ओ३म् ========= वेद ज्ञान को कहते हैं। वेद इस सृष्टि के आदि काल में प्राप्त ज्ञान हैं। यह संहिता रूप में है जो आज भी उपलब्ध हैं। अनुमान है कि चार वेदों के हिन्दी भाष्य प्रायः सभी सक्रिय आर्य समाज के सदस्यों के पास उपलब्ध हैं। प्रश्न है कि वेदों के ज्ञान को किसने कब […]
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ओ३म् =========== देहरादून में तपोवन के नाम से प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम, नालापानी रोड में हमें लगभग प्रत्येक वर्ष एक ऐसे दानी परिवार के सदस्यों से मिलने का सौभाग्य मिलता है जो न केवल अर्थ दान ही करते हैं अपितु जिनके सभी सदस्यों, 8 भाई-बहिनों, ने अपनी अपनी मृत्यु होने पर अपने पूरे शरीर व […]
मृत्युंजय दीक्षित ज्ञानवापी विवाद पर जब मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि वहां पर शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला है तो सबसे पहले कांग्रेस के नेताओं ने भी यही बयान देकर मुसलमानों को कांग्रेस के उनके साथ खड़ा होने का संदेश दे दिया था। इसके बाद तो होड़-सी लग गयी। अयोध्या विवाद के समाधान के बाद अब […]
ओ३म् ======== संसार में जितने भी पदार्थ है उनकी उत्पत्ति होती है और उत्पत्ति में कुछ मूल कारण व पदार्थ होते हैं जो अनुत्पन्न वा नित्य होते हैं। इन मूल पदार्थों की उत्पत्ति नहीं होती, वह सदा से विद्यमान रहते हैं। उदाहरण के लिए देखें कि हम चाय पीते हैं तो यह पानी, दुग्ध, चीनी […]
ओ३म् -हमारे 5 दशक पुराने मित्र के विवाह की स्वर्ण जयन्ती पर गुरुकुल में यज्ञ- ========== आज हमारे मित्र एवं आर्यसमाज के अनुयायी श्री महीपाल शर्मा जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कुन्ता शर्मा जी के विवाह की पचासवीं वर्षगांठ हैं। इस अवसर पर श्री शर्मा जी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ देहरादून के […]
ओ३म् ========= शुक्रवार दिनांक 20-5-2022 को आर्यसमाज के प्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री सत्यपाल सरल जी के विवाह के 50 वर्ष पूरे होने पर देहरादून के आर्यसमाज लक्ष्मणचैक में यज्ञ एवं सत्संग का विशेष आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अनेक गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती, सार्वदेशिक प्रतिनिधि के सभा प्रधान स्वामी आर्यवेश जी, स्वामी आदित्यवेश […]
चरित्र की खुशबू चारों दिशाओं को सुरभित करती है:- फूल की खुशबू बहत है, जिस दिश बहे समीर। रामचरित चहुँ दिश बहे, सुलोचना भई अधीर॥1682॥ भावार्थ:- माना कि फूल अपने आसपास के वातावरण को सौन्दर्य देते हैं, सुगन्धित करते हैं किन्तु इनकी सुगन्ध उस दिशा को बहती है जिस दिशा को वायु का वेग होता […]
ओ३म् -वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव का समापन समारोह- =========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के समापन कार्यक्रम में आगरा से पधारे वैदिक विद्वान पं. उमेश चन्द्र कुलश्रेष्ठ जी का व्याख्यान हुआ। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द महाभारत युद्ध के बाद भारत में आये। महाभारत के बाद […]
ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के दिनांक 15-5-2022 को सम्पन्न हुए समापन समारोह में प्रसिद्ध विद्वान आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी सहित अनेक विद्वानों के व्याख्यान हुए। आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी ने अपने व्याख्यान के आरम्भ में कहा कि जब हिन्दू सोता है तो आर्यसमाज बचाता है। प्रश्न यह है […]
नारद और पूर्णिमा का रहस्य
बहुत सारे साथियों को आज नारद जी को स्मरण करते हुए सुना है तथा उनके संदेश भी पढ़े हैं।ऐसा संदेश पढ़कर सुनकर मुझे ऐसी अनुभूति हो रही है कि मैं नारद जी के विषय में जो सत्य है उसका निरूपण करूं। वास्तव में नारद कौन हैं? क्या कोई मनुष्य है या कोई ऋषि है अथवा […]