ओ३म् -आर्यसमाज धामावाला देहरादून का रविवारीय सत्संग- ========== आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के साप्ताहिक सत्संग में आज रविवार दिनांक 18-6-2023 को हरिद्वार से पधारे आर्यविद्वान आचार्य शैलेश मुनि सत्यार्थी जी का ओजस्वी व्याख्यान हुआ। उनके व्याख्यान से से पूर्व यज्ञशाला में पं. विद्यापति शास्त्री के पौरोहित्य में वृहद यज्ञ हुआ। यज्ञ में अन्य बन्धुओं सहित आर्यसमाज […]
Category: आज का चिंतन
*गीता के श्लोक का गलत भावार्थ*
सत्य की खोज गीता के श्लोक का गलत भावार्थ डॉ डी के गर्ग गीता में एक श्लोक (2/47) इस प्रकार है : ‘‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’’ । और इसका भावार्थ इस तरह समझाया जाता है की मनुष्य तू कर्म करता रह और फल यानि परिणाम की चिंता ना कर। परिणाम तो ईश्वर के हाथ में […]
महाभारत के पात्र गांधारी*
महाभारत के पात्र गांधारी प्रस्तुती:Dr DK Garg रामायण एवं महाभारत समीक्षा By Dr DK Garg से साभार भाग-4 गांधारी के १०० बच्चों का सच प्रचलित कथा – महाभारत के अनुसार कौरव 100 भाई और एक बहन थे। प्रचलित कथा में ही इस पर दो भिन्न-भिन्न राय है और दोनों ही अपनी राय को सत्य बताते […]
‘विशेष’- प्रभु से क्या मांगें भक्ति अथवा मुक्ति ? ब्रह्म-भाव में हम जीयें, करें ब्रह्म-रस पान। जीवन-धन तेरा नाम है, दो भक्ति का दान॥2775॥ तत्त्वार्थ:- हे ब्रह्मन् ! हे प्राण-प्रदाता ओ३म् !! हे धराधन्य!!! हे अनन्त और निरन्तर कृपा बरसाने वाले पर्जन्य ! आप हम पर इतनी कृपा अवश्य करें, कि आपसे निरन्तर सायुज्यता बनी […]
गुरु की टांग : एक प्रेरणास्पद कहानी
गुरु की टांग सहदेव समर्पित *आपने भी गुरु और दो मूर्ख शिष्यों की वह कथा सुनी होगी जब वे दोनों गुरु के पैर दबा रहे थे। दोनों ने एक एक टांग बांट ली। गुरु जी ने एक टांग दूसरी के ऊपर रखी तो दूसरी टांग के मालिक शिष्य की भावनायें भड़क गईं। उसने दूसरी टांग […]
*व्रत और उपवास की धार्मिक वास्तविकता*
डॉ डी के गर्ग एक निश्चित अवधि के लिए भोजन और पेय पदार्थों को त्यागने की क्रिया को उपवास (fasting) कहा जाता है। दूसरे शब्दों में अन्न और जल न ग्रहण करने की क्रिया उपवास कहलाता है। लेकिन शारीरिक कारणों को छोड़कर धार्मिक या अन्य किसी संकल्प के कारण किसी निश्चित अवधि के लिए भोजन […]
कुल देवी की पूजा का मतलब*
DR D K Garg कृपया अपने विचार व्यक्त करे और शेयर करे। अभी अभी टीवी पर न्यूज देखी की उत्तराखंड के जोशी मठ के पास पहाड़ हिलने से सकड़ों मकान और वहा के कुलदेवी का मंदिर भी नष्ट हो गया। बहुत दुख हुआ ये सोचकर की कुलदेवी ने वहा रहने वालो की और स्वयं की […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम अपने शरीर व संसार को देखते हैं तो विवेक बुद्धि से यह निश्चय होता है कि यह अपौरुषेय रचनायें हैं जिन्हें ईश्वर नाम की एक सत्ता ने बनाया है। वह ईश्वर आकारवान या साकार तथा एकदेशी वा स्थान विशेष में रहने वाला कदापि नहीं हो सकता। ईश्वर सर्वज्ञ एवं सर्वशक्तिमान […]
सत्य की खोज*
सत्य की खोज एक ही ईश्वर के अनेकों नाम ; एक अन्य नाम नाथ और नाथ से सुरु होने वाले अन्य शब्द जैसे बद्रीनाथ, जगन्नाथ, विश्वनाथ आदि भी Dr.D.K.Garg Plz share and give your views , प्रश्न:क्या ईश्वर को नाथ भी कह सकते है ,और नाथ शब्द के साथ अनेकों भगवान के नाम सामने आते […]
आंखें फड़कना: इससे जुड़े अंधविश्वास*
आंखें फड़कना: इससे जुड़े अंधविश्वास डॉ डी के गर्ग प्राचलित अंधविस्वास : ज्योतिषि कहते है कि महिलाओं की बाईं आंख फड़कना शुभ है।ये कुछ अच्छा होने की तरफ इशारा करता है। जैसे कि उस महिला को धन लाभ होने वाला है। इसके विपरीत फलित ज्योतिष के अनुसार महिलाओं की दाईं आंख का फड़कना शुभ संकेत […]