हमारे यहां स्वयंवर विवाह का अर्थ ‘मैं जो चाहूं मेरी मर्जी’ वाला नही था। अभी हाल ही में इस स्वयंवर विवाह के साथ एक फिल्मी हीरोइन ने अभद्र उपहास किया है। उससे इस विवाह के विषय में कई भ्रांत धारणाओं ने जन्म लिया है। अब माना ये जा रहा है कि जैसे स्वयंवर विवाह का […]
Category: आज का चिंतन
नींबू और मिर्च का रक्षा कवच*
* (घर या दुकान के आगे नींबू मिर्ची की माला लटकाना –एक अंधविस्वास या गहरी सोच) डॉ डी के गर्ग आजकल पढ़े लिखे लोग खासकर दुकानों के दरवाजों पर नींबू और हरी मिर्च को एक धागे में बांधकर लटकाते है ।और सूख जाने पर या अगले दिन इसको फैक देते है। इसे ‘नजरबट्टू’ कहते हैं। […]
पिछले कुछ सालों से एक झूठ फैलाया जा रहा है कि सनातन धर्म के ग्रन्थों में पैगम्बर और इस्लाम के बारे में लिखा गया है. इस तरह की गप्प को जाकिर नायक ने बहुत अधिक प्रचारित किया. लगभग 10 किताबें इस विषय पर मुस्लिम संस्थाओं ने छापी हैं. चित्र उसी तरह की एक किताब का […]
गया , पुष्करादि तीर्थ विश्लेषण
Dr D K Garg गया तीर्थ :- प्रचलित मान्यताएं:फल्गु नदी के तीर पाषाण पर मनुष्य के पग का चिन्ह बना के उसका ‘विष्णुपद’ नाम रख दिया है l और यह बात प्रसिद्द कर दी है कि वहां श्राद्ध , पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति हो जाती है l पितृपक्ष प्रारंभ होने के साथ ही […]
* मैंने कई स्थानों पर लिखा देखा “जय बद्री विशाल”, इसको पढ़ने के बाद बदरीनाथ भगवान के विषय में जानने की उत्सुकता हुई । तब मालूम हुआ कि इससे मिलते जुलते और भी नाम है जैसे कि केदारनाथ ,विश्वनाथ ,जगन्नाथ आदि । प्रश्न हैं कि क्या ये सभी एक ही ईश्वर के नाम है या […]
*ईश्वर स्तुति सूत्र*
Dr DK Garg 1.प्रात काल स्नान आदि से निवृत होकर एकांत में बैठकर ईश्वर की स्तुति,उपासना,प्रार्थना करनी चाहिए,उस समय मोबाइल इत्यादि बिलकुल आसपास ना हो। 2.उस समय बाहरी विचारो का प्रवाह नही होना चाहिए,केवल ईश्वर और आपके मध्य कोई दूसरा ना हो। 3.ईश्वर और आपके मध्य संबंध पिता ,माता,भाई ,राजा ,प्रजा , गुरु ,गणपति आदि […]
रचनाकार के बिना सुन्दर रचनायें नहीं हो सकती । नियामक के बिना सुन्दर नियम नहीं हो सकते । प्रबन्धक के बिना सुन्दर प्रबन्ध नहीं हो सकते । गुरु के बिना हम ज्ञानवान नहीं हो सकते । जैसे सोने से अपने आप आभूषण नहीं बन सकता वैसे ही प्रकृति ( Matter ) से अपने आप सृष्टि […]
तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा
तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा बहुत हंसी आती है ऐसी बातों पर =वैदिक धर्म में अंधविश्वास का कोई स्थान नहीं हैं वैदिक धर्म में तीन (३) अंक को बहुत शुभ माना गया है । वैदिक धर्म में तीन का कितना महत्व है वह निम्नलिखित कुछ बिंदुओं द्वारा प्रमाणित किया जा सकता सकता है । तीन दुःख […]
=========== हम मनुष्य हैं और अपनी बुद्धि व ज्ञान का उपयोग कर हम सत्य और असत्य का निर्णय करने में समर्थ हो सकते हैं। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान सभी मनुष्यों के लिए दिया गया था। यह ज्ञान सभी श्रेणी के […]
🌻👁️आओ थोड़ा गम्भीरता से चिन्तन करें 🌻
आज जब मैं वर्तमान परिवेश मे देखता हूँ और गम्भीरता से चिन्तन करता हूँ तो अक्सर मैंने देखा है कि लोगों के पास थोड़ी सी सम्पत्ति या थोड़ा ऊँचा पद मिल जाता है तो वह अपने अतीत को भूलकर ‘अहम् ‘ मे डूब जाता है ,पर वह इस सच्चाई को भूल जाता है कि ‘ […]