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आज का चिंतन

माता पिता अपने बच्चों को आत्मनिर्भर और पुरुषार्थी बनाएं, पराधीन और आलसी नहीं : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

“अपने बच्चों को आत्मनिर्भर तथा पुरुषार्थी बनाएं। पराधीन और आलसी नहीं।” हो सकता है, आप धनवान व्यक्ति हों। आपके घर में बहुत संपत्ति हो। कुछ नौकर चाकर भी हों। और वे आपका सब काम कर सकते हों, करते भी होंगे। “परंतु जैसे आप पुरुषार्थी हैं, अपना बहुत सा कार्य स्वयं करते हैं। अपने काम की […]

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गुरुकुल में समिधा हाथ में लेकर शिष्य गुरु के पास क्यों जाता था ?

“समिधा गीली होने अथवा दोषयुक्त होने से कभी अग्नि को धारण नहीं कर सकती। आचार्य के पास जाकर उनकी ज्ञानाग्नि में स्वयम् को जलाए बिना उन जैसा बन पाना सम्भव नहीं और उसके लिये श्रद्धा और मेधा का होना अत्यावश्यक है।” अग्ने समिधमाहार्षं बृहते जातवेदसे। स मे श्रद्धां च मेधां च जातवेदाः प्र यच्छतु।। -अथर्व०१९।६४।१ […]

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मनुष्य की ही तरह पशु पक्षियों को भी जीने का अधिकार है

ओ३म् ====== परमात्मा ने संसार में जीवात्माओं के कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी-योनियों को बनाया है। हमने अपने पिछले जन्म में आधे से अधिक शुभ व पुण्य कर्म किये थे, इसलिये ईश्वर की व्यवस्था से इस जन्म में हमें मनुष्य जन्म मिला है। जिन जीवात्माओं के हमसे अधिक अच्छे कर्म थे, उन्हें अच्छे माता-पिता व […]

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अपने बच्चों को आत्मनिर्भर और पुरुषार्थी बनाएं, पराधीन और आलसी नहीं : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

हो सकता है, आप धनवान व्यक्ति हों। आपके घर में बहुत संपत्ति हो। कुछ नौकर चाकर भी हों। और वे आपका सब काम कर सकते हों, करते भी होंगे। “परंतु जैसे आप पुरुषार्थी हैं, अपना बहुत सा कार्य स्वयं करते हैं। अपने काम की जिम्मेदारी को समझते हैं। इसी प्रकार से अपने बच्चों को भी […]

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शक के ‘घेरे’ में महिलाओं पर ही अत्याचार क्यों ?

मोनिका शर्मा पिछले दिनों एक खबर आई कि राजस्थान के प्रतापगढ़ में एक महिला को तीन महीने तक लोहे की सांकलों से बांधकर पीटा जाता रहा। पति और बेटे समेत परिवार के पांच लोगों ने उसे बेड़ियों में जकड़ कर रखा था। उन्हें उसके चरित्र पर शक था, जिसके चलते उस महिला के साथ उन्होंने […]

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‘ये मुआवज़ा नहीं चलेगा, नहीं चलेगा’

राजशेखर चौबे क्या ऐसा कोई है जो अपनी प्रशंसा सुनकर प्रसन्न न होता हो और क्या कोई ऐसा है, जो अच्छे काम का श्रेय न लेना चाहे। कोरोना की दूसरी लहर में सभी राज्यों को ऑक्सीजन की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करना, देश के सभी वयस्कों को निःशुल्क टीकाकरण का अधिकार दिलवाना और कोविड-19 के कारण […]

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हर रोज लड्डू खाने को नहीं मिलते और हर रोज आंधी तूफान भी नहीं आते : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

कभी सुख कभी दुख, कभी लाभ कभी हानि, कभी अनुकूलता कभी प्रतिकूलता, यह तो जीवन में चलता ही रहता है। यही तो जीवन है। जैसे गंगा आदि नदी के दायां और बायां दो किनारे होते हैं, ऐसे ही संसार रूपी नदी के भी सुख और दुख रूपी दो किनारे हैं। कभी जीवन रूपी नैया सुख […]

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मोहन भागवत का बयान और अखण्ड भारत

ललित गर्ग बेहद दुखद है कि दुनिया के सबसे बड़े गैर राजनैतिक संगठन के प्रमुख मोहन भागवत जब हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दे रहे हैं, तब कुछ नेता इसके लिए अतिरिक्त कोशिश कर रहे हैं कि हमारा समाज एकजुटता-सद्भावना की ऐसी बातों पर ध्यान न दे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ से […]

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मोदी जी यदि वास्तविक रूप में प्रशासनिक सुधार चाहते हो तो केवल पत्तों को सींचने से काम नहीं चलेगा, जड़ों को भी सींचने की आवश्यकता

ललित गर्ग ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की करप्शन इंडेक्स रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले में भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी भाजपा सरकार अपने पिछले कार्यकाल से ही सरकारी दफ्तरों के कामकाज में सुधार लाने के प्रयास करती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सत्ता संभाले आठवां साल […]

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अग्निहोत्र करने से वेद सफल हो जाते हैं : स्वामी धर्मेश्वरानंद सरस्वती

ओ३म् ========= [निवेदन- स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज के उच्चकोटि के संन्यासी, विद्वान, प्रचारक एवं गुरुकुलों के संचालक थे। कुछ वर्ष पूर्व उनका अचानक हृदय गति रुक जाने से देहावसान हो गया था। हमने अनेक स्थानों पर उनको अनेक बार सुना है। वह जब भी मिलते थे हमें स्नेह देते थे। उनका व्यक्तित्व भी सुन्दर […]

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