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आज का चिंतन

संतान के जीवन में माता पिता का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम संसार में अपनी अपनी माता के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं वा हमने अपनी माता से जन्म लिया है। यदि माता न हो तो हम अपने जन्म की कल्पना भी नहीं कर सकते। परमात्मा ने इस सृष्टि को बनाया है और उसी ने इस माता-पुत्र से पवित्र सम्बन्ध को भी […]

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देश की महान वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर विशेष

भारत के क्रांतिकारी इतिहास में भारत की महान वीरांगनाओं का योगदान कभी भी विस्मृत नहीं किया जा सकता । यहां पर अनेकों ऐसी महान वीरांगनाएं हुईं हैं जिन्होंने समय आने पर अपने देश के लिए और देश की आन , बान शान के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया । ऐसी ही एक महान […]

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हमारी वैदिक इतिहास परंपरा में हिंसा निषेध और गाय

वेद ने मनुष्य से अन्य प्राणियों के प्रति मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे-अर्थात प्रत्येक प्राणी को अपना मित्र समझो, ऐसा व्यवहार करने का निर्देश दिया है। इसलिए अपने मित्रों के बीच रहकर कोई अनपेक्षित और अवांछित प्रतियोगिता वेद ने आयोजित नही की, अपितु सबको अपने अपने मर्यादा पथ में जीवन जीने के लिए स्वतंत्र छोड़ा। एक मनुष्य […]

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क्या थी भारत की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा ?

भारत में लोकतंत्र की बहुत स्वस्थ प्रणाली प्राचीन काल से कार्य करती रही है । लोकतांत्रिक स्वस्थ प्रणाली के अंतर्गत समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुयोग्यतम संतान को राष्ट्र के लिए प्रदान करता आया है । विज्ञान की मान्यता है कि हर पिता की पहली संतान उसके अधिकतम गुणों को लेकर उत्पन्न होती है। यही […]

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भारत में लोकतंत्र सर्वथा एक निरीह और असहाय प्राणी का नाम है

यूं कहने को तो भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है परंतु वास्तविकता यह है कि भारत में लोकतंत्र कहीं पर भी नहीं है । जी हां , जो राजनीतिक पार्टियां लोकतंत्र लोकतंत्र का शोर मचाती हैं यदि उनकी भी चीर फाड़ की जाए तो पता चलता है कि लोकतंत्र तो उनके […]

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विश्व गुरु के रूप में भारत खोदता था आकाश में कुंआ

तालाबों को प्राचीन काल में हमारे पूर्वज लोग बड़ा स्वच्छ रखा करते थे। पर आजकल तो इनमें कूड़ा कचरा और गंदी नालियों का गंदा पानी भरा जाता है। यही स्थिति नदियों की है। जो वस्तु हमारे जीवन का उद्घार करने में सहायक थी उन्हें ही हमने अपने लिए विनाश का कारण बना लिया है। हमें […]

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भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर

आज पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि है ।आजीवन मां भारती की सेवा में रत रहे ‘ भारत रत्न ‘ उदारमना महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी स्वतंत्रता मिलने से लगभग 10 महीने पहले इस असार संसार से चले गए थे । उनके जीवन पर जितना भी लिखा जाए उतना कम है । उन्होंने प्रत्येक […]

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कौन है पराली जलाने का वास्तविक अपराधी

पिछले कुछ वर्षों से हर वर्ष दीपावली के आसपास पराली से पूरा एनसीआर पीड़ित हो उठता है । अब प्रश्न यह है कि इस पराली को जलाकर एनसीआर सहित देश के कई भागों में लोगों के लिए ‘ डेथ चेंबर ‘ बनाने की इस प्राणलेवा घटना का जिम्मेदार कौन है ? सचमुच इस प्रश्न पर […]

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7 नवंबर को गौ भक्तों के बलिदान दिवस पर विशेष : कहां गई गोचर भूमि ?

1976ई. में स्व. श्रीवेणीशंकर मु. वासु ने एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था-‘‘कहां गयी गोचर भूमि’’। लेख बड़ा तथ्यपरक और मार्मिक था, जो आज भी हमारी सरकार और हमारे देश वासियों की उस सामूहिक चेतना को झंकृत करने की सामथ्र्य रखता है, जो इस समय गाय के विषय में पूर्णत: उदासीन है, या मर […]

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मुझे गर्व है अपने आप पर – – – – –

सचमुच मेरा भारत महान है, क्योंकि मेरा भारत ही है जो हमें एक धर्म – सत्य सनातन वैदिक , एक धर्म ग्रंथ – वेद , एक उपास्य देव – ईश्वर ( ओ३म ) , एक गुरु मंत्र — गायत्री मंत्र , एक राष्ट्र – आर्यावर्त राष्ट्र , एक विश्व ध्वज — ओ३म पताका (भगवा ) […]

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