Categories
आज का चिंतन

आज भी दलगत लोकतंत्र का गुलाम है हमारा देश

मित्रो ! कल मैं ‘उगता भारत ‘ समाचार पत्र के सह संपादक श्री राकेश आर्य जी बागपत वालों के यहां उनके पुत्र के वाग्दान संस्कार समारोह में सम्मिलित होने के लिए गया था। वहां से लौटते हुए रास्ते में सड़क के एक ओर बागपत के सांसद श्री सतपाल सिंह जी का एक पोस्टर लगा हुआ […]

Categories
आज का चिंतन

भारत के एक मुसलमान के सामने भी जब गांधी जी ने लगा दिया था पाकिस्तान के सारे हिंदू और सिखों की जान को दांव पर

लियोनार्ड मोसले के अनुसार भारत विभाजन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के उपरांत भी महात्मा गांधी ने कहा था- “चाहे पाकिस्तान में समस्त हिन्दू व सिख मार दिए जाएं, पर भारत के एक कमज़ोर मुसलमान बालक की भी रक्षा होगी ।” स्रोत-(पुस्तक- भारत का राष्ट्रीय आंदोलन: एक विहंगावलोकन, लेखक-मुकेश बरनवाल, डॉ. भावना चौहान) […]

Categories
आज का चिंतन

वैदिक धर्म की सच्चाईयों से अनभिज्ञ और ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के आलोचक थे गांधीजी

गांधीजी को इस्लाम को समझने के लिए जितना समय मिला उतना अपने वैदिक धर्म को समझने के लिए शायद उन्हें समय नहीं मिला और न उन्होंने उसे समझने में रुचि ली । यही कारण रहा कि वेद में इतनी रुचि नहीं थी जितनी कुरान और बाइबिल में थी। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ जैसे पवित्र ग्रंथ की भी […]

Categories
आज का चिंतन

हमारा गणतंत्र नाच गान का दिन नहीं आत्मचिंतन का दिन

प्यारे देशवासियो! यह दिवस नाच-गान का दिन नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का दिन है। क्या हम आत्म चिंतन करेंगे कि- (1) देश को स्वतंत्र कराने में कितने वीर वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी? क्या हमने उनके बलिदान को मिथ्या अहिंसा से आजादी मिली, ऐसे मिथ्या पागलपन भरे प्रचार से अपमानित नहीं किया है? (2) […]

Categories
आज का चिंतन

परीक्षा : उम्मीदवार की या जनता की

जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक, जननेता, जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत से संसद तक निर्वाचन की प्रक्रिया ही आधारभूत है। संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक अर्हताओं को पूरा करके किसी भी एक पद के लिए दर्जनों उम्मीदवार मतदाताओं के समक्ष […]

Categories
आज का चिंतन

राष्ट्रपति भवन के बारे में एक कड़वा सच

आज एक खास बात आपसे शेयर करना चाहता हूं । शायद आप में कई यह नहीं जानते होंगे कि हमारे देश का राष्ट्रपति जिस स्थान से बैठकर संवैधानिक रूप से देश का शासन चलाता है वह ऐसा स्थान है जिसका मुआवजा आज तक उसके वास्तविक मालिकों अर्थात किसानों को नहीं दिया गया है । इस […]

Categories
आज का चिंतन

संस्कृत भाषा है भारत क प्राण

एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला अर्थात शस्त्र और शास्त्र का उचित समन्वय बनाना आर्य हिंदू संस्कृति का एक बहुत ही गहरा संस्कार है । भारत की चेतना में यही संस्कार समाविष्ट रहा है । इसी संस्कार ने समय आने पर संत को भी सिपाही बनाने में देर नहीं की । इसी […]

Categories
आज का चिंतन

वास्तविक बाल दिवस तो आज है : गुरु पुत्र फतेह सिंह और जोरावर सिंह को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन

देश अभी ईसा मसीह के जन्म दिवस की खुशियों में डूबा हुआ है । धर्मनिरपेक्षता का राग हमारे सिर पर किस कदर चढ़कर बोल रहा है इस बात का पता हमारे इस आचरण से चल जाता है कि हम ने 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल को , पंडित मदन मोहन मालवीय जी और अटल बिहारी […]

Categories
आज का चिंतन

भारत की इतिहास परंपरा में उपनिषदों का योगदान

भारत की राष्ट्रीय चेतना को आर्ष ग्रंथों ने बहुत अधिक प्रभावित किया है । बहुत दीर्घकाल तक भारतीय संस्कृति की प्रेरणा के स्रोत बने इन ग्रंथों ने भारत के राष्ट्रीय मानस को ,राष्ट्रीय चेतना को , राष्ट्रीय परिवेश को और राष्ट्रीय इतिहास को इतना अधिक प्रभावित किया है कि इनके बिना भारतीयता के उद्बोधक इन […]

Categories
आज का चिंतन

रामायण कालीन कुछ नारियां और उनके चरित्र

रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसने न केवल भारत वासियों को बल्कि संसार के अन्य देशों के निवासियों को भी एक सुव्यवस्थित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है । इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित अन्य अनेकों पात्रों की ऐसी गंभीर मर्यादानुकूल भूमिकाएं हैं कि उन्हें यदि आज का समाज स्वीकार कर ले तो संसार […]

Exit mobile version