नज़रबंदी की तरह कैद न रहें समाज और संसार के लिए जीयें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com वे ही काम करें जो अपने जीवन के लिए निर्धारित हैं और जिन्हें करने में वास्तविक आनंद की अनुभूति होती है। आनंद प्राप्ति के दो मार्ग हैं। एक मार्ग वह है जिसमें आदमी को वे ही कर्म करने चाहिएं जो […]
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आज का चिंतन-19/07/2013
एक को चुन लें पैसा या प्रतिष्ठा – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन में सब कुछ एक साथ पा जाना संभव नहीं होता है। सभी प्रकार के गुण और संपदाओं का स्वामी कोई तभी हो सकता है जबकि उसे दैवी संपदा का वरदान प्राप्त हो तथा पुरुषार्थ का परिपालन पूरी सात्विकता और निरपेक्षता के हो। ऎसे में […]
आज का चिंतन-18/07/2013
बच्चे भारत के भविष्य हैं पैसा कमाने की मशीन न बनाएं – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com संस्कार निर्माण कार्य यों तो शैशव से ही आरंभ हो जाता है जब घर-परिवार, आस-पड़ोस तथा परिवेश एवं क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों, लोगों के हाव-भाव और विभिन्न घटनाओं का बाल मन पर सीधा प्रभाव पड़ने लगता है।सामान्यतः यही वह अवस्था होती है […]
आज का चिंतन-17/07/2013
हमारे बाद कौन ? इस भ्रम को त्यागें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हममें से ज्यादातर लोगों को हमेशा यही भ्रम बना रहता है कि हम ही हैं जिनमें कुव्वत है और काम करना जानते हैं, यह गुण किसी और में नहीं हैं इसीलिये हमारी अलग ही पहचान बनी हुई होती है जो हममें अहंकार […]
आज का चिंतन-16/07/2013
सम्मान से ज्यादा जरूरी है समय पर संबल और स्वीकार्यता – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com किसी भी व्यक्ति के जीवन में आगे बढ़ने के लिए जिन बातों की सर्वाधिक जरूरत होती है उनमें समय पर मार्गदर्शन, संबल एवं प्रोत्साहन तथा स्वीकार्यता अव्वल स्थान पर है। हर आदमी में अपने आप आगे बढ़ने की अपार क्षमताएं और पूर्ण सामथ्र्य […]
आज का चिंतन-15/07/2013
प्रतिक्रियाओं या विरोध से बेहतर है अपनी गलतियों को सुधारें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में कहीं भी कोई ऎसी बात सामने आती है जिसका संबंध हमारे व्यक्तित्व के किसी न किसी पक्ष से आंशिक हो या पूर्ण अथवा उससे हमारा किसी न किसी परिमाण में कैसा भी संबंध क्यों न हो।यह संबंध दृश्यमान हो या […]
आज का चिंतन-14/07/2013
प्रकृति और परिवेश के अनुकूल करें धर्म-कर्म और व्यवहार डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com हमारी दैनिक जीवनचर्या से लेकर परिवेशीय लोक व्यवहार और सार्वजनीन गतिविधियां आदि सब कुछ प्रकृति के अनुकूल होने पर ही सफलता प्रदान करती हैं। इसीलिए वर्ष भर में जो भी परंपरागत गतिविधियां, लोकोत्सव, मेले, पर्व और अनुष्ठान तथा सामाजिक एवं धार्मिक विधि-विधान सभी स्थानीय प्रकृति और […]
आज का चिंतन-13/07/2013
इच्छाओं के महासागर से बाहर निकलें उपयोग और आवश्यकताओं को देखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल आदमी की समस्याओं के लिए न स्थान, क्षेत्र व परिस्थितियां जिम्मेदार हैं और न ही भाग्य अथवा और कुछ। आदमी को सहजता और सरलता से जीने के लिए जितने संसाधनों की जरूरत पड़ती है उतने पर्याप्त संसाधन आज जमाने […]
आज का चिंतन-12/07/2013
आधे आसमाँ का उत्थान तभी जब नारी जगत में जगे औदार्य डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में आधे आसमाँ की ताकत कितनी होती है इसे आदिकाल से स्वीकारा और समझा जाता रहा है लेकिन आधे आसमाँ के साथ होने वाले अन्याय पर यदि गंभीरता से विचार किया जाए तो असल बात यह सामने आएगी कि इस […]
आज का चिंतन-11/07/2013
परफेक्शन के चक्कर में लंबित न रखें किसी काम को – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हममें से खूब लोगों की आदत यह होती है कि कोई सा काम हाथ में ले लेते हैं तब उसे बेहतर और चरम गुणवत्ता के स्तर पर लाने तक के लिए लम्बा समय गुजार देते हैं।इसका हश्र यह होता है […]