Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-15/08/2013

जश्न ही न मनाएँ देश के लिए कुछ करें भी पिछले 66 साल से हम आजादी के पर्व का जश्न मनाते आ रहे हैं। इस दिन हम स्वतंत्रता सेनानियों और संग्राम में भागीदारी निभाने वाले लोगों को सिर्फ याद कर लिया करते हैं, उनके नामों की फेहरिश्त पढ़ लिया करते हैं और राष्ट्रीय एकता एवं […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-14/08/2013

ब्लेकमेलिंग से कम नहीं हैऔरों पर बेवजह निगाह रखना – डॉ. दीपक आचार्य9413306077अपने काम में रमे रहकर आनंद पाना सच्चे मनुष्य का लक्षण है लेकिन दूसरों के कामों पर निगाह रखना, जमाने भर की बुराइयों का टोकरा अपने पास जमा करते हुए औरों को भयभीत करते हुए अपने उल्लू सीधे करना तथा दूसरों की मजबूरियों […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-13/08/2013

कामयाबी से दूर रहते हैं लोग जो गरजते-बरसते हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 आजकल ऐसे लोगों की तादाद खूब बढ़ती जा रही है जो धैर्य और शांति के साथ न रह सकते हैं, न काम कर सकते हैं। ऐसे लोग जीवन में हर कहीं बेवजह उद्वेलन के बीच जीने को विवश होते हैं। इस […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-12/08/2013

औरों के किए की सजादूसरों को न दें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077 दुनिया में खूब सारे लोग ऐसे हैं जिनके पास पॉवर है, भगवान की दी हुई बुद्घि है और वह हुनर है कि वे चाहें तो समुदाय और लोगों का भला कर सकते हैं। लेकिन इस किस्म के लोगों में से कुछेक बिरले लोगों को […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन- 10/08/2013

सब कुछ है पर आनंद नहीं यही है सभी का रोना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 आज न कहीं अभाव रहे हैं और न अवसरों की कमी। आदमी के पास पुश्तैनी कुछ नहीं है तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता, और है तब तो कोई बात ही नहीं। हालांकि काफी सारे लोग ऐसे जरूर हैं […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-09/08/2013

आपराधिक और विश्वासघाती होते हैंछद्म चेहरे और चरित्र वाले– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 संसार में कई प्रकार के लोगों के बीच आदमियों की एक प्रजाति ऐसी है जो नकारात्मक टिप्पणियों और हरकतों में माहिर होने के साथ ही सभी प्रकार के हथकण्डों में सिद्घ होती है। इस प्रजाति का काम ही फालतू की टिप्पणियाँ करना और […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-08/08/2013

निडर होकर करें बेबाक अभिव्यक्तिफिर देखें इसका चमत्कार– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 मन-मस्तिष्क और चेतन-अवचेतन को शुद्घ-बुद्घ बनाए रखने और संकल्प को बलवान बनाने के लिए यह जरूरी है कि अपने दिमाग में जो भी बात आए, उसे यथोचित स्थान पर पहुंचाने में तनिक भी विलंब नहीं करें और तत्काल सम्प्रेषित करें।बाहरी दुनिया के लिए तैयार […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन -06/08/2013

