manu mahotsav banner 2
Categories
अन्य भारतीय संस्कृति

मुजफ्फरनगर में भारतीय संस्कार और संस्कृति से जुड़ा एक अनोखा गांव ऐसा भी

आर्य सागर मुजफ्फरनगर। टिटोड़ा जनपद मुजफ्फरनगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ऐसा अनोखा गांव है जो पिछले 77 वर्षों से होली पर 3 दिन का यज्ञ महोत्सव आयोजित करता आ रहा है। जिस पर समसामयिक ज्वलंत विषयों पर वैचारिक गोष्ठी होती है ,जिसमें सभी अतिथि विद्वान वक्ता ग्रामीण सहभागी होते हैं। वैदिक जगत का ऐसा कोई […]

Categories
अन्य आओ कुछ जाने भारतीय संस्कृति महत्वपूर्ण लेख

धार्मिक ग्रन्थों में नारी का तुलनात्मक अध्ययन

प्रियांशु सेठ वर्तमान समय में आज भी हमारे देश में स्त्रियों का अपमान हो रहा है, विभिन्न प्रकार के धार्मिक पुस्तक बनाएं जा रहे हैं, धर्म भी विभाजित कर दिए गए हैं जिसमें स्त्रियों को कलंकित किया जा रहा है जिसका प्रभाव हमारे साधारण भाइयों, जवान युवक पर पड़ रहा है। वो उन्हें सदैव नीच […]

Categories
भारतीय संस्कृति

मनुस्मृति और नारी जाति

डॉ विवेक आर्य भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने लिख दिया मनु ने नारी जाति […]

Categories
भारतीय संस्कृति महत्वपूर्ण लेख

व्यक्ति का वास्तविक विकास किसे कहते हैं?

जीवन में विकास तो होना ही चाहिए। परंतु वास्तविक विकास किसे कहते हैं, यह विचार करना आवश्यक है। व्यक्ति जो कुछ भी करता है, वह सुख की प्राप्ति तथा दुख की निवृत्ति के लिए करता है। विकास किए बिना व्यक्ति न तो सुख की प्राप्ति कर सकता है, और न ही दुख की निवृत्ति। इसलिए […]

Categories
आज का चिंतन भारतीय संस्कृति

माता पिता की सेवा से ही सन्तान का जीवन सुखी व सफल होता है

मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में माता-पिता के द्वारा जन्म प्राप्त पर यहां आये हैं। यदि हमारे माता-पिता न होते तो हमारा जन्म नहीं हो सकता था। हमारे जन्म की जो प्रक्रिया है उसमें हमारे माता-पिता को अनके प्रकार के कष्ट उठाने तथा पुरुषार्थ करने पड़ते हंै। यह ऐसा कार्य है कि जो कोई […]

Categories
आर्य समाज भारतीय संस्कृति व्यक्तित्व शिक्षा/रोजगार

विद्या : धर्म का आठवाँ लक्षण

दयानन्द ने विद्या प्राप्त करने की प्रेरणा अनेक स्थलों पर दी है। – अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए। – विद्या का जो पढ़ना-पढ़ाना है यही सबसे उत्तम है। – स्वाध्याय (पढ़ना) और प्रवचन (पढ़ाना) का त्याग कभी नहीं करना चाहिए। – विद्यादि शुभ गुणों को प्राप्त करने के प्रयत्न में अत्यंत […]

Categories
भारतीय संस्कृति

भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक कुंभ का मेला

सारी दुनिया जानती और मानती है कि भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र है। अपनी अति विशिष्ट भौगोलीय स्थिति के कारण भारत सदा से विश्व के लिए उत्सुकता का केन्द्र रहा है। हिमाच्छादित पर्वतों से रेगिस्तान तक, कल-कल बहती सदानीरा नदियों से पठार तक, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर घाटियों से विशाल समुन्द्र तक, अंडमान सरीखे टापुओं से […]

Categories
आर्थिकी/व्यापार भारतीय संस्कृति

भारत में दान करने की प्रथा से गरीब वर्ग का होता है कल्याण

भारत में हिंदू सनातन संस्कृति के संस्कारों में दान दक्षिणा की प्रथा का अलग ही महत्व है। भारत में विभिन्न त्यौहारों एवं महापुरुषों के जन्म दिवस पर मठों मंदिरों, गुरुद्वारों एवं अन्य पूजा स्थलों पर समाज के सम्पन्न नागरिकों द्वारा दान करने की प्रथा अति प्राचीन एवं सामान्य प्रक्रिया है। गरीब वर्ग की मदद करना […]

Categories
भारतीय संस्कृति

भारत के 43 विश्व धरोहर स्मारक

आचार्य डा. राधेश्याम द्विवेदी विश्व धरोहर सप्ताह हर साल 19 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे विश्व में मनाया जाता है। विश्व विरासत स्थल ऐसे विशेष स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन […]

Categories
भारतीय संस्कृति

वेदों के आविर्भाव विषयक महर्षि दयानन्द जी के मन्तव्य •

• [भूमिका : 1882 में उदयपुर में स्वामी दयानन्द जी का मौलवी अब्दुर्रहेमान से एक शास्त्रार्थ हुआ था। यह शास्त्रार्थ स्वामी जी के शास्त्रार्थ संग्रह में एवं जीवनचरित्र में उपलब्ध है। ईश्वर वेद के माध्यम से ज्ञान एवं भाषा दोनों का आविर्भाव करता है, यह बात स्वामी जी ने प्रतिपादित की है। इस शास्त्रार्थ के […]

Exit mobile version