विवाह संस्कार विवाह जैसे पवित्र संस्कार को देने वाला भारत सचमुच महान है । क्योंकि उसने जब विवाह संस्कार जैसा पवित्र संस्कार संसार को प्रदान किया तो उसने समाज से सारी अनैतिकता , पापाचार , व्यभिचार को समाप्त करने और मनुष्य को पशु बनने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया । उसकी ओर से […]
Category: भारतीय संस्कृति
वेदारम्भ संस्कार बच्चे का वेदारम्भ संस्कार भी भारत में प्राचीन काल में समारोह पूर्वक संपन्न कराया जाता था । इसका उद्देश्य यही होता था कि बच्चे में सूक्ष्म रूप से ऐसे संस्कार उत्पन्न हों कि वह शिक्षा या विद्या को अपने लिए बोझ न समझे , अपितु उसे अपने जीवन का श्रंगार मानकर सहज रूप […]
9 . कर्णवेध संस्कार कर्णवेध संस्कार को आज की युवा पीढ़ी ने अपनाने से इंकार कर दिया है । स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से इस संस्कार को अंग्रेजीपरस्त लोगों ने हमारे लिए अनुपयोगी सिद्ध करने का प्रयास किया । प्रचलित शिक्षा प्रणाली में हमारे भीतर कुछ इस प्रकार के अवगुण भरने का प्रयास किया […]
7 — अन्नप्राशन संस्कार जब बालक 6 माह का हो जाए तो उसे पहली बार अन्न ग्रहण कराया जाना चाहिए । शास्त्रों की व्यवस्था है कि इस अवसर पर भी यज्ञ करना चाहिए । जिससे पहली बार अन्न ग्रहण करने वाले बालक के हृदय और मस्तिष्क में यज्ञ की परोपकारी भावना विकसित हो। उसका एक […]
5 नामकरण संस्कार बच्चे के नामकरण संस्कार के बारे में हमारे विद्वानों की मान्यता रही कि नाम सार्थक होने चाहिए। जिससे बच्चे में जीवन भर एक भाव बना रहे कि तुझे अपने नाम को सार्थक करना है । हमारे यहां पर विष्णु , महेश , ब्रहम , ब्रह्मदेव , ज्ञानानन्द , रामानन्द , शिवानन्द जैसे […]
ऋषिकेश के प्रमुख आकर्षण
आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी ऋषिकेश उत्तरखण्ड के देहरादून ज़िले में देहरादून के निकट एक नगर है। यह गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है और हिन्दुओं का एक तीर्थस्थल है, जहाँ प्राचीन सन्त उच्च ज्ञानान्वेषण में यहाँ ध्यान करते थे।नदी के किनारे कई मन्दिर और आश्रम बने हुए हैं। इसे “गढ़वाल हिमालय का […]
3 – सीमन्तोन्नयन संस्कार इस संस्कार के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास करने का विधान किया गया है । सीमन्त का अर्थ ही मस्तिष्क है और उन्नयन का अर्थ उसका विकास करना है । कहने का तात्पर्य है कि जिस संस्कार के माध्यम से बच्चे का मानसिक विकास किया जाए उसे सीमंतोन्नयन […]
अब हम इस अध्याय में उन 16 संस्कारों का संक्षिप्त विवरण देंगे जो भारत की अथवा हिंदुत्व की चेतना के मूल स्वरों में सम्मिलित हैं । अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इन 16 संस्कारों को दो भागों में विभक्त कर लिया है । पहले अध्याय में हम पहले 8 संस्कारों के बारे में तो […]
नहले पर दहला
एक मतान्ध आकर बोला की आर्यसमाज और इस्लाम तो एक ही हैं। दोनों निराकार ईश्वर को मानते है और दोनों मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं करते। मैंने कहा आपको पूरी जानकारी नहीं हैं। ईश्वर और अल्लाह एक नहीं हैं। ईश्वर वो है जिनके विषय में वेदों में बताया गया हैं। अल्लाह वो है जिनके विषय में […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम जन्म लेने के बाद संसार में अस्तित्वमान विशाल ब्रह्माण्ड व इसके प्रमुख घटकों सूर्य, चन्द्र तथा पृथिवी सहित असंख्य तारों को झिलमिलाते हुए देखते हैं। पृथिवी कितनी विशाल है इसका अनुमान करना भी सबके बस की बात नहीं है। इस सृष्टि में मनुष्य व सभी प्राणियों के उपभोग की सभी […]