प्रतिक्रियाएँ न करें नजानने की कोशिश करेंडॉ दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com प्रतिक्रिया एक ऐसा शब्द है जो जीवन भर हर कर्म और विचार में समाया रहता है कर्मयोग की विभिन्न धाराओं औरउपधाराओं में प्रतिक्रिया न हो तो कई सारे अच्छे-बुरे कामों को अपने आप विराम लग जाए। अधिकांश लोगों का हर कर्मप्रतिक्रिया जानने और करने के लिए हुआ करता है। चंद लोग ही ऐसे हुआ करते हैं जिन्हें अपने काम से मतलब है, अपने कर्मयोग को उच्चतम शिखर प्रदान करने से हीसरोकार है। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उनकी गतिविधियों या कर्म की क्या और कैसी प्रतिक्रियाएं होंगीअथवा हो रही हैं। ये लोग अपने कर्म के प्रति निष्ठावान और समर्पित होते हैं और ऐसे लोगों का प्रत्येक कर्म या तो स्वयं की प्रसन्नता औरसुकून के लिए होता है अथवा ईश्वरार्पण। ऐसे में इन लोगों पर अपने कर्म, व्यवहार और हलचलों के बारे में होने वालीप्रतिक्रियाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसे लोग जो भी कर्म करते हैं वे कालजयी और शाश्वत श्रेय प्रदान करने वाले होते हैं क्योंकि इनके पीछे अच्छी या बुरीप्रतिक्रिया अभीप्सित नहीं होती है। जबकि दुनिया में अधिकांश लोग जो भी कर्म करते हैं वह प्रतिक्रिया से प्राप्त होने वालेसुकून और सुख को ध्यान में रखकर करने के आदी होते हैं। इन लोगों कमी हर हरकत के पीछे कोई न कोई प्रतिक्रिया उपजाने, सुनने या करने-कराने के भाव छिपे हुए होते हैं। प्रतिक्रियाओं पर और कोई ध्यान न भी दे तब भी ये अपने  हर शुभाशुभ कर्म की प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं औरप्रतिक्रियाओं के स्वरूप तथा घनत्व के आधार पर ही इनके भावी कर्मों की बुनियाद टिकी हुई होती है। इन लोगों के लिए यह कहा जाए कि इनका जन्म ही प्रतिक्रियाओं की प्राप्ति के लिए क्रियाओं को करने तथा प्रतिक्रियाओंको जानने भर के लिए ही हुआ है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हमारे आस-पास से लेकर दुनिया के ध्रुवों तक, हरछोर पर प्रतिक्रियावादियों का बोलबाला रहा है जो अपने करीब से लेकर आक्षितिज पसरी हुई हलचलों के बारे मेंप्रतिक्रियाएं व्यक्त करना अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं और ऐसे अधिकार सम्पन्न लोगों की अपने यहाँ भीकोई कमी नहीं है। अपने क्षेत्र में ऐसे खूब सारे लोग हैं जिनका एकमेव जीवन लक्ष्य प्रतिक्रियाओं में जीना और प्रतिक्रियाओं की चाशनी मेंनहाते हुए पूरी जिन्दगी गुजार देना रह गया है। जीवन में कर्मयोग में सफलता पाने की कामना रखने वाले लोगों कोचाहिए कि वे न कभी प्रतिक्रियाएँ करें, न इन पर कोई ध्यान दें क्योंकि प्रतिक्रियाएं व्यक्ति को खोखला करती हैं और जोलोग प्रतिक्रियाओं के भरोसे चलते हैं वे जिन्दगी के महान लक्ष्यों से भटक कर रह जाते हैं प्रतिक्रियाओं के मकड़जाल मेंही उलझ कर रह जाते हैं। जो लोग प्रतिक्रियाएं करते हैं या प्रतिक्रियाओं को जानना, करना या कराना चाहते हैं उन लोगों को यही अभीप्सित होताहै कि जो लोग प्रतिक्रियाओं के भंवर में फंस जाते हैं उनकी जिन्दगी की रफ्तार को थाम ली जाए और उन्हें ऐसा नाकाराकर दिया जाए कि वे जिन्दगी भर क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के बीच पेण्डुलम की तरह बने रहें और आगे नहीं बढ़सकें। जो भी व्यक्ति एक बार प्रतिक्रियाओं में रस लेने लग जाता है वह अपने उद्देश्यों में भटक कर रह जाता है औरप्रतिक्रियावादियों के हाथों की कठपुतली बना हुआ जीवन के अमूल्य क्षणों की हत्या कर देता है।  जीवन में तरक्कीपाना चाहें तो न प्रतिक्रिया करें, न अपनी किसी क्रिया के बारे में औरों की प्रतिक्रिया जानने का कभी प्रयास करें। —000—

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-05/08/2013

उपेक्षा न करें मनोरोगियों की सहानुभूति और संबल दें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.comहमारे आस-पास और अपने क्षेत्र में मनोरोगियों का बोलबाला अर्से से रहा है और रहेगा। हम इन मनोरोगियों को देखकर या इनकी हरकतों को देख-सुन कर अपनी राह ले लेते हैं। इनके बारे में ख्याल रखने की हमें फुर्सत तक नहीं हुआ करती। […]

Categories
आज का चिंतन

आज का चिंतन-04/08/2013

ग्रह-नक्षत्रों को प्रभावित करता है साथियों का संग – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.comव्यक्ति की जिन्दगी में जो कुछ होता है उसका सीधा और गहरा प्रभाव चरित्र और कर्मयोग पर पड़ता है। परिवेशीय घटनाओं-दुर्घटनाओं से लेकर घर-परिवार के संस्कारों, रीति-रिवाज, रहन-सहन और कुटुम्बियों से लेकर मित्रों, परिचितों और उन सभी का प्रभाव हम पर पड़ता है जिनके […]

Exit mobile version