Categories
आज का चिंतन

हवन का वैज्ञानिक महत्व

🌼🌼हवन का महत्व 🌼🌼 फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें उन्हें पता चला कि हवन मुख्यतः *आम की लकड़ी पर ही किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है, तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है। जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है तथा वातावरण को […]

Categories
आज का चिंतन

प्रीति रीति की नीति और आत्मा का संकेत

  संसार में एक व्यक्ति मुमुक्षु है एक मुमूर्षु है। मुमुक्षु वह है जो मुक्त की इच्छा लेकर चलता है, मोक्षाभिलाषी है और जो संसार के सारे बंधनों को काटकर ईश्वर के प्रति प्रीति पैदा करने का प्रयास करता रहता है। मुमूर्षु वह है जो मृत्यु की इच्छा करता रहता है, मृत्यु का चिंतन करता […]

Categories
आज का चिंतन

वैदिक धर्म के अनुसार आचरण बनाकर जीवन को सफल बनाएं

ओ३म् =========== महाभारत के बाद वैदिक धर्म का सत्यस्वरूप विलुप्त हो गया था और इसमें अनेक अन्धविश्वास, पाखण्ड एवं मिथ्या परम्परायें सम्मिलित हो गई थी जिससे आर्य जाति का नानाविध पतन व पराभव हुआ। ऋषि दयानन्द ने वेदों का पुनरुद्धार करने सहित वेद प्रचार करते हुए आर्यसमाज की स्थापना कर वैदिक धर्म को देश देशान्तर […]

Categories
आज का चिंतन

कंकर से शंकर

कंकर से शंकर (दार्शनिक विचार) #डॉविवेकआर्य आज महाशिवरात्रि का पर्व है। यह वही रात है जब बालक के रूप में मूल शंकर ने शिवरात्रि का व्रत रखा। निराहार रहकर शिवजी के दर्शन का संकल्प लिया। शिवलिंग पर चूहों की उछल-कूद देखकर बालक के मन में उठी जिज्ञासा ने मूल शंकर को स्वामी दयानन्द बना दिया। […]

Categories
आज का चिंतन

वेदों में सच्चे शिव का वर्णन

प्रियांशु सेठ वेदों के शिव– हम प्रतिदिन अपनी सन्ध्या उपासना के अन्तर्गत नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च(यजु० १६/४१)के द्वारा परम पिता का स्मरण करते हैं। अर्थ- जो मनुष्य सुख को प्राप्त कराने हारे परमेश्वर और सुखप्राप्ति के हेतु विद्वान् का भी सत्कार कल्याण करने और […]

Categories
आज का चिंतन

ऋषि की मथुरा जन्म शताब्दी का ऐतिहासिक भाषण श्री पंडित चमूपति जी का व्याख्यान

देवियो और भद्र पुरुषो! मैं तो मथुरा नगरी में शिष्य रूप से आया था, न कि इस वेदी पर खड़ा होकर व्याख्यान देने के लिए। मैं तो यह विचार मन में रखकर आया था कि अब गुरु की नगरी में चलता हूं। वहां पद-पद पर शिक्षा ग्रहण करूंगा और उन शिक्षाओं को अपने जीवन का […]

Categories
आज का चिंतन हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

यदि ऋषि दयानन्द ना होते तो आज आर्य हिंदू जाति बहुत ही दुर्दशा को प्राप्त होती

ओ३म् ============= मनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान के अनुरूप […]

Categories
आज का चिंतन इतिहास के पन्नों से

पण्डित लेखराम की महर्षि दयानंद से भटका देश व समाज पर प्रभाव

ओ३म् पंडित लेखराम जी स्वामी दयानन्द जी के प्रारम्भ के प्रमुख शिष्यों में से एक रहे जो वैदिक धर्म की रक्षा और प्रचार के अपने कार्यों के कारण इतिहास में अमर हैं। उन्होंने 17 मई, सन् 1881 को अजमेर में ऋषि दयानन्द से भेंट की थी और उनसे अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया था। […]

Categories
आज का चिंतन

हमारे कर्म के अनुसार ही ईश्वर हमें सुख व दुख देते हैं

ओ३म् हम लोगों का जन्म मनुष्य के रूप में स्त्री या पुरुष किसी एक जाति में हुआ है। यह जन्म हमें किसने, क्यों तथा किस आधार पर दिया है, इसका ज्ञान हमें माता, पिता, देश व समाज द्वारा नहीं कराया जाता। हमारे ऋषियों ने ईश्वरीय ज्ञान वेद तथा वेदों के व्याख्या ग्रन्थों में उपलब्ध इन […]

Categories
आज का चिंतन

वैदिक धर्मियों के लिए राष्ट्र वंदनीय है तथा सत्यार्थ प्रकाश का पोषक है

ओ३म् ========= संसार में मत-मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु-पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को सभी प्राणियों […]

Exit mobile version