Categories
आज का चिंतन

आर्यसमाज धामावाला-देहरादून का साप्ताहिक सत्संग- “यज्ञ करने वाला व्यक्ति कभी निर्धन नहीं होताः आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री”

ओ३म् =========== आज रविवार दिनांक 16-7-2023 को आर्यसमाज, धामावाला-देहरादून के सत्संग में यज्ञ, भजन, सामूहिक प्रार्थना एवं वैदिक विद्वान आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री, सहारनपुर का व्याख्यान हुआ। सत्संग प्रातः 8.00 बजे से आरम्भ होकर दो घंटे बाद 10.00 बजे समाप्त हुआ। अपने व्याख्यान में आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि संसार में चारों तरफ अविद्या […]

Categories
आज का चिंतन

नागा साधु*

नागा साधु डॉ डी के गर्ग भाग-१ प्रचलित मान्यताये : नागा साधु हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिये प्रसिद्ध हैं। ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा की गयी थी ।आदिगुरू ने मठों-मन्दिरों की सम्पत्ति को लूटने वालों और श्रद्धालुओं को […]

Categories
आज का चिंतन

नास्तिक कैसे होते हैं ?

सामान्यतः जो व्यक्ति ईश्वर , परलोक ,और कर्म फल के नियम पर विश्वास नहीं करता उसे नास्तिक कहा जाता .चूँकि बौद्ध और जैन ईश्वर को नहीं मानते इसलिए अज्ञानवश हिन्दू उनको नास्तिक कह देते हैं .यद्यपि बौद्ध और जैन कर्म के सिद्धांत को मानते हैं .और पाप पुण्य पर विश्वास करते हैं .लेकिन जो लोग […]

Categories
आज का चिंतन

पारिवारिक संस्कार और बढ़ते हुए अपराध

उमेश चतुर्वेदी जून के पहले हफ्ते में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक खबर आई, चौबीस साल छोटी लिव इन पार्टनर की आरी से चीर कर हत्या, हत्या से मुंबई में सनसनी। कुछ अखबारों की खबरों का शीर्षक यह भी, सनसनीखेज हत्या से हिली मुंबई…लेकिन सवाल यह है कि क्या ये महज अखबारी सुर्खियां […]

Categories
आज का चिंतन

ओ३म् “ब्रह्मचर्यादि चार आश्रमों में गृहस्थ आश्रम ही ज्येष्ठ आश्रम है”

========== वैदिक धर्म वह धर्म है जिसका आविर्भाव ईश्वर प्रदत्त ज्ञान ‘वेद’ के पालन व आचरण से हुआ है। वैदिक धर्म के अनुसार मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त शिक्षाओं को ही मानना व आचरण करना होता है। ऐसे ग्रन्थ वेद हैं जिसमें परमात्मा के सृष्टि की आदि में दिए गये सभी वचन व शिक्षायें विद्यमान है। […]

Categories
आज का चिंतन

आर्यसमाज धामावाला-देहरादून का साप्ताहिक सत्संग- “दीपक की तरह ऋषि दयानन्द ने वेदज्ञान का प्रकाश विश्व में फैलायाः स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती”

ओ३म् ========= आर्यसमाज, धामावाला-देहरादून के साप्ताहिक सत्संग में आज दिनांक 2-7-2023 को प्रातः 8.00 बजे से समाज के पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री के पौरोहित्य में यज्ञशाला में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद शास्त्री जी ने एक भजन प्रस्तुत किया जिसके बोल थे ‘विषयों में फंस कर बन्दे हुआ तू बेखबर है, मानव का चोला पाया […]

Categories
आज का चिंतन

ओ३म् “वेदों की रक्षा व प्रचार से ही विश्व में मानवता की रक्षा सम्भव है”

========= मनुष्य को दुर्गुणों व दुव्र्यसनों सहित अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, मिथ्या सामाजिक परम्पराओं सहित अन्याय व शोषण से रहित मनुष्य-जीवन की रक्षा के लिये सदाचारी विद्वानों, देवत्वधारी पुरुषों सहित वेदज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यदि समाज में सच्चे ज्ञानी व परोपकारी मनुष्य न हों तो समाज में अज्ञान की वृद्धि होकर अन्याय, शोषण तथा […]

Categories
आज का चिंतन

गुरू पूर्णिमा पर्व रहस्य* भाग 3 अंतिम

Dr DK Garg भाग3 अंतिम 2.धूर्त गुरुओ द्वारा भ्रान्ति पैदा करने के लिए कबीर के दोहे और संस्कृत के श्लोक के गलत भावार्थ का इत्यादि का सहारा: प्रयोग में लाये जाने वाले दोहे और इनके उल्टे सीधे भावार्थ देखिये : 1 सब धरती कागद करूँ लेखनी सब बन राय ॥ सात समुन्द्र की मसि करूँ […]

Categories
आज का चिंतन

सर्वज्ञ ईश्वर से ही सर्गारम्भ में चार ऋषियों को चार वेद मिले थे”

ओ३म् हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना अपितु एक पूर्ण ज्ञानवान सर्वज्ञ सत्ता ईश्वर के द्वारा बना है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, सर्वव्यापक, सर्वातिसूक्ष्म, एकरस, अखण्ड, सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। जो काम परमात्मा ने किये हैं व वह करता है, उन कामों को करना किसी मनुष्य के वश की बात नहीं है। […]

Categories
आज का चिंतन

अंधविश्वास और भ्रांति : अश्विनी कुमार , देवताओ का वैद्य :जिसके मंत्र जाप से असाध्य रोग ठीक हो जाते है ?

(वास्तविकता की खोज )* प्रस्तुति: Dr DK garg पौराणिक मान्यताये : मान्यता 1: अश्विन कुमार भगवान सूर्य (सूर्या देव की आरती) और माता संज्ञा के दो पुत्र हैं। इनका नाम नासत्य और दस्त्र है लेकिन अश्व यानी कि घोड़ी से उत्पत्ति होने के कारण इनका नाम अश्विन कुमार पड़ा। सूर्य के ये दोनों पुत्र देवताओं […]

Exit mobile version