#डॉविवेकआर्य देश के केंद्रीय विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना संस्कृत और हिंदी में पढ़ी जाती हैं। इस प्रार्थना का संस्कृत भाग उपनिषद्, महाभारत आदि ग्रंथों की शिक्षाओं पर आधारित होता हैं जैसे “असतो मा सद्गमय तमसो माँ ज्योतिर्गमय” तथा “दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना” आदि। मध्य प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने […]
Category: भारतीय संस्कृति
ललित गर्ग:- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम मंदिर के सफल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और एक धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि लोगों द्वारा उनके प्रति दिखाए गए प्यार और स्नेह ने उन्हें ‘जननायक’ के रूप में स्थापित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पढ़े गए […]
लेखक- पं० युद्धिष्ठिर मीमांसक जिस समय योरोपीय देशों में वेदार्थ जानने के लिए प्रत्यन हो रहा था, उसी समय भारत में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने एक सर्वथा नई दृष्टि से वेदार्थ करने का उपक्रम किया। स्वामी दयानन्द का वेदार्थ इन दोनों प्रकार के वेदार्थों से भिन्न था। स्वामी दयानन्द ने वेदार्थ की प्राचीन और अर्वाचीन […]
वेद वाणी मधुशास्त्र विद्या की महिमा का वर्णन है, मेरी जिह्वा के अग्रभाग और मूल में मिठास का झरना हो, मेरे प्रत्येक कर्म और बुद्धि, अन्त:करण में मधुरता हो! (जिह्वाया अग्रे मधु मे जिह्वा मूले मधुलकम्!ममदेह क्रतावसो मम चित्तमुपायसि!) अथर्व १-३४-२ शब्दार्थ मे जिह्वाया: अग्रे मधु जिह्वामूले मधूलकम् मेरी जिह्वा के अग्रभाग में मिठास हो, […]
अष्टाचक्रा दिव्य अयोध्या
✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी अयोध्या वैकुंठ नगर है :- अयोध्या को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी सम्पन्नता की तुलना स्वर्ग और मानव शरीर के आत्म तत्व परम पिता परमेश्वर से की गई है। जो देवताओं, राक्षसों,शत्रुओं तथा पातक समूह से जीती ना जा सके उसे अयोध्या कहते हैं। […]
“ निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ प्रण कीन्ह!” “…भय विन होत न प्रीत” आजकल लगभग सभी समाचार पत्रों सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं और टीवी समाचार चैनलों में “श्रीराम जन्म भूमि मंदिर” अयोध्या धाम में श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के शुभाअवसर पर अति उत्साहित व भक्ति रस में डूबे हुई कार सेवकों की संघर्ष […]
22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न होने जा रही है। पिछले लगभग 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात श्रीराम लला टेंट से निकलकर एतिहासिक भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। न केवल भारत के […]
भारत की राष्ट्रीय चेतना को आर्ष ग्रंथों ने बहुत अधिक प्रभावित किया है । दीर्घकाल तक भारतीय संस्कृति की प्रेरणा के स्रोत बने इन ग्रंथों ने भारत के राष्ट्रीय मानस को ,राष्ट्रीय चेतना को , राष्ट्रीय परिवेश को और राष्ट्रीय इतिहास को इतना अधिक प्रभावित किया है कि इनके बिना भारतीयता के उद्बोधक इन सभी […]
प्रणाम की प्रक्रिया और उसका महत्व
मनुष्य अनादि काल से अपना पूरा जीवन आत्मा और परमात्मा के गूढ़ रहस्य को जानने की जिज्ञासा में रेगिस्तान में जल के लिये भटकते एक मृगतृष्णा की भांति समाप्त कर देता है और वह तामसिक प्रवृत्तियों के गहन अंधकार में निमग्न रहकर प्रणाम, प्रार्थना और विसर्जन के मूल तत्व तक से अनभिज्ञ बना रहता है। […]
भगवान श्री राम का पावन चरित्र
आज देश में चारों ओर एक ही नाम की प्रसिद्धि छाई हुई है और वो नाम है श्री राम का । कारण कि लगभग 500 वर्षों से देश जिस संघर्ष से जूझ रहा था उसका अंततः समापन हुआ और 5 अगस्त 2020 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के करकमलों से राम […]