यह वैराग्य क्या है? महर्षि पतञ्जलि महाराज ने वैराग्य की परिभाषा करते हुए योगशास्त्र में लिखा है― दृष्टानुश्रविकविषयवितृष्णस्य वशीकारसंज्ञा वैराग्यम् । ―(योग० १/१५) अर्थात्― देखे और सुने हुए विषयों की तृष्णा का भी मन में न रहना वैराग्य कहलाता है। जब सांसारिक विषयों की मन में इच्छा भी नहीं रहती तो मनुष्य का ध्यान परमात्मा […]
Category: भारतीय संस्कृति
श्रीराम का कर्तव्य पथ
त्रेता में स्वर्गिक वातावरण व्याप्त था। हर वृद्ध को पूजा व सत्कार के योग्य समझा जाता था और हर नारी को देवी मानकर पूजा जाता.राम केवल वाल्मीकि रामायण के ही नायक नहीं अपितु आदि आर्यावर्त को एक सूत्र में जोड़ने वाली आल्हादक शक्ति हैं। उनका प्रेरणादायक और विलक्षण व्यक्तित्व आज भी उतना ही प्रासंगिक है […]
✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी यह तर्क हमेशा दिया जाता रहा है कि अगर बाबर ने राम मंदिर तोड़ा होता तो यह कैसे सम्भव होता कि महान रामभक्त और राम चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास इसका वर्णन पाने इस ग्रन्थ में नहीं करते । यही प्रश्न इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष भी था। […]
✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी रामचरितमानस एहि नामा। सुनत श्रवण पिया बिश्रमा मन करि बिषय अनल बन जरै। होइ सुखी जौं एहिं सर पराई॥ (इसका नाम रामचरितमानस है, जिसका अर्थ है जप को शांति मिलती है। मनरूपी हाथी विषयरूपी दावानल में जल रहा है, वह यदि इस रामचरितमानस रूपी झील में आ पड़े तो […]
✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी अयोध्या हिन्दुओं के प्राचीन और सात पवित्र स्थानों में से एक रहा है। हिन्दू धर्म में मोक्ष पाने को बेहद महत्व दिया जाता है। पुराणों के अनुसार सात ऐसी पुरियों का निर्माण किया गया है, जहां इंसान को मुक्ति प्राप्त होती है। मोक्ष यानी कि मुक्ति, इंसान को जीवन- […]
प्राचीन उज्जैन में हुए प्रतापी राजा भर्तृहरि अपनी तीसरी पत्नी पिंगला पर कुछ अधिक ही मोहित थे और वे उस पर अत्यंत विश्वास करते थे। राजा पत्नी मोह में अपने कर्तव्यों को भी भूल गए थे। उस समय उज्जैन में एक तपस्वी गुरु गोरखनाथ का आगमन हुआ। गोरखनाथ राजा के दरबार में पहुंचे। भर्तृहरि ने […]
महायज्ञ एवं महाव्रत अनुष्ठान”*
” 1- *” यज्ञरूप प्रभु से प्रेरणा – ईश्वर की असीम अनुकम्पा से महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 200 वीं जन्मशता ब्दी एवं आर्य समाज मंदिर, मुरार, ग्वालियर के 95 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में *” सामवेद पारायण महायज्ञ एवं भव्य शोभायात्रा” का समायोजन ” दिनांक- 9,10,11,12 दिसम्बर,2023 में प्रातः- 9 से 12 […]
यह एक एतिहासिक तथ्य है कि प्रभु श्री राम ने लंका पर चढ़ाई करने के उद्देश्य से अपनी सेना वनवासियों एवं वानरों की सहायता से ही बनाई थी। केवट, छबरी, आदि के उद्धार सम्बंधी कहानियां तो हम सब जानते हैं। परंतु, जब वे 14 वर्षों के वनवास पर थे तो इतने लम्बे अर्से तक वनवास […]
संन्यास संस्कार सम्यक न्यास अर्थात विचारपूर्वक दूरी बना लेना , अथवा ऐसा भाव उत्पन्न कर लेना कि अब मैं न्यासी या ट्रस्टी हो गया हूँ । मैं निरपेक्ष हो गया हूँ । मैं राग और द्वेष से ऊपर उठ गया हूँ । अब मुझे न किसी से अधिक लगाव है ना किसी से द्वेष है […]
हिंदुत्व, लड्डू और बैंकाक
राकेश अचल – विनायक फीचर्स बैंकॉक में तीन दिवसीय विश्व हिंदू कांग्रेस का सम्मेलन सम्पन्न हो गया और इसकी गूँज पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के प्रचार में नहीं सुनाई नहीं दी, ये हैरानी की बात है। बैंकाक दुनिया में किस बात के लिए मशहूर या बदनाम है ये बताने की जरूरत नहीं है । […]