ओ३म् ========= आर्यसमाज ऋषि दयानन्द द्वारा चैत्र शुक्ल पंचमी तदनुसार 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई नगर में स्थापित एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रवादी एवं वैदिक राजधर्म की प्रचारक संस्था वा आन्दोलन है। ऋषि दयानन्द को आर्यसमाज की स्थापना इसलिए करनी पड़ी क्योंकि उनके समय में सृष्टि के आदिकाल में ईश्वर से प्रादुर्भूत सत्य सनातन वैदिक […]
Category: आज का चिंतन
शिव आख्यान* भाग 2
शिव आख्यान डॉ डी के गर्ग भाग- 2 ये लेख 10 भाग में है , पूरे विषय को सामने लाने का प्रयास किया है। आप अपनी प्रतिक्रिया दे और अपने विचार से भी अवगत कराये । वेदों में शिव-पूजा वेदों के शिव–निराकार ईश्वर का नाम भी शिव है। शिव का अर्थ हैं – जो कल्याणकारी […]
शिव आख्यान* भाग — 1
डॉ डी के गर्ग भाग-१ ये लेख 10 भाग में है , पूरे विषय को सामने लाने का प्रयास किया है। आप अपनी प्रतिक्रिया दे और और अपने विचार से भी अवगत कराये विषय को प्रारंभ करने से पहले ये बता देना उचित होगा की शिव को लेकर अनेकों भ्रांतियां है जिनको समझना जरुरी है। […]
ललित सरदाना संस्थापक, सरदाना इंटरनेशनल स्कूल उतार-चढ़ाव से पार पाना ही असली जीवन हर इंसान के जीवन में अच्छा और बुरा दोनों समय आता है। लेकिन जीवन का मोल तब है, जब अच्छे समय में इंसान बहुत अधिक खुश न हो और बुरे समय में निराश न हो। जिसने यह जान लिया कि समय का […]
ज्योतिष पर पौराणिक गुटर-गूँ
-प्रियांशु सेठ (वाराणसी) प्रसिद्ध योगगुरु बाबा रामदेव ने बयान दिया कि “ज्योतिष विद्या ने क्यों नहीं कोरोना काल के बारे में पहले जानकारी दी। सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं। ज्योतिषी काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं। बैठे-बैठे ही किस्मत बनाते हैं। किसी ज्योतिष ने यह नहीं बताया कि कोरोना आने […]
वैदिक साहित्य में सामाजिक समरसता
भारतीय साहित्य का जहाँ से उद्गम हुआ, वह स्रोत निर्विवाद रूप से वेद है। वेद आर्ष काव्य की श्रेणी में आते हैं। हमारे प्राचीन ऋषि मनुष्य थे, समाज के साथ थे। वे आपसी प्रेम और सद्भाव को सबसे अधिक मूल्यवान समझते थे। इसीलिए मनुष्य की जिजीविषा, उसके सामाजिक सरोकार और समाजिक जीवन की योजनाओं के […]
ओ३म् ========= अविद्या, अज्ञान व अन्धविश्वास ये सभी शब्द व इनसे उत्पन्न धार्मिक व सामाजिक प्रथायें परस्पर पूरक व एक दूसरे पर आश्रित हैं। यदि अविद्या, अज्ञान व स्वार्थ आदि न हों तो किसी भी समाज व सम्प्रदाय में अन्धविश्वास उत्पन्न नहीं हो सकते। अज्ञान व अविद्या दूर करने का एक मात्र साधन व उपाय […]
ईश्वर और अल्लाह एक नहीं हैं*
ये लेख विभिन्न विद्वानों के लेख पर आधारित ४ भागो में है। *डॉ डी के गर्ग मुस्लिम नेता मेहमूद मदनी ने कहा है की ईश्वर और अल्ला एक ही है ,ऐसा गाँधी ने भी कहा की ईश्वर अल्ला तेरो नाम ,और बहुत से सेक्युलर नेता ऐसा कहते आये है की ईश्वर कहो या अल्ला दोनों […]
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी मध्वाचार्य माध्व वैष्णव ब्रह्म सम्प्रदाय के संस्थापक :- राम सखा संप्रदाय का पैतृक गुरु घराना “माधव वैष्णव संप्रदाय” और उत्तर तोत्रादि मठ रहा है। यह मूलतः ‘ माध्व वैष्णव सम्प्रदाय’ की एक शाखा है, जो एक संगठित समूह में नहीं बल्कि बिखरे स्वरूप में मिलता है। संत राम सखे इनके […]
Vअश्लील गालियां इस्लाम की सौगात है
Vअश्लील गालियां इस्लाम की सौगात है मुसलमानों का भारत से कोई सम्बन्ध नहीं और न आदम कभी भारत आया था ,सभी मुसलमान पाप ,कुकर्म और अवैध सम्बन्ध से पैदा हुए आदम की संतान के वंशज है इस लेख को शयर जरूर करिये गाली देना असभ्यता और अशिष्टा की निशानी है , भारत में गली देने […]