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आज का चिंतन

आज का चिंतन-24/02/2014

कितना अच्छा होता वे वहाँ होते – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   ये दुनिया भी बड़ी ही अजीब है। आदमी सोचता क्या है और हो क्या जाता है। वह करना क्या चाहता है, और मिल क्या जाता है, वह रहना कहाँ चाहता है, और रहना कहाँ पड़ता है, वह रहना किन लोगों के साथ चाहता है, और रहना किनके साथ […]

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आज का चिंतन-10/02/2014

चाहे जहाँ न रोएँ घर-गृहस्थी का रोना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर बात के लिए अपना एक विशिष्ट अंदाज और मंच होता है। सम सामयिकता और स्थान की उपयुक्तता हमारे कई सारे कामों को आसान कर देती है, कल्पनाओं को सहज ही आकार दे डालने में समर्थ होती है। हर व्यक्ति को इस बात का […]

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आज का चिंतन-11/01/2014

कोई काम थोंपें नहीं स्वेच्छा का ख्याल रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com कर्मयोग और मन-मस्तिष्क का सीधा संबंध मनुष्य की इच्छा से होता है। इच्छा होने पर उसे जो काम सौंपा जाता है अथवा जो काम वह करता है उसमें पूरी निष्ठा लगाता हुआ मन से पूरा करता है और उसकी उत्पादकता एवं […]

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आज का चिंतन-07/01/2014

खूब हैं कहने वाले‘आपकी कृपा है’ – डॉ. दीपक आचार्य9413306077 जो सामने मिलता है, खैरियत पूछने पर यही कहता है – आपकी कृपा है। दिन में सौ लोग मिलेंगे तो उन सभी से आदमी यही कहेगा – आपकी कृपा है। आजकल औरों की कृपा पर जिन्दा रहने वाले लोगों की भरमार सभी जगह है। हर […]

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आज का चिंतन-04/01/2014

हमेशा बनी रहनी चाहिए कोई न कोई चुनौती – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल इंसान की फितरत में कुछ ऎसी बातें आ गई हैं जिनकी वजह से उसके कर्मयोग की रफ्तार मंद होती जा रही है।  उसे अब न जरूरी काम याद रहते हैं न वह अपनी इच्छा से कोई ऎसे काम कर पाता है […]

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आज का चिंतन-27/12/2013

ऎसा बर्ताव न करें कि लोग हमसे कतराने लगें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसानियत के निरन्तर क्षरण होते वर्तमान दौर में मानवीय मूल्यों और संस्कारहीन लोगों की वजह से समाज और क्षेत्र बेवजह समस्याओं, तनावों और परेशानियों में घिरने लगा है। हर आदमी अपनी मर्यादा में रहे, अपने को सौंपे हुए कामों को आसानी […]

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आज का चिंतन-21/12/2013

ईश्वर को पाने ज्यादा सहज है अनासक्त योग भरा गृहस्थाश्रम – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   जीवन लक्ष्यों और ईश्वर को पाने के लिए कलियुग में सर्वश्रेष्ठ, सरल और सहज मार्ग है गृहस्थाश्रम। इसके माध्यम से सेवा और परोपकार की वृत्तियों में जुड़े रहकर तथा पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए प्रसन्नता […]

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आज का चिंतन ( 20/12/2013)

राज्याश्रय के उत्सुक न रहें, लोकमान्य बनने का प्रयास करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति अपने आपको कुछ बनाने, समाज में प्रतिष्ठित होने और नाम कमाने के लिए कुछ न कुछ ऎसा करना चाहता है जो अपने आप में अन्यतम हो, औरों से एकदम अलग दिखे, आकर्षण […]

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आज का चिंतन-06/12/2013

संस्कारहीनता ही है समस्याओं की जड़ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मनुष्य के रूप में पैदा हो जाना और मनुष्यता होना दो अलग-अलग बातें हैं। मनुष्य का शरीर कोई भी प्राप्त कर सकता है लेकिन उसमें मनुष्यता हो ही, यह जरूरी नहीं है। इंसानियत अपने साथ मनुष्य होने के गुण-धर्म लेकर आती है और […]

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आज का चिंतन-05/12/2013

नालायक लोग बिगाड़ते हैं रचनात्मक कामों का संतुलन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com घर-परिवार या समाज की बात हो या फिर अपने क्षेत्र की, हर तरफ रचनात्मक गतिविधियों और कल्याणकारी प्रवृत्तियों का दौर हर युग में रहा है और रहेगा। अच्छे लोग हर युग में रहे हैं और अच्छे काम भी। समाज को जिस […]

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