– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 आजकल हर क्षेत्र में हुनरमंद और प्रतिभाशाली लोग अपने प्रतिस्पर्धियों से उतने दु:खी नहीं हैं जितने नालायकों और निक मों से। हर विषय और क्षेत्र में लोग अपनी प्रतिभाओं का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं। ऐसे में सभी मामलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से प्रतिभाएं निखरती हैं और आगे बढ़ने […]
Category: आज का चिंतन
– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 इंसान वही है जो कुछ भी कर्म करे, तो अपने बूते पर ही। जो लोग औरों के इशारों पर कुत्ते के पिल्लों, बंदरों और भालुओं की तरह नाचते हैं, तोतों की तरह एक ही एक राग अलापते हैं, कैसेट्स की तरह बजते रहते हैं, रोबोट की तरह काम करते हैं और […]
– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 समाज और संसार में प्रभावोत्पादकता के लिए सबसे ज्यादा जरूरत होती है उस बात की जो व्यवहार में अपनायी जाती है। हम जो काम करते हैं उनके बारे में किसी को न भी बताएं तब भी लोग उन कामों का अपने आप अनुकरण करने में आनंद का अनुभव करते हैं।दूसरी ओर […]
कई लोग जब किसी एक सीमा में बँध जाते हैं तब वहाँ बिना किसी बंधन के हमेशा बँधे हुए नजर आते हैं। ये लोग व्यापक और विराट सोच वाले नहीं होते हैं बल्कि सीमित दायरों और संकीर्ण सोच के साथ पूरा जीवन जैसे-तैसे निकाल देते है। इन लोगों को अपने सीमित दायरों में ही रमे […]