अनेक आस्थायें व असद्-विश्वास प्रचलित हैं। इन आस्थाओं पर विचार करते हैं तो इसमें सत्यता की कमी अनुभव होती है। सच्चा धार्मिक मनुष्य कौन होता है? इसका उत्तर यह मिलता है कि सच्चा धार्मिक वही मनुष्य हो सकता है जिसको वेदज्ञान उपलब्ध वा प्राप्त […]

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भारतीय संस्कृति

बिन्दुक्षणी मां का मन्दिर पाली

आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी वंश के रक्षक के रूप में :- कुलदेवी, किसी खास खानदान या कुल की आदि देवी होती हैं।कुलदेवी की पूजा उनके पिंडी या मूर्ति के रूप में की जाती है। वहीं, कुलदेवता को उस कुल के देवता के रूप में पूजा जाता है। कुलदेवी या कुलदेवता कुल या वंश के रक्षक […]

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दादू दुनिया बावरी, कबरे पूजे ऊत।

दादू दुनिया बावरी, कबरे पूजे ऊत। जिनको कीड़े खा गए उनसे मांगे पूत ॥ अजमेर और बहराइच जैसी कब्रों की पूजा करने वाले विचार करें—- लाखों सूरमा वीर हृदय वाले महात्मा जान पर खेल कर धर्म पर बलि दे गये | सीस दिये किन्तु धर्म नहीं छोड़ा | आप जानते हैं जब मुसलमान नहीं आए […]

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भारतीय संस्कृति विविधा

दिवंगत बड़े भाई को छोटे भाई की आदर्श श्रद्धांजलि

मेरा यह लेख अपने पूज्य भ्राता जी,उपनिषदों के ज्ञाता और वैदिक मूल्यों के प्रति समर्पित होकर जीवन जीने वाले प्रो0 विजेन्द्र सिंह आर्य जी के प्रति समर्पित है । जिनका विगत 1 नवंबर 2024 को देहांत हो गया था। मृत्यु से सही 2 दिन पूर्व जब मैं अपने अनुज डॉ राकेश के साथ उनसे मिला […]

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भारतीय संस्कृति

भारत के प्रमुख स्वामीनारायण मंदिर

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी उत्तर प्रदेश में अयोध्या के निकट स्थित छपिया स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रर्वतक घनश्याम महाराज की जन्म और बचपन की कर्मस्थली है। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा और चैत्र पूर्णिमा (कार्तिक और चैत्र मास की पूर्णिमा) पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें हर साल दुनिया के हर हिस्से से लाखों […]

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भारतीय संस्कृति

आर्य समाज हिंदू समाज का विरोधी नहीं बल्कि उसका सुधारक है

आर्य समाज ये नहीं मानता कि श्रीकृष्ण जी माखनचोर थे, गौएँ चुराते थे, गोपियों संग रास रचाते थे, राधा संग प्रेम प्रसंग में लिप्त थे, कुब्जा दासी से समागम किए थे, ईश्वर का अवतार थे । बल्कि ये मानता है कि वे जन्म से लेकर ४८ वर्ष तक ब्रह्मचारी थे, केवल एक रुक्मणी से विवाह […]

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भारतीय संस्कृति

सनातन के मानवीय शाश्वत मूल्य और मानवता

—विनय कुमार विनायक सनातन धर्म के सारे पंथ मत की अच्छाई को धारण करके मानवता बचाई जा सकती विश्व में सच्चाई लाई जा सकती हिन्दू धर्म की खासियत है नारी को देवी माता समझी जाती छोटी कन्याओं का पूजन कर नारी को मातृ रुप मानी जाती सनातनी होके नारी को बलात्कार हत्या से बचाई जा […]

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