ऋग्वेद की अनूठी ऋषिका: रात्रि देवी को भी मान दिलाने वाली #रात्रिर्वा_भारद्वाजी वह रात्रि है,अपने साथ अन्धकार तो लाती ही है;परन्तु उस अंधकार में जीवन होता है।उसमें नित नवीनता होती है,उसमें दिन का समापन नहीं होता अपितु वह स्वयं से साक्षात्कार का अवसर देती है।यह रात्रि नष्ट होने वाली रात्रि नहीं है,बल्कि यह रात्रि हमें […]
Category: आज का चिंतन
गायत्री मंत्र और महिलाएं
प्रियांशु सेठ आज के युग में हिन्दू समाज में एक भ्रान्ति फैली हुई है कि गायत्री मन्त्र के जप का अधिकार स्त्रियों को नहीं है। ये हमारे शास्त्रों के विरुद्ध है। प्राचीन काल में सभी स्त्रियां व पुरुष नित्य गायत्री की उपासना करते थे किन्तु आज ये नहीं होता। आजकल पौराणिक गुरु अपने चेले […]
💐 *भक्ति का प्रथम मार्ग है* *सरलता:*💐
एक आलसी लेकिन भोलाभाला युवक था आनंद। दिन भर कोई काम नहीं करता बस खाता ही रहता और सोता रहता। घर वालों ने कहा चलो जाओ निकलो घर से, कोई काम धाम करते नहीं हो बस पड़े रहते हो। वह से घर से निकल कर यूं ही भटकते हुए एक आश्रम पहुंचा। वहां उसने देखा […]
#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू समाज में शिवजी भगवान को कैलाशपति, नीलकंठ आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया है। जिसमें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी भांग का सेवन करते हुए दिखाए गए है। वेदों में शिव ईश्वर का एक नाम है जिसका अर्थ कल्याणकारी है एवं एक नाम रुद्र है जिसका अर्थ […]
—————- सत्यार्थ प्रकाश के १३वें समुल्लास में एक स्थान पर ऋषि दयानन्द ने लिखा है – “यह भी विदित हुआ कि ईसा ने मनुष्यों के फसाने के लिये एक मत चलाया है कि जाल में मच्छी के समान मनुष्यों को स्वमत में फसाकर अपना प्रयोजन साधें । जब ईसा ही ऐसा था, तो आजकल के […]
( महाशिवरात्रि पर विशेष आलेख) जो मूढ होते हैं वह गूढ़ को न समझ कर रूढ़ की बात करते हैं, ऐसे मूढ लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान विद्वान , सत्यान्वेषी, सत्यपारखी ,सत्याग्रही, लोगों के समक्ष एक प्रकरण उद्धत करना चाहूंगा।गूढ को यदि समझ लें तो मूढ़ता, अज्ञानता , अविद्या, अविवेकता, मूर्खता समाप्त होती है। […]
( पुरुष नसबंदी की कम लागत और सुरक्षित प्रक्रिया के बावजूद, भारत की एक तिहाई से अधिक यौन सक्रिय आबादी में महिला नसबंदी को क्यों अपनाया जा रहा है ? पुरुष नसबंदी का विकल्प नगण्य-सा है। हमारे राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि वर्तमान में 15-49 वर्ष […]
आत्मबल से ही मिलता है लक्ष्य
योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ आज हमारी सबसे बड़ी समस्या यह हो गई है कि हम अपने अंतर्मन की आवाज़ को अनसुना कर देते हैं। सच यह है कि हमारे जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव भी उतने ही स्वाभाविक हैं, जितना कि संसार में मौसम का बदलना, पेड़-पौधों का मुरझाना और दोबारा उन पर नयी कोपलें […]
ओ३म् ======== स्वामी वेदानन्द तीर्थ आर्यसमाज के एक शीर्ष व प्रमुख विद्वान थे। आपने अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे हैं जिनमें एक लघु आकार का ग्रन्थ है ‘सत्यार्थप्रकाश का प्रभाव’। यह पुस्तक अनेक वर्षों से अनुपलब्ध था। हमने इस ग्रन्थ का नाम तो सुना था, परन्तु यह हमें अब उपलब्ध हुआ है। पुस्तक यथा नाम तथा […]
ओ३म् ======== वैदिक साहित्य के प्रकाशन केन्द्र ‘हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौनसिटी’ की ओर से समय-समय पर महत्वपूर्ण नवीन एवं दुर्लभ वैदिक साहित्य का प्रकाशन होता रहता है। कुछ महीने पहले सन् 2021 में समिति की ओर से ऐसा ही एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित हुआ है जिसका नाम है ‘स्वामी वेदानन्द तीर्थ के आत्म संस्मरण’। इस […]