नज़रों से गिर जाते हैंटाईमपास और कामटालू लोगडॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com मनुष्य का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि उसे जो अवसर दिए जाते हैं, जिन शक्तियों से समृद्ध किया जाता है और अपने आपको मनुष्यत्व से दैवत्व तक ले जाने के जो मौके दिए जाते हैं, उनका वह या तो उपयोग नहीं कर पाता है अथवा अपने […]
Category: आज का चिंतन
आज का चिंतन-29/06/2013
प्रेम वही जो मुक्त करता है जो बाँधता है वह महापाश है डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com मानवीय संवेदनशीलता के चरमोत्कर्ष से प्रेम का जागरण होता है और यही प्रेम यदि सात्ति्वकता के धरातल पर आगे बढ़ता रहे तो आनंद अभिव्यक्ति का महास्रोत एवं शाश्वत आत्मतुष्टि के सारे द्वारों को खोल कर जीवन्मुक्ति का वरदान देता है। […]
आज का चिंतन-28/06/2013
केदार देख रहा हैसब सुन रही है गंगा डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com जो कुछ हाल के दिनों में अकस्मात हो गया, नहीं होना था वह सब हो गया। पहाड़ों से फिसल गए विपदाओं के पहाड़, और गंगा मैया अपना समस्त वात्सल्य, ममता और शालीनता छोड़कर पहाड़ों से रौद्र रूप धारण कर बह चली बस्तियों और मैदानों की ओर। फिर […]
आज का चिंतन-26/06/2013
भगवान को पसंद हैं श्रद्धा और एकांतसंसार से मुक्त होने चाहिएं तीर्थ डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com भगवान चरम शांति, महा आनंद और शाश्वत आत्मतोष प्रदाता है और उसे वे ही स्थान पसंद होते हैं जहाँ असीम शांति हो, पंच तत्वों से भरपूर उन्मुक्त प्रकृति का आक्षितिज विस्तार हो और सदा बहती रहें श्रद्धा और आस्था की […]
आज का चिंतन (25/06/2013)
नर-नारायण के धाम पर ये कैसा पैशाचिक ताण्डव – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com यह वही दैवभूमि है जहाँ भगवान […]
आज का चिंतन-23/06/2013
हे कबीर ! लौट आओ जरूरत है मूर्दों में जान फूँकने की डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हे कबीर ! तुम्हारे जाने के बाद आज फिर तुम्हारी याद में बेसब्र हैं हम। आज वही युग फिर लौट आया है जो तुम्हारे समय था। उन दिनों विषमताओं का रंग-रूप कुछ और किस्म का था, आज आधुनिकताओं की […]
आज का चिंतन-22/06/2013
दरिद्री और दुःखी रहते हैंमितव्ययताहीन मूकदर्शक – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com जो लोग अपने जीवन में मितव्ययता नहीं बरतते हैं वे जीवन भर दुःखी और दरिद्री रहते हैं और इन लोगों का कोई ईलाज नहीं है। ऎसे लोगों में दो प्रकार की किस्मे होती हैं।एक वे हैं जो खुद का पैसा बचाने के लिए ही मितव्ययी हैं, दूसरों का […]
आज का चिंतन-21/06/2013
अविश्वसनीय होते हैं बात-बात में कसम खाने वाले डॉ. दीपक आचार्य 94330607 dr.deepakaacharya@gmail.comआदमियों की कई सारी किस्मों में से एक किस्म उन लोगों की है जो बात-बात में कसम खाया करते हैं और उन लोगों को अपनी किसी भी बात को पुष्ट करने या आधार प्रदान करने के लिए किसी न किसी की सौगंध खाने […]
आज का चिंतन-17/06/2013
जहाँ व्यवसायिक मनोवृत्तिवहां न धर्म-कर्म न समाजसेवा – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में जहां मानवीय मूल्यों को प्रधानता प्राप्त है वहाँ लोक सेवा, परोपकार और सदाशयता के साथ ही तमाम नैतिक मूल्यों और आदर्शो को […]
आज का चिंतन-15/06/2013
भूखे-प्यासे रहें आस-पास के प्राणीतो कर्मकाण्ड-अनुष्ठान सब हैं बेमानी डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com धर्म जैसे विराट आकाश को लोगों ने कर्मकाण्ड, यज्ञ और अनुष्ठानों या कि नाम कमाने के लिए किए जाने वाले तथाकथित पुण्य कर्मों तक ही सीमित कर दिया है।भीषण गर्मी के इस दौर में जहां आदमी सारे जतन करने के बाद भी झुलसने लगा […]