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आज का चिंतन

मुसलमानों का सेकुलरिज्म एक साजिश है !

आजकल मुसलमान भी कांग्रेसियों के साथ मिलकर सेकुलरिज्म की वकालत करने लगे हैं , और सामान्य हिन्दू ऐसा मने लगे हैं कि यह लोग देश में धर्म के आधार पर होने वाले विद्वेष और दंगों पर रोक लगा कर आपसी सौहार्द फैलाना चाहते हैं , लेकिन बहुत कम लोग मुसलमानों और कांग्रेसियों की छुपी हुई […]

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ओ३म् “क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी रहेगा?”

=========== हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का साधन है। […]

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न तो सत्य को समाप्त किया जा सकता है, और न ही झूठ को

संसार में सत्य और झूठ, अच्छाई और बुराई सदा से चलते आए हैं, और आगे भी सदा चलते रहेंगे। “न तो सत्य को समाप्त किया जा सकता है, और न ही झूठ को।” “क्योंकि जिस वस्तु से यह संसार बना है, उसमें मूल रूप से 3 प्रकार के सूक्ष्मतम परमाणु होते हैं। जिनका नाम है […]

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महर्षि पतंजलि कृत योगदर्शन के प्रथम अध्याय समाधिपाद के सूत्र 26 वें के आधार पर शंका एवं उनका समाधान

क्रमश: नवीं किस्त। शंका संख्या 83——- ईश्वर गुरुओं का गुरु कैसे हैं? समाधान —-संसार में आज तक जितने भी गुरु हुए हैं उन सब का गुरु ईश्वर है ।क्योंकि ईश्वर ने ही सृष्टि के प्रारंभ में चार वेदों का ज्ञान दिया ।वेदों के ज्ञान के बिना कोई भी व्यक्ति गुरु अथवा ज्ञानवान नहीं हो सकता […]

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जीवन में लाभ की बात क्या है? “दूसरों का विश्वास जीत लेना।

जीवन में लाभ की बात क्या है? “दूसरों का विश्वास जीत लेना। ” जीवन में हानि की बात क्या है? “दूसरों का विश्वास खो देना।” ‘दूसरों का विश्वास जीत लेना’ यह बहुत महंगी वस्तु है। “इसका मूल्य रुपया पैसा नहीं है, बल्कि वर्षों तक सभ्यता नम्रता और न्यायपूर्वक दूसरों के साथ व्यवहार करना है।” “वर्षों […]

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मुरगन के छः सिर की वास्तविकता और अज्ञानियो की अवैज्ञानिक कथा, दिमागी अपंगता का परिचय:*

* Dr D K Garg भगवान मुरगन के छः सिर बताए जाते है और इसके पीछे एक कथा भी सुनाई जाती है जो लेखक और गायक की मानसिक विकृति का प्रतीक है । कहते है जब शिव पार्वती विवाह के बाद एक गुफा में मिले तब वहां गुफा में एक कबूतर भी चला गया और […]

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ओ३म् “ईश्वर की उपासना से मनुष्य को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?”

मनुष्य कोई भी काम करता है तो वह उसमें प्रायः अपनी हानि व लाभ को अवश्य देखता है। यदि किसी काम में उसे लाभ नहीं दिखता तो वह उसे करना उचित नहीं समझता। ईश्वर की उपासना भी इस कारण से ही नहीं की जाती कि लोगों को ईश्वर का सत्यस्वरूप व उपासना से होने वाले […]

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“मैं नास्तिक हूं। मैं ईश्वर को नहीं मानता।”

जो व्यक्ति खुलेआम घोषणा करता है, कि “मैं नास्तिक हूं। मैं ईश्वर को नहीं मानता।” तो लोग उससे सावधान हो जाते हैं, और उसके साथ संभलकर व्यवहार करते हैं। क्योंकि उसके विषय में लोग ऐसा सोचते हैं कि “यह नास्तिक है। ईश्वर को तो मानता नहीं। कर्म फल को भी नहीं मानता। इसे ईश्वर के […]

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ओ३म् -वैदिक साधन आश्रम तपोवन का पांच दिवसीय शरदुत्सव सोल्लास सम्पन्न- वेद ईश्वरीय ज्ञान होने से मानवमात्र का धर्मग्रन्थ हैः उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ

=========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून का पांच दिवसीय शरदुत्सव दिनांक 8 अक्टूबर 2023 को सोल्लास सम्पन्न हुआ। शरदुत्सव में सम्मिलित प्रमुख विद्वान स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा जी, आचार्या डा. प्रियवंदा वेदभारती, पं. सूरतराम शर्मा जी, श्री विजय गोयल जी, श्री अनुज शास्त्री जी, स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्या डा. अन्नपूर्णा जी, डा. धनन्जय आर्य […]

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मेरा अखंड भारत …..

यहूदी जब बेबीलोन में निर्वासित जीवन जी रहे थे तो वहां की नदियों के तट पर बैठकर #येरूशलम की ओर मुंह करके रोते थे और विरह गीत गाते थे । उन्होंने वहां सौगंध ले ली कि हम तब तक कोई आनंदोत्सव नहीं मनाएंगे जब तक कि हमें हमारा येरुशलम और जियान पर्वत दोबारा नहीं मिल […]

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