उपनिषद रहस्य 1200पृष्ठ सजिल्द मूल्य 380₹ (डाक खर्च सहित) प्राप्ति के लिए 7015591564 पर व्हाट्सएप सन्देश भेजिए। 🔥 ओ३म् 🔥 🌷उपनिषद् की प्रेरक कथा🌷 छान्दोग्य-उपनिषद् में एक कथा आती है। भारत में महाराजा अश्वपति उस समय राज्य कर रहे थे। एक बहुत बड़ा वैश्वानर यज्ञ उनकी राजधानी में होने वाला था। पाँच महानुभाव ब्रह्मज्ञान की […]
Category: आज का चिंतन
बिखरे मोती : साधु की पहचान
साधु की वाणी सदा, हृदय को छू जाय, बिना पते का दीप है, जाने कहां मिल जाय॥1636॥ व्याख्या:- साधु से अभिप्राय सत्पुरुष से है, सज्जन से है अर्थात् भद्र-पुरुष से है, भले व्यक्ति से है। साधु के हृदय में ऋजुता होती है यानी कि उसके हृदय में कोमलता होती है,निष्कपटता होती है कुटिलता कोसों दूर […]
ललित गर्ग एक आदर्श एवं संतुलित इंसान की सर्वोपरि प्राथमिकता है उसका हंसता हुआ चेहरा एवं मुस्कराती हुई जीवनशैली। हंसते रहना एक दैवी गुण है, जिस पर अमीरों की सुविधाएं न्यौछावर की जा सकती हैं। हंसने की आदत चित्त को हल्का बनाती है और शरीर को निरोग, दीर्घजीवी एवं सुंदर बनने की सुविधा उत्पन्न करती […]
नए ईसाई वर्ष का आरंभ होनेवाला है, हम इसका स्वागत करने के लिए तैयार हुए हैं; किन्तु यह लेख सभी को यह बताने के लिए संकलित किया गया है कि इस नए वर्ष का इतिहास कितना भ्रमित करने वाला और तर्कहीन है। इस लेख में यह जानकारी मिलती है कि अंग्रेजी नव वर्ष कैसे प्रारम्भ […]
मनुष्य जीवन और पंच महायज्ञ
किसी भी संप्रदाय, मत, धर्म के मानने वालों के लिए कुछ आवश्यक कार्य निर्देशित किए जाते हैं, दुर्भाग्य से उस धर्म के अनुयाई उस मत का होने का दावा तो करते हैं, परंतु उसके आवश्यक कार्य नहीं करते, अधिकतर को तो यह भी नहीं पता होता कि उस धर्म के क्या कार्य हैं, उसमें वैदिक […]
“जो लोग जीवन का वास्तविक आनन्द लेना चाहते हैं, उन्हें तीन व्यक्तियों {माता, पिता और गुरुजनों} के साथ कभी टकराव नहीं करना चाहिए। सदा उनका सम्मान करना चाहिए।” आपने वीर शिवाजी, श्रीराम चन्द्र जी महाराज, और महर्षि दयानंद सरस्वती जी का नाम तो अवश्य ही सुना होगा। “वीर शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई जी के […]
डॉ.चन्द्रकुमार जैन हम अपने मन में चल रहे अविवेकपूर्ण व अतार्किक विचारों से परेशान रहते हैं जिसका हमारे दैनिक जीवन और कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।ये विचार सफल व्यक्ति को असफल व्यक्ति से अलग करते हैं। ये विचार सभी क्लेशों और युद्दों की जड़ हैं क्योंकि अचेतन एवं अतार्किक विचारधारा ही सभी युद्धों को […]
डॉ.चन्द्रकुमार जैन पानी का अपना कोई आकार नहीं होता। उसे जिस पात्र में भी डालते हैं, वह उसी का आकार ले लेता है। इसी तरह चित्त का भी अपना कोई आकार नहीं होता। उसको जिस ख्याल में आप रखेंगे, उसी के मुताबिक हो जाएगा। चिंतन का अर्थ होता है, मन का किसी एक विचार में […]
आध्यात्मिकता की अनुभूति
लेखक- महात्मा नारायण स्वामी प्रस्तोता- दीपक हाडा, प्रियांशु सेठ संसार के अधिकतर मनुष्य आध्यात्मिकता को अच्छा समझते हैं, परन्तु बहुत थोड़े मनुष्य ऐसे मिलेंगे जो शब्द को अच्छा मानने के साथ इनका प्रायोजन भी समझते हैं। मानव का बाह्य भाग शरीर है तथा भीतरी भाग आत्मा, अत: आध्यात्मिकता शब्द ही (जो आत्मा से सम्बन्धित है) […]
अखंड ज्योति यज्ञ का सूक्ष्म विज्ञान किसी भी अणु, परमाणु और विराट के रहस्यों से कम आश्चर्यजनक नहीं है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में यद्यपि दवा की टिकिया देकर रोग निदान का प्रतिशत सर्वाधिक है, तथापि रक्त में सीधी औषधि पहुँचाने की इंजेक्शन प्रणाली को ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। यह एक विलक्षण सत्य है कि […]