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आज का चिंतन

सम्बन्ध शतकम सूत्र* 2

* डॉ डी के गर्ग भाग 2 निवेदन ; ये मेरा अनूठा प्रयास है जिसमे आपसी पारिवारिक संबंधों पर सूत्र दिए हैं,कोई गलती या सुधार के लिए मेरा मार्गदर्शन करे और अच्छा लगे तो शेयर करे। कुल 101 सूत्र है जो पांच भागों में है। 21 मित्र को अपने घरेलू मामलो में हस्तक्षेप का मौका […]

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सम्बन्ध शतकम सूत्र*

* डॉ डी के गर्ग निवेदन ; ये मेरा अनूठा प्रयास है जिसमे आपसी पारिवारिक संबंधों पर सूत्र दिए हैं,कोई गलती या सुधार के लिए मेरा मार्गदर्शन करे और अच्छा लगे तो शेयर करे। कुल 101 सूत्र है जो पांच भागों में है। अचानक मिला हुआ मित्र ,जो अक्सर आपको गले लगाए,मित्र होने का अहसास […]

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नव दुर्गा पूजा रहस्य*

डॉ डी के गर्ग कृपया शेयर करे और अपने विचार बताये। पवित्रता, प्रेम, शांति, खुशी, इन्हें दैवीय संस्कार कहते हैं। और काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार ये आसुरी संस्कार हैं। दोनों ही हर आत्मा में हैं। इसलिए आसुरी संस्कारों पर विजय भी हमें स्वयं ही प्राप्त करनी होगी। आत्मा शरीर के माध्यम से कर्म करती […]

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संसार के तीन अनादि पदार्थ – ईश्वर, जीव और प्रकृति

संसार में तीन पदार्थ अनादि हैं। “अनादि का अर्थ है जिसका आदि न हो, अर्थात जिस वस्तु की उत्पत्ति कभी नहीं हुई, जो सदा से विद्यमान पदार्थ है, उसको अनादि कहते हैं।” “ऐसे तीन पदार्थ हैं, ईश्वर, आत्मा और प्रकृति।” “इन तीनों को समझना, और समझकर अपने आचरण का सुधार करना बहुत ही आवश्यक है। […]

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शांति के लिए शक्तिमान बनें__

“शक्ति ही तो शांति का आधार है ” l शांति स्थापित करने के लिए शक्तिमान बनना ही होगा l बार-बार आत्मसमर्पण को विवश होने से तो अच्छा है कि संगठन की शक्ति का शंखनाद हो और हिंदुओं में तेजस्विता का संचार हो l मुसलमानों के दिल में जगह बनाने के प्रयास में वर्षों से सक्रिय […]

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“शतपथ ब्राह्मण ,सौर तुफान और वृक्ष”

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ ज्ञात ब्रह्मांड का प्रत्येक सूक्ष्म कण किसी दूसरे सूक्ष्म कण के साथ साझा अस्तित्व में रहता है। इसे ऐसे समझना होगा पृथ्वी पर यदि आप किसी एक इलेक्ट्रॉन जैसे आवेशित सूक्ष्म कण को छेड़ते हैं तो उसका साझेदार चंद्रमा या सूरज में मौजूद दूसरा कोई लाखो करोड़ों किलोमीटर दूर इलेक्ट्रॉन […]

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भौतिकता की चाह में पीछे छूटते रिश्ते

एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं। रिश्तों के प्रति इंसान को जागरूक होना चाहिए तथा रिश्तों की अहमियत को पहचाना चाहिए। जो रिश्तों के अर्थ को समझ सकता है। वहीं रिश्तों को निभा सकता है। […]

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रावण की ओट में राजनीति का राग

राकेश अचल – विभूति फीचर्स रामलीला के मंचों से रावण दहन की ओट में सियासी दलों ने जमकर राजनीति का राग गाया और जनता ठगी सी खड़ी देखती रह गयी, क्योंकि रामलीलाओं में न असली राम लड़ रहे थे और न असली रावण जल रहे थे । सब कुछ नकली था। असली थे तो सिर्फ […]

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आत्मा को मानने ना मानने का सवाल

बहुत से लोग कहते हैं, “मैं आत्मा को नहीं मानता.” उनसे पूछा जाता है, कि “आप आत्मा को क्यों नहीं मानते?” वे उत्तर देते हैं कि “आत्मा आंखों से दिखाई नहीं देता, फिर कैसे मानें, कि आत्मा नाम की कोई चीज है?” हम उनसे पूछते हैं, “क्या आपके सिर में बुद्धि है?” वे कहते हैं, […]

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मोक्ष के अभिलाषी को प्रकृति के मायावाद से मोह तोड़ना ही पड़ेगा: स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी

ग्रेटर नोएडा। यहां पर स्वामी दयानंद जी महाराज की 200 वीं और महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी की 112 वीं और माता सत्यवती आर्या की 99 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किए गए ऋग्वेद पारायण यज्ञ में बोलते हुए आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी ने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते […]

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