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आज का चिंतन

महर्षिदयानंदकृत वेदभाष्य से उद्धृत विचार]:-*

*[ 🍀 मनुष्यों को चाहिए कि सत्पुरुषों ही की सेवा और सुपात्रों ही को दान दिया करें । विद्वानों में उत्तम पदार्थों का दान करके जगत् में विद्या और अच्छी शिक्षा को बढ़ाकर विश्व को सुखी करें । 🍀 वनवृक्षों की रक्षा से वर्षा की बहुलता और आरोग्य होता है । 🍁 संतान भी माता-पिताओं […]

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ओ३म् “सत्गुणों तथा ईश्वर भक्ति से युक्त मानव का निर्माण वेदज्ञान से ही सम्भव”

========== मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी होता है। इसका कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, अणु परिमाण, इच्छा व द्वेष आदि से युक्त होना होता है। मनुष्य सर्वज्ञ वा सर्वज्ञान युक्त कभी नहीं बन सकता। सर्वज्ञता से युक्त संसार में एक ही सत्ता है और वह है सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा। परमात्मा ही सृष्टि में विद्यमान अनन्त संख्या […]

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आज का चिंतन पर्व – त्यौहार

छठपूजा- अन्धविश्वास के बढते कदम-

छठ पूजा का त्योहार जो पहले मुख्य रूप से बिहार के कुछ भागों मे मनाया जाता था,अब देश के कई भागों में मनाया जाने लगा है । छठ पूजा अभी भी बिहार के प्रत्येक जिले मे पूर्ण रूप से नही मनाया जाता है। ‎ घर परिवार वाले प्रायः छठ पूजा के लिए नव दम्पति को […]

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महर्षि दयानंद के विचार और वर्तमान विश्व समाज

ऋषि दयानंद जी के विचार।। चारो वेदों को विद्या धर्मयुक्त श्वरप्रणित संहिता मंत्रभाग को निर्भ्रांत स्वतः प्रमाण मानता हूं, अर्थात जो स्वयं प्रमाणरूप हैं, कि जिस के प्रमाण होने में किसी अन्य ग्रन्थ की अपेक्षा न हो जैसे सूर्य वा प्रदीप स्वयं अपने स्वरूप के स्वतः प्रकाश और पृथिव्यादि के प्रकाश होते हैं वैसे चारो […]

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ओ३म् “यज्ञ करने से मनुष्य को सुख प्राप्ति सहित कामनाओं की पूर्ति होती है”

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। यज्ञ वेदों से प्राप्त हुआ एक शब्द है। इसका अर्थ होता है श्रेष्ठ व उत्तम कर्म। श्रेष्ठ कर्म वह होता है जिससे किसी को किसी प्रकार की हानि न हो अपितु दूसरों व स्वयं को भी अनेक लाभ हों। यज्ञ से जैसा लाभ होता है वैसा अन्य किसी कार्य से नहीं […]

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ओ३म् “सत्गुणों तथा ईश्वर भक्ति से युक्त मानव का निर्माण वेदज्ञान से ही सम्भव”

========== मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी होता है। इसका कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, अणु परिमाण, इच्छा व द्वेष आदि से युक्त होना होता है। मनुष्य सर्वज्ञ वा सर्वज्ञान युक्त कभी नहीं बन सकता। सर्वज्ञता से युक्त संसार में एक ही सत्ता है और वह है सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा। परमात्मा ही सृष्टि में विद्यमान अनन्त संख्या […]

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आज का चिंतन हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ओ३म् -आज ऋषि दयानन्द के 140 वें बलिदान दिवस पर- “भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द”

========== ऋषि दयानन्द जी का बलिदान 140 वर्ष पूर्व हुआ था। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने जो कार्य किये हैं उसमें अनेक सफलतायें हैं। ऋषि दयानन्द को हम इसलिये भी स्मरण करते हैं कि उन्होंने हमें असत्य का परिचय कराकर सत्य ज्ञान, सत्य सिद्धान्त व मान्यताओं सहित जीवन को श्रेष्ठ व सफल […]

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आज का चिंतन

घरेलू वायु प्रदूषण, यज्ञ और महर्षि दयानन्द*

* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार घरेलू वायु प्रदूषण के कारण अकेले 2020 में ही 32 लाख से अधिक मौतें हुई है जिनमे कम आयु के 2 लाख 37 हजार बच्चे भी शामिल थे। मौतों का कारण ब्रेन स्ट्रोक, हृदयाघात, दमा ,निमोनिया, कैंसर जैसी बीमारियां रही । विश्व स्वास्थ्य संगठन […]

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आज का चिंतन

नवरात्रि पर्व का वैज्ञानिक आधार*

* डॉ डी के गर्ग भाग -2 ये लेख सीरीज 3 भाग में है। कृपया अपने विचार बताये। नवरात्रि पर्व पर नौ दिन के व्रत के पीछे का वैज्ञानिक कारण: हमारे शरीर में स्थित नौ द्वार है- आँख, नाक, कान, द्वार, मुँह, गुदा एवं मूत्राशय ये नौ द्वार हमको स्वास्थ्य रखने में मदद करते है […]

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सत्य को ग्रहण और असत्य को छोड़ना चाहिए

ओ३म् विश्वानि देव सवितर दुरितानि परासुव यद् भद्रम् तन्न आसुव ( हे सकल जगत के उत्पत्तिकर्त्ता , समग्र ऐश्वर्ययुक्त , शुद्धस्वरूप , सब सुखों के दाता , परमेश्वर ! आप कृपा करके हमारे सम्पूर्ण दुर्गुण , दुर्व्यसन और दुखों को दूर कर दीजिए , जो कल्याणकारक गुण कर्म स्वभाव और पदार्थ है वह सब हमको […]

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