Categories
आज का चिंतन

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ द्वारा श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषद में शोधनिबंध प्रस्तुत ! संस्कृत भाषा सर्वाधिक सात्त्विक ! – शोध का निष्कर्ष  

     भाषा अभिव्यक्ति और परस्पर संवाद का प्राथमिक साधन होने के कारण हमारे द्वारा बोली जा रही भाषा हमारे जीवन का एक बडा अंग होती है । हमारी मातृभाषा कौन सी होनी चाहिए, यह हमारे हाथ में नहीं है; परंतु सात्त्विक भाषा सीखना हमारे हाथ में हैं । शिक्षा संस्थाएं अपने पाठ्यक्रम में भाषा का चयन करते समय भाषा की सात्त्विकता का प्रथम […]

Categories
आज का चिंतन

ओ३म् “स्वस्थ, सुखी व दीर्घ जीवन का आधार सन्ध्योपासना व इसके मन्त्रों का अर्थ सहित चिन्तन”

========= मनुष्य जीवन परमात्मा से हम सबको अपनी आत्मा और शरीर की उन्नति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति का साधन सत्य ज्ञान की प्राप्ति सहित उसके अनुरूप आचरण करना है। ईश्वर के ध्यान, चिन्तन, उपासना को सन्ध्या कहा जाता है। सन्ध्या का अर्थ है ईश्वर का भली भांति ध्यान करना है। सन्ध्या के […]

Categories
आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

*यज्ञ🔥🔥🔥 समग्र जीव व भौतिक जगत की नैनो चिकित्सा पद्धति है*।

🐃🦚🤱🌏🔥🐈🌱🌳 उद्बोधन कर्ता÷ स्वामी यज्ञदेव। प्रस्तोता÷ आर्य सागर खारी✍✍✍ यज्ञ की क्रिया विधि, यज्ञ के लाभ, यज्ञ के प्रयोजन को लेकर असंख्य शिक्षित अशिक्षित जनों को शंका रहती हैं। कुछ लोग तो महज श्रद्धा प्रदर्शित करने के लिए यज्ञ पर श्रद्धा रखते हैं…. लेकिन वैदिक संस्कृति यज्ञ कर्मकांड आदि अनुष्ठानों की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि वैज्ञानिक महत्व […]

Categories
आज का चिंतन समाज

दूरदर्शन को बनाना होगा संस्कार की पाठशाला

डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद न जाने कितनी पीढ़ियों ने इसके क्रमिक विकास को […]

Categories
आज का चिंतन

कर्म की कुशलता और पवित्रता ही मनुष्य को महान बनाती है

ऋषि राज नागर एडवोकेट किसी भी कर्म के करने का सही दृष्टिकोण होना जरूरी है , और मनुष्य को समाज में प्रगति हेतु उद्यम या रचनात्मक कार्य करने की सही सोच बनानी भी अति आवश्यक है । कर्म शब्द संस्कृत के ‘ कृ ‘ धातु से बना है । जिसके अर्थ हैं ‘ करना ‘ […]

Categories
आज का चिंतन

स्वस्थ, सुखी व दीर्घ जीवन का आधार सन्ध्योपासना व इसके मन्त्रों का अर्थ सहित चिन्तन

मनुष्य जीवन परमात्मा से हम सबको अपनी आत्मा और शरीर की उन्नति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति का साधन सत्य ज्ञान की प्राप्ति सहित उसके अनुरूप आचरण करना है। ईश्वर के ध्यान, चिन्तन, उपासना को सन्ध्या कहा जाता है। सन्ध्या का अर्थ है ईश्वर का भली भांति ध्यान करना है। सन्ध्या के लिये […]

Categories
आज का चिंतन

क्या महर्षि मनु जातिवाद के पोषक थे?

मनुस्मृति – मनुस्मृति मे क्या है। मनुवाद क्या है? क्या महर्षि मनु जातिवाद के पोषक थे? यह सब जानने के लिए मनुस्मृति का वास्तविक स्वरूप पढ़िए। प्रस्तुत पुस्तक का प्रथम संस्करण 1912 में छपा था। विद्वान लेखक ने 30 अलग अलग संस्करणों के आधार पर मिलावटी श्लोकों को अलग किया था। आज इसे 100 साल […]

Categories
आज का चिंतन

मनुष्य देह में चक्रों के संबंध में अथर्ववेद की वाणी

गतांक से आगे…. ऋषि राज नागर (एडवोकेट) अष्टाचक्रा नव द्वारा देवानां पुरयोध्या । तस्या हिरण्यमयः कोश : स्वर्गो ज्योतिषावृता । अथर्ववेद 10-2-31 इस देह में अष्ट चक्र – मूलाधार चक्र , स्वाधिष्ठान , मणिपूर चक्र , ह्दय चक्र ,अनाहत चक्र , विशुद्ध चक्र , आज्ञा चक्र, सहस्रार चक्र हैं । ( कहा गया है कि […]

Categories
आज का चिंतन

परिवार व अन्य किसी स्नेही व्यक्ति का संबंध अचानक छूट सकता है

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में हम जिन लोगों से परिचित हैं वह सभी वर्तमान में अपनी-अपनी आयु के किसी चरण या सोपान पर है। मनुष्य की भी एक औसत आयु है तथा इसी प्रकार से अन्य प्राणियों की भी अधिकतम आयु होती है। मनुष्य की अधिकतम आयु एक सौ वर्ष या अपवादों में इससे […]

Categories
आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

गुरुकुल मुर्शदपुर में चतुर्वेद पारायण यज्ञ के बीच धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

21 दिवसीय चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के पांचवे दिवस के 9 वे सत्र में आज गुरुकुल मुर्शदपुर ग्रेटर नोएडा में ब्रह्मचारीयो व उनके अभिभावकों के समक्ष शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया गया। सभी अध्ययनरत छात्राओं को अनुशासन कर्मठता का संकल्प दिलवाया गया। गुरुकुल के आचार्य महायज्ञ के ब्रह्म विद्या देव जी ने कहा कि शिक्षक […]

Exit mobile version