लेखक आर्य सागर खारी आज मेरे एक आर्य समाजी मित्र जो पेशे से अधिवक्ता है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट गौतम बुद्ध नगर में प्रैक्टिस करते हैं घर पर आए उनसे काफी विस्तृत वार्तालाप विविध विषय पर हुआ । विषयांतर होते हुए हमारी चर्चा विवाह जो आर्यों या हिन्दूओं का प्रमुख संस्कार है ग्रहस्थ आश्रम का प्रमुख उत्प्रेरक […]
Category: आज का चिंतन
* डॉ डी के गर्ग भाग-3 देव पूजा क्या है और कैसे की जाती है ? देवता दो प्रकार के होते है जिनकी पूजा को देव पूजा कहते है। ये है — १ चेतन देवता और २ जड़ देवता चेतन देवता के अंतर्गत माता ,पिता और आचार्य, संत, अतिथि आदि आते है। इनकी पूजा कैसे […]
डॉ. ज्वलन्त कुमार शास्त्री मो. 7303474301 ऋषि दयानंद की वास्तविक और प्रामाणिक जन्मतिथि वि. सं. 1881 फाल्गुन बदि 10 शनिवार तदनुसार 12 फरवरी 1825 ई. है। स्वामी दयानंद की कल्पित जन्म कुंडली जियालाल जैनी ने 1890 से लेकर 1894 तक प्रसारित की थी। जिसके अनुसार स्वामी जी की जन्मतिथि 2 सितंबर 1824 ई.थी। बाद में […]
क्षमावाणी दिवस- 18 सितम्बर, 2024 -देवेन्द्र ब्रह्मचारी – दिगम्बर जैन समाज का सबसे अहम आत्म शुद्धि का महापर्व दशलक्षण पर्व इस वर्ष भादो सुदी पंचमी 8 सितम्बर से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी 17 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। उत्तम क्षमा से प्रारम्भ होकर क्षमावाणी पर्व पर यह संपन्न होगा, दस दिनों तक क्रमशः दस […]
============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]
मानव के जीवन में आशीर्वाद का महत्त्व*
===================== – विकास आर्य भारतवर्ष में प्राय: माता-पिता, गुरुओं, अपने से बड़ों, विद्वानों आदि से आशीर्वाद लेने की प्रथा है। मनुष्य प्रकृति में भी यह भावना है। जिसे वह श्रद्धेय पूज्य मानता है, जिसे अपने से ज्यादा ज्ञानवान मानता है, धार्मिक जानता है, उसके मुख से अपने लिए, अपनी सन्तान के लिये, अपने परिवार के […]
*ओ३म् खं ब्रह्म: का भावार्थ*
डॉ डी के गर्ग अक्सर कुछ संप्रदाय के साधु ,तांत्रिक आदि कान में एक मंत्र फूकते है और एससी मुसीबत की स्थिति में `ओ३म् खं ब्रह्म: ‘ शब्द का का जोर जोर से जाप करने की सलाह देते है। मंत्र क्या है ? ओ३म् खं ब्रह्म ।। ( यजुर्वेद ४०/१७ ) ये यजुर्वेद से लिया […]
============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]
*💐रिश्तों मे नफा नुक्सान💐*
विनोद हाईवे पर गाड़ी चला रहा था। सड़क के किनारे उसे एक 12-13 साल की लड़की तरबूज बेचती दिखाई दी। विनोद ने गाड़ी रोक कर पूछा “तरबूज की क्या रेट है बेटा? ” लड़की बोली ” 50 रुपये का एक तरबूज है साहब।” पीछे की सीट पर बैठी विनोद की पत्नी बोली ” इतना महंगा […]
| काश मानव धर्म को समझते ||
ऋषि दयानंद जी ने अपने अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश के अंत में, स्वमत्वव्या मन्तव्य प्रकाश प्रकरण में धर्म और अधर्म को समझाते हुए लिखते है :- “धर्मा धर्म” जो पक्षपात रहित, न्यायाचरण, सत्यभाषादियुक्त ईश्वराज्ञा, वेदों से अविरुद्ध है, उसको ‘धर्म’ और जो पक्षपात सहित अन्यायाचरण, मिथ्याभाषणादि ईश्वराज्ञा भंग वेद विरुद्ध है, उसको ‘अधर्म’ मानता हूँ| […]