दिव्य लोग परमात्मा की पूजा और उनका आह्वान् क्यों करते हैं? हमारी वृत्तियों का नाश कौन करता है? आर्चन्नत्र मरुतः सस्मिन्नाजौविश्वेदेवासोअमदन्ननुत्वा। वृत्रस्य यद्भृष्टिमता वधेननित्वमिन्द्रप्रत्यानंजघन्थ।। ऋग्वेद 1.52.15 (आर्चन् – नि आर्चन्) सदैव एवं नियमित आपकी पूजा करता है और आपका आह्वान करता है (अत्र) यहाँ, इस जीवन में (मरुतः) दिव्य श्रद्धालु, कम बोलने वाले (सस्मिन्) सम्पूर्ण […]
Category: आज का चिंतन
ईश्वर का न्यायकारी स्वरूप
प्रत्येक व्यक्ति सदा सुखी रहना चाहता है, दुखी होना कोई भी नहीं चाहता। *”परंतु ईश्वर की न्याय व्यवस्था को न जानने के कारण, वह उल्टे-सीधे काम करता रहता है। दूसरों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार नहीं करता, बल्कि उन पर अन्याय करता रहता है, जिसके कारण ईश्वर की न्याय व्यवस्था से उसे अनेक प्रकार के दुख […]
विष्णु क्षीर सागर में रहते हैं*
Dr D K Garg ये एक अलंकारिक चित्रण है। विष्णु का तात्पर्य परमपिता परमात्मा से है जो महान रचनाकार हैं,चारो तरफ फैली रंग बिरंगी प्रकृति उसका श्रृंगार है,और आकाश से सूर्य की सतरंगी करने ,कलरव करती नादिया, ऊंचे ऊंचे पहाड़ जो तरह तरह के खनिज अपने में समेटे है। ईश्वर ने केवल सृष्टि ही नहीं […]
डॉ डी के गर्ग कृपया अपने विचार बताये और शेयर भी करे। दरअसल इस प्रसंग का वर्णन महाभारत के आदि पर्व में भी मिलता है। जिसके अनुसार एक बार शेषनाग ने इस पृथ्वी को अपने फन पर धारण किया था और जब वो (शेषनाग) थोड़ा सा हिलते हैं तो भूकंप आता है।क्या धरती किसीं वस्तु […]
जब आप संसार में रहते हैं, तब आपके संबंध अनेक व्यक्तियों के साथ होते हैं। जैसे माता पिता भाई बहन चाचा चाची इत्यादि। *”परंतु ये संबंध तभी तक रहते हैं, जब तक आप जीवित हैं। जीवन समाप्त होते ही अर्थात शरीर छोड़ते ही आपके ये सारे संबंध भी समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि आप आत्मा […]
हैं बद्री जगन द्वारिका रमेश जिसके धाम। भरत भू महान है महान है महान।। राष्ट्र के चारों दिशाओं में चार धाम हैं उत्तर हिमालय में बद्रीनाथ-बद्रीनारायण धाम है, पूरब में समस्त जगत के नाथ जगन्नाथ जगन्नाथपुरी धाम में हैं, पश्चिम में द्वारिकापुरी धाम में द्वारकानाथ विराजमान हैं तथा दक्षिण में राम हैं। ईश्वर जिनके अथवा […]
8 मार्च शिवरात्रि पर्व पर विशेष- – सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” यह महाशिवरात्र पर्व प्रायः सारे भारत में मनाए जाने वाला पवित्र पर्व है। जहां यह पर्व शिव के भक्तों और उपासकों के लिए व्रत स्नान और शिवालयों में पूजन से जुड़कर मोक्ष प्रदान करता है। वहीं दार्शनिकों तत्व ज्ञानियों और प्रबुद्ध जनों के लिए […]
मकरध्वज जन्म विष्लेषण*
Dr DK Garg पौराणिक कथा : श्रीराम की आज्ञा से हनुमान जी लंका में गए । जब रावण को इस बात का पता चला तो उसने अपने सबसे छोटे पुत्र अक्षयकुमार को हनुमान जी को रोकने भेजा। लेकिन हनुमान जी ने अक्षयकुमार को युद्ध में मार डाला। क्रोधित होकर रावण के बड़े पुत्र मेघनाद […]
डॉ. गोपाल नारायण आवटे – विनायक फीचर्स आज की शिक्षा प्रणाली और उसमें व्यापक सुधार की गुंजाइश पर विगत दिवस एक कार्यशाला में जाने का अवसर मिला। इस कार्यशाला में भागीदारी करने वाले जितने भी सज्जन थे किसी ना किसी राजनैतिक पार्टी से जुड़े हुए थे। उनके द्वारा जो भी बातचीत निकलकर आई उसमें […]
संसार के दो रास्ते और मानव
हम संसार में देखते हैं कि “जब व्यक्ति अनपढ़ होता है, तो उसमें अभिमान कम होता है। जब वह कुछ पढ़ लिखकर विद्वान बन जाता है, तो उसमें अभिमान भी बढ़ जाता है।” “यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, कि कुछ शास्त्रों को पढ़कर व्यक्ति में अभिमान आता ही है।” परंतु इस अभिमान से बचने का […]