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आज का चिंतन

मनुष्य वेदविहित कर्तव्यों का पालन करने से ही सच्चा मानव बन सकता है

ओ३म् =========== हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान का दिया जाना तथा हमें उस ज्ञान को प्राप्त होकर मननपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्धारणकर उन्हें करना होता है। सभी मनुष्य ऐसा नहीं करते। देश व विश्व की अधिकांश जनता को यही नही पता कि मनुष्य, मनुष्य क्यों कहलाता […]

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5 अगस्त के बाद कुछ लोगों की नींद उड़ी हुई है

डॉ. अजय खेमरिया सवