. 🌈 * ⏳ युग :- शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या वर्षों की काल-अवधि। जैसे कलियुग, द्वापरयुग, सत्ययुग, त्रेतायुग आदि । यहाँ हम चारों युगों का वर्णन करेंगें। युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई, एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे […]
Category: आज का चिंतन
बहुत से लोग ईश्वर से नाराज़ रहते हैं। क्योंकि जैसा वे चाहते हैं, वैसा उनको जीवन में नहीं मिल पाता। वे बहुत कुछ चाहते हैं और भगवान से प्रार्थना भी करते हैं, कि “हे भगवान्! हमको बंगला दिला दो। कार दिला दो। नौकरी दिला दो। बेटा दिला दो। अच्छी धन संपत्ति और सम्मान दिला दो, […]
कौन है सच्चा बैरागी ?
━❀꧁꧂❀॥ ॐ ॥❀꧁꧂❀━ !! “सच्चा वैरागी” ? !! ये मन अपने कर्मों को बाचता हैं इसे पत्रों की आवश्यकता नहीं होती। एक साधु को एक नाविक रोज इस पार से उस पार ले जाता था, बदले मैं कुछ नही लेता था वैसे भी साधु के पास पहले पैसा कहां होता था, नाविक सरल था पढा-लिखा […]
धर्म और सनातन धर्म: एक विश्लेषण*
धर्म और सनातन धर्म: एक विश्लेषण Dr D K Garg। भाग 1 यदि किसी शब्द की परिभाषा में सबसे ज्यादा तुक्केबाजी हुई है तो वह है धर्म,कोई भी अल्प ज्ञानी धर्म क्या है अपने हिसाब से बताना सुरु कर देता है। इस कार्य में हजारों कथा वाचक, साधु महात्मा,पढ़े लिखे प्रतिष्ठित लोग,और स्वयं को धर्म […]
ओ३म् ========= हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में कैसे आता […]
ईश्वर विषय में शंका समाधान
🌷ईश्वर विषय में शंका समाधान🌷 🌻प्रश्न―कुछ लोग कहते हैं कि-ब्रह्मा, शिव देहधारी भी ईश्वर ही थे क्योंकि ब्रह्मा, शिव का कोई भी माता पिता न था। यदि वे ईश्वर न होते तो उनका भी कोई माता पिता अवश्य होता? उत्तर:-ऋषि ब्रह्मा,शिव का माता पिता भी ईश्वर ही था जैसे कि ऋषि अग्नि, वायु, आदित्य, अंगिरा, […]
धर्म और सनातन धर्म: एक विश्लेषण*
Dr D K Garg। कृपया अपने विचार बताये और आगे फॉरवर्ड भी करें ये लेख चार भाग में है ,पहले भाग की प्रस्तुति।🙏 यदि किसी शब्द की परिभाषा में सबसे ज्यादा तुक्केबाजी हुई है तो वह है धर्म,कोई भी अल्प ज्ञानी धर्म क्या है अपने हिसाब से बताना सुरु कर देता है। इस कार्य में […]
केल्कुलेटर व कम्प्यूटर से भी तेज गति से उत्तर देने वाले ‘वैदिक गणित’ के 16 सूत्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वर्ष 1949–50 के ‘कन्वोकेशन वीक’ के दौरान चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर, पुरी के शंकराचार्य भी वहां उपस्थित थे। वहां उनसे विज्ञान संकाय और अभियांत्रिकी विभाग के छात्रों द्वारा गणित के जटिल से […]
राम जी का यह देश अजर अमर है……
मैंने अपने शहर को इतना विह्वल कभी नहीं देखा! तीन से चार लाख लोग सड़क किनारे हाथ जोड़े खड़े हैं। अयोध्या में प्रभु की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से शालिग्राम पत्थर जा रहा है, और आज वह ट्रक गोपालगंज से गुजर रहा है। कोई प्रचार नहीं, कोई बुलाहट नहीं, पर सारे लोग निकल आये […]
ओ३म् ========= ऋषि दयानन्द के प्रादुर्भाव के समय देश विदेश के लोग ईश्वर की सच्ची उपासना के ज्ञान व विधि से अपरिचित थे। यदि कुछ परिचित थे तो वह योगी व कुछ विद्वान धार्मिकजन ही रहे हो सकते हैं। वह लोग उपासना व अग्निहोत्र यज्ञों का प्रचार न कर उसे अपने तक ही सीमित किये […]