========= हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों बनाया है? परमात्मा […]
Category: आज का चिंतन
१) वेद को सत्य विद्याओं का ग्रन्थ सिद्ध किया। २) वेदों की ओर लौटों का नारा दिया। ३) वेद को ईश्वरोक्त संविधान बताया। ४) वेद को मानव जाति का धर्म ग्रंथ बताया। ५) वेदों की पुनः स्थापना की। ६) अशुद्ध वेद भाष्य को शुद्ध किया। ७) वेदों में इतिहास नहीं है यह बताया। ८) वेदों […]
23.02.2024 एक इन्द्र को अपने मन की वृत्तियां नष्ट करने की आवश्यकता क्यों होती है? वृत्तियाँ नष्ट होने के बाद क्या होता है? अपने लक्ष्य पर एक बिन्दु की तरह ध्यान केन्द्रित कैसे करें? परीं घृणाचरतितित्विषे शवोऽ पोवृत्वीरजसोबुध्नमाशयत्। वृत्रस्य यत्प्रवणोदुर्गृभिश्वनोनिजघन्थहन्वोरिन्द्रतन्यतुम्।। ऋग्वेद 1.52.6 (परी – चरति से पूर्व लगाकर) (घृणा) ज्ञान का प्रकाश (चरति – परी […]
आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी सनातन धर्म के तीन मूल आधार स्तंभ – सनातन धर्म के तीन मूल आधार स्तंभ हैं। कर्म नियम, पुनर्जन्म एवं मोक्ष। कर्म के तीन प्रकार होते हैं -आगामी, संचित और प्रारब्ध। ज्ञान की उत्पत्ति के पश्चात् ज्ञानी के शरीर के द्वारा जो पाप-पुण्य रूप कर्म होते हैं, वे आगामी कर्म […]
यह संसार किसने और क्यों बनाया ?
सुप्रभातम। शुभ दिवस की मंगल कामनाएं। प्रश्न-तीन पदार्थ नित्य कौन-कौन से हैं? उत्तर आत्मा, परमात्मा और प्रकृति तीनों अनादि अजर अमर हैं। प्रश्न -इन तीनों में से हम कौन हैं? उत्तर-हम आत्माएं हैं। प्रश्न- यह संसार किसने बनाया? उत्तर- यह संसार ईश्वर ने बनाया। प्रश्न-ईश्वर ने संसार क्यों बनाया? किसके लिए बनाया? उत्तर- ईश्वर ने […]
मॉरीशस में डी0ए0वी0 जैसी संस्थाएं भारत के वैज्ञानिक वैदिक चिंतन के प्रचार प्रसार के कार्य में लगी हुई हैं। जहां पर भारत के वैदिक ऋषियों का चिंतन आधुनिक भाषा शैली में बच्चों के कोमल मन मस्तिष्क में स्थापित किया जाता है। इसके लिए अनेक अध्यापक अध्यापिकाएं अपना जीवन समर्पित किए हुए हैं। उन सबके भीतर […]
========= हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों बनाया है? परमात्मा […]
महापुरुषों के जीवन की घटनाएं पढ़ने पढ़ाने और सुनने सुनाने से उत्साह का संचार होता और प्रेरणा मिलती है। इसलिए आइए, स्वामी दयानंद जी के 200वें जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में महर्षि दयानन्द के व्यक्तित्व को जानें! ▶ महर्षि दयानन्द अपने समकालीनों की अपेक्षा शारीरिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक दृष्टि से सर्वोच्च शिखर पर थे| […]
संसार में तीन वस्तुएं हैं, साध्य, साधक और साधन। “‘साध्य’ का अर्थ है जिसे हम सिद्ध करना चाहते हैं या प्राप्त करना चाहते हैं। ‘साधक’ उसे कहते हैं जो साध्य को प्राप्त करना चाहता है। और ‘साधन’ उसे कहते हैं जिसकी सहायता से साधक अपने साध्य तक पहुंच पाता है।” “इन वैदिक परिभाषाओं के अनुसार […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेदों का नाम प्रायः सभी लोगों ने सुना होता है परन्तु वेदों को अपना प्रमुख धर्मग्रन्थ माननेवाले आर्य वा हिन्दू भी वेदों के बारे में अनेक तथ्यों को नहीं जानते। हमारा सौभाग्य है कि हम ऋषि दयानन्द जी से परिचित हैं। उनके आर्यसमाज आन्दोलन के एक सदस्य भी हैं और हमने […]