=========== हम इस पृथिवी पर रहते हैं। यह पृथिवी हमारे सौर मण्डल का एक ग्रह है। ऐसे अनन्त सौर्य मण्डल इस ब्रह्माण्ड में हैं। इस सृष्टि व ब्रह्माण्ड को किसने बनाया है? इसका समुचित उत्तर विश्व के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। वेद और वैदिक धर्म के अनुयायी ऋषि-मुनि व वैदिक साहित्य के अध्येता […]
Category: आज का चिंतन
आत्मा की पहचान के कुछ लक्षण
प्रश्न — हमने सुना है, आत्मा की पहचान के कुछ लक्षण न्याय दर्शन में बताए हैं। हम जानना चाहते हैं कि, उनमें से कौन से गुण स्वाभाविक हैं, और कौन से नैमित्तिक हैं? उत्तर — न्याय दर्शन के अध्याय 1,आह्निक 1, सूत्र 10 के अनुसार आत्मा में 6 लक्षण बताए गए हैं । इच्छा द्वेष […]
डॉ विवेक आर्य राजा जनक ब्रह्म विद्या में पारंगत विद्वान माने जाते थे। दूर दूर से लोग उनके पास धर्म सम्बन्धी जिज्ञासा का समाधान करने आते थे। एक बार एक महात्मा व्यक्ति उनसे मिलने आये। उन्होंने चंचल मन के पाश से छूटने का उपाय पूछा। राजा जनक अपने स्थान से उठे और एक वृक्ष को […]
देवता कौन हैं ?
देवोदानाद्वा दिपनाद्वा द्योतनाद्वा द्युस्थानो भवतीति देवता | यो देवः सा देवता || तो आप लोगों ने यह देख लिया देवता की परिभाषा क्या है | देवता कोई आकाश से नहीं गिरते और न ही जमीन के अन्दर से निकलते, ये देवत्व के गुण जिनमे हों उन्हें देवता कहा जाता है | मेरे जीवन में इन […]
आर्य समाज हिंदू विरोधी नहीं |*
क्योंकि, आर्य समाज ये नहीं मानता कि, श्रीकृष्ण माखन चोर थे, गौएँ चुराते थे , गोपियों संग रास रचाते थे, राधा संग प्रेम प्रसंग में लिप्त थे, कुब्जा दासी से समागम किए थे और ईश्वर का अवतार थे । बल्कि ये मानता है कि, वे जन्म से लेकर ४८ वर्ष तक ब्रह्मचारी थे, एक रुक्मणी […]
बढ़ता जा जलवा यू पी में
आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी हैं राम हमारे यू पी में हैं श्याम हमारे यू पी मे दशरथ मख भूमि है यू पी में शांता सृंगीनारी यू पी में। सृंगी ऋषि आश्रम यू पी में भरत नंदी ग्राम है यू पी में। विंध्याचल देवी यू पी में पाटन देवी भी यू पी में। शिव की […]
भारतीय समाज में राम का अलौकिक रूप
पवन वर्मा – विभूति फीचर्स भारतीय साहित्य में तुलसी के राम लोकनायकों की उस गौरवमयी परम्परा के अद्भुत और अलौकिक रूप है जिनकी प्रेरणा में आबद्घ भारतीय जनमानस उनकी भक्ति में रसलीन हो जाता है। गोस्वामी तुलसीदास की सर्वश्रेष्ठ रचना ‘रामचरित मानस’ है इसमें भारतीय जीवनधारा का सर्वांगीण चित्रण है। इसमें बाल्यावस्था में ही राम […]
खुली चुनौती
#डॉविवेकआर्य आजकल सभी अखबारों में ,रेलवे स्टेशनों पर रेल गाड़ियों ने बसों में तथा लगभग सभी सार्वजानिक दीवारों पर आपको औलियाओं ,मोलवियों ,बंगाली मियां जादूगर बाबाओ और तांत्रिको के विज्ञापन , स्टिकर व् पोस्टर लगे मिल जाएंगे जिनमे तरह–तरह के झूठे आश्वासनों और घटिया हथकंडो का सहारा लेकर भोले-भाले और मूर्ख ( विशेषकर महिलाओं ) […]
प्रायः सभी लोग ऐसा मानते हैं, कि *”मैं ही सबसे अधिक बुद्धिमान हूं। इसलिए दूसरे लोगों को मेरी बुद्धि के अनुसार व्यवहार करना चाहिए।”* परंतु ऐसा होता नहीं। क्यों? यह तब हो सकता था, जब दूसरे लोग आपको अपने से अधिक बुद्धिमान मान लेते। परन्तु वे लोग आपको अपने से अधिक बुद्धिमान मानते नहीं। क्यों […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ गुरुकुल महाविद्यालय सिकंदराबाद की स्थापना सन् 1898 आर्ष जगत व दर्शनों के उद्भट्ट मूर्धन्य विद्वान स्वामी दर्शनानंद ने की थी। जिनका पूर्व नाम पंडित कृपाराम था।उनके दार्शनिक ज्ञान का डंका जालंधर से लेकर काशी तक बजता था |इस गुरुकुल में अध्ययन प्राप्त अनेक आचार्य, स्नातकों विद्वानों शास्त्रियों पुरोहितों ने […]