मूर्तियों का जमावड़ा न करें ईष्ट एक ही रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने आपको परम धार्मिक, साधक और सिद्ध मनवाने के फेर में कहें या अपनी ढेर सारी अलग-अलग प्रकार की इच्छाओं की पूत्रि्त के लिए, हम आजकल भटकाव के दौर में जी रहे हैं जहाँ हमारी इच्छाएं चाहे-अनचाहे हमें मनुष्यों, पितरों, भूत-प्रेतों और देवी-देवताओं आदि के आँगन […]
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आज का चिंतन-01/03/2014
हम जाजम हो गए हैं या बिना पैंदे के लोटे – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com एक जमाना वो था जिसमें आदमी पर पूरा और पक्का भरोसा किया जा सकता था। हर आदमी की विचारधारा, संकल्प और लक्ष्य का अनुमान उसके व्यक्तित्व और काम-काज के तरीकों से सहज ही लगाया जा सकता था। तब भले ही […]
आज का चिंतन-25/02/2014
ऎसा खान-पान होगा तो विकार आएंगे ही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com खान-पान सिर्फ वह प्रक्रिया नहीं है जिसमें खा-पी कर पेट भर लिया और फिर अपनी राह। खान-पान का सीधा संबंध शरीर की तमाम ज्ञानेन्दि्रयों और कर्मेन्दि्रयों से है । इसी से चित्त की भावभूमि, मन-मस्तिष्क की तरंगों और संकल्पों की दिशाओं को […]
आज का चिंतन-24/02/2014
कितना अच्छा होता वे वहाँ होते – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com ये दुनिया भी बड़ी ही अजीब है। आदमी सोचता क्या है और हो क्या जाता है। वह करना क्या चाहता है, और मिल क्या जाता है, वह रहना कहाँ चाहता है, और रहना कहाँ पड़ता है, वह रहना किन लोगों के साथ चाहता है, और रहना किनके साथ […]
आज का चिंतन-10/02/2014
चाहे जहाँ न रोएँ घर-गृहस्थी का रोना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर बात के लिए अपना एक विशिष्ट अंदाज और मंच होता है। सम सामयिकता और स्थान की उपयुक्तता हमारे कई सारे कामों को आसान कर देती है, कल्पनाओं को सहज ही आकार दे डालने में समर्थ होती है। हर व्यक्ति को इस बात का […]
आज का चिंतन-11/01/2014
कोई काम थोंपें नहीं स्वेच्छा का ख्याल रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com कर्मयोग और मन-मस्तिष्क का सीधा संबंध मनुष्य की इच्छा से होता है। इच्छा होने पर उसे जो काम सौंपा जाता है अथवा जो काम वह करता है उसमें पूरी निष्ठा लगाता हुआ मन से पूरा करता है और उसकी उत्पादकता एवं […]
आज का चिंतन-07/01/2014
खूब हैं कहने वाले‘आपकी कृपा है’ – डॉ. दीपक आचार्य9413306077 जो सामने मिलता है, खैरियत पूछने पर यही कहता है – आपकी कृपा है। दिन में सौ लोग मिलेंगे तो उन सभी से आदमी यही कहेगा – आपकी कृपा है। आजकल औरों की कृपा पर जिन्दा रहने वाले लोगों की भरमार सभी जगह है। हर […]
आज का चिंतन-04/01/2014
हमेशा बनी रहनी चाहिए कोई न कोई चुनौती – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल इंसान की फितरत में कुछ ऎसी बातें आ गई हैं जिनकी वजह से उसके कर्मयोग की रफ्तार मंद होती जा रही है। उसे अब न जरूरी काम याद रहते हैं न वह अपनी इच्छा से कोई ऎसे काम कर पाता है […]
आज का चिंतन-27/12/2013
ऎसा बर्ताव न करें कि लोग हमसे कतराने लगें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसानियत के निरन्तर क्षरण होते वर्तमान दौर में मानवीय मूल्यों और संस्कारहीन लोगों की वजह से समाज और क्षेत्र बेवजह समस्याओं, तनावों और परेशानियों में घिरने लगा है। हर आदमी अपनी मर्यादा में रहे, अपने को सौंपे हुए कामों को आसानी […]
आज का चिंतन-21/12/2013
ईश्वर को पाने ज्यादा सहज है अनासक्त योग भरा गृहस्थाश्रम – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन लक्ष्यों और ईश्वर को पाने के लिए कलियुग में सर्वश्रेष्ठ, सरल और सहज मार्ग है गृहस्थाश्रम। इसके माध्यम से सेवा और परोपकार की वृत्तियों में जुड़े रहकर तथा पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए प्रसन्नता […]