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आज का चिंतन

ब्रह्म के चार मुख की वास्तविकता*

* Dr D K Garg पौराणिक मान्यताये: पौराणिक ब्रह्मा को शरीरधारी मानते है जो किसी अन्य लोक में रहता है। उसका परिवार है , पत्नी है ,पुत्र है ,हाथ में कमंडल है ,चार मुख है । ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है, मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, भोग लगाते है और […]

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क्या वेद जातिवाद का समर्थन करते है? #डॉ_विवेक_आर्य

वेदों के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों में से एक यह भी है कि वे ब्राह्मणवादी ग्रंथ हैं और शूद्रों के साथ अन्याय करते हैं | हिन्दू/सनातन/वैदिक धर्म का मुखौटा बने जातिवाद की जड़ भी वेदों में बताई जा रही है और इन्हीं विषैले विचारों पर दलित आन्दोलन इस देश में चलाया जा रहा है […]

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गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से निकली?*

* DR D K Garg पौराणिक मान्यताये: एक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी के कमंडल का जल गंगा नामक युवती के रूप में प्रकट हुआ था। एक अन्य (वैष्णव) कथा के अनुसार ब्रह्माजी ने विष्णुजी के चरणों को आदर सहित धोया और उस जल को अपने कमंडल में एकत्र कर लिया।एक तीसरी मान्यता के अनुसार […]

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🌷मनुस्मृति और धर्म 🌷*

* वास्तविक धर्म क्या है और धर्म कैसा होना चाहिए।धर्म क्या है इस पर वैषेशिक के महर्षि कणाद कहते हैं:- ‘यतोऽभ्युदय निःश्रेयस्सिद्धि स धर्मः’। अर्थात् जो कर्म हमारा अपना उद्धार अरें और प्राणी मात्र को जिससे सुख मिले वह धर्म है। परमात्मा ने संसार रचा।उसमें नाना प्रकार के फल फूल,वनस्पतियाँ,औषधियाँ,अन्न,आदि उसने हमारे लिए उत्पन्न किये।उस […]

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दुर्गा के काल्पनिक स्वरूप का भावार्थ /सन्देश*

* भाग-३ डॉ डी के गर्ग दुर्गा को दुर्गा शक्ति माता के नाम से भी पुकारते है ,इसका क्या भावार्थ है? यह एक जिज्ञासा हो सकती है। दुर्गा और दुर्गा शक्ति माता दोनों का वास्तविक अर्थ समझने का प्रयास करते है। दुर्गा नामक मूर्ति या चित्र जो भी हो, इसको बनाने वाले विद्वान ने एक […]

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सभी संप्रदायों का सुरक्षा कवच है सनातन

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र सनातन धर्म के विरुद्ध विपक्षी नेताओं के बयानों की गाली गलौज भरी बौछारें देखकर पुरानी हिन्दी फिल्म का चर्चित गीत ‘अच्छों को बुरा साबित करना दुनिया की पुरानी आदत है’ याद आता है। दुनिया की यह आदत रही होगी किन्तु भारतवर्ष की सनातन संस्कृति में उसकी मूलभूत विशेषता सहिष्णुता के कारण यह […]

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देवी पूजा रहस्य* भाग-१

* डॉ डी के गर्ग ये सीरीज १० भागो में है ,कृपया स्वयं ध्यान से पढ़े ,शेयर करें और मार्गदर्शन करें। हिन्दू धर्म में तीन प्रमुख देवियों की चर्चा का वास्तविक भावार्थ : पौराणिक लोग मुख्य रूप से तीन देवियो की पूजा करते है ,वैसे तो देश मे पूजने वाले देवियो की संख्या हजारो में […]

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महर्षि दयानन्द का आगरा निवास

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ (जगतगुरु महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में आर्य जनों के अवलोकनार्थ लेख संख्या 21) आगरा में अपने जिन प्रौढ़ विद्यार्थियों को स्वामी दयानन्द अष्टाध्यायी पढ़ाते थे उनमें से कुछ कभी-कभी रात्रि में उनके पास ही रुक जाते थे उनमें […]

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ओ३म् “वेदों के आचरण से ही मनुष्य को अभ्युदय एवं निःश्रेयस प्राप्त होते हैं”

========== हमें मनुष्य जीवन जन्म-जन्मान्तरों में दुःखों से सर्वथा मुक्त होने के लिए एक अनुपम साधन के रूप में मिला है। यह हमें परमात्मा द्वारा प्रदान किया गया है। माता-पिता, सृष्टि तथा समाज हमारे जन्म, इसके पालन व उन्नति में सहायक बनते हैं। हमें अपने जीवन के कारण व उद्देश्यों पर विचार करना चाहिये। इस […]

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ओ३म् “परमात्मा सब जीवात्माओं के माता-पिता होने से उपासनीय हैं”

=========== परमात्मा और आत्मा का सम्बन्ध व्याप्य-व्यापक, उपास्य-उपासक, स्वामी-सेवक, मित्र बन्धु व सखा आदि का है। परमात्मा और आत्मा दोनों इस जगत की अनादि चेतन सत्तायें हैं। ईश्वर के अनेक कार्यों में जीवों के पाप-पुण्यों का साक्षी होना तथा उन्हें उनके कर्मानुसार सुख व दुःख रूपी भोग प्रदान करना है। हमारा जो जन्म व मृत्यु […]

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