प्रस्तुति Dr DK Garg लेखक: देवेंद्र आर्य एडवोकेट पहले अंक में आपको बताया कि ईश्वर ने पहली बार सृष्टि बनाई तो कर्म कहां से आये ? इस लेख में तीन मुख्य बाते थी की ईश्वर ,जीव और प्रकृति हमेशा से है और कभी समाप्त होने वाले नहीं है। प्राकृति की मदद से जीव अपने कर्मो […]
Category: आज का चिंतन
नफ़रत और अंधविश्वास का जन्म कुरान से हुआ है मुसलमानों का मानना है कि कुरान लेकिन अल्लाह ने आसमान से भेजी थी , लेकिन यह ऐसी किताब है जिसके आते ही सम्पूर्ण मानव जाति दो भागों में विभाजित हो गई एक तरफ ईमान वाले यानि मुसलमान और दूसरी तरफ गैर मुस्लिम , जिनको कुरान ने […]
सत्यार्थ प्रकाश के नवम समुल्लास में महर्षि दयानंद ने लिखा है कि सत पुरुषों के संग से विवेक अर्थात सत्य सत्य धर्म- अधर्म कर्तव्य -अकर्तव्य का निश्चय अवश्य करें,पृथक पृथक जानें । जीव पंचकोश का विवेचन करें। पृथम कोष जो पृथ्वी से लेकर अस्थिपर्यंत का समुदाय पृथ्वीमय है उसको अन्नमय कोष कहते हैं ।”प्राण” अर्थात […]
क्या वेदों में सती प्रथा का विधान है?
#डॉविवेकआर्य 1875 में स्वामी दयानंद ने पूना में दिए गए अपने प्रवचन में स्पष्ट घोषणा की – “सती होने के लिए वेद की आज्ञा नहीं है” सायण ने अथर्ववेद 19/3/1 के मंत्र में सती प्रथा दर्शाने का प्रयास किया है – यह नारी अनादी शिष्टाचार सिद्ध, स्मृति पुराण आदि में प्रसिद्द सहमरण रूप धर्म का […]
ओ३म् ऋषि दयानन्द के प्रादुर्भाव के समय देश विदेश के लोग ईश्वर की सच्ची उपासना के ज्ञान व विधि से अपरिचित थे। यदि कुछ परिचित थे तो वह योगी व कुछ विद्वान धार्मिकजन ही रहे हो सकते हैं। वह लोग उपासना व अग्निहोत्र यज्ञों का प्रचार न कर उसे अपने तक ही सीमित किये हुए […]
डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 जनसंख्या महाविस्फोट के मौजूदा दौर में इंसानों की ढेरों प्रजातियों का अस्तित्व बढ़ता जा रहा है। कुछ नई किस्म के बुद्धिहीन, पशुबुद्धि और आसुरी वृत्ति वाले लोगों की नई प्रजातियां जन्म ले रही हैं और कई सारे ऐसे हैं जिन्हें इंसानों की किसी प्रजाति में नहीं रखा जा सकता है। इन्हीं […]
विष्णु आख्यान, भाग – 6
Dr DK Garg *यज्ञो वै विष्णुः* यज्ञ को विष्णु क्यों कहा गया है? विष्लेषण ईश्वर के अनेक गुणवाचक नामों में से एक नाम है ‘‘यज्ञ‘‘ । (यज देवपूजा संगतिकरणदानेषु) इस धातु से ‘यज्ञ’ शब्द सिद्ध होता है। ‘यज्ञो वै विष्णुः’ यह ब्राह्मण ग्रन्थ का वचन है। ‘यो यजति विद्वद्भिरिज्यते वा स यज्ञः’ जो सब जगत् […]
विष्णु आख्यान* भाग – 5
Dr D K Garg राम को विष्णु क्यों कहा गया है? ईश्वर अवतार नही लेता ,ईश्वर सर्वशक्तिशाली है और समस्त भू- लोक में एक ही समय में विराजमान है , अवतारवाद पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है । राम विष्णु के अवतार थे इस बात का उत्तर इसी वाक्य में छिपा है कि राम […]
विष्णु आख्यान, भाग — 5
Dr D K Garg राम को विष्णु क्यों कहा गया है? ईश्वर अवतार नही लेता ,ईश्वर सर्वशक्तिशाली है और समस्त भू- लोक में एक ही समय में विराजमान है , अवतारवाद पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है । राम विष्णु के अवतार थे इस बात का उत्तर इसी वाक्य में छिपा है कि राम […]
विष्णु आख्यान – भाग -4
विष्णु का वाहन गरुड़ का तात्पर्य : डॉ डी के गर्ग हिंदू धर्म में जितने भी काल्पनिक देवी देवता हैं उनमें अधिकांश को उनके गुण दोष के आधार पर किसी न किसी वाहन के साथ जोड़ दिया गया है जबकि किसी भी शरीरधारी का इन पर सवारी करना असंभव ही नहीं ना मुमकिन है ,कल्पना […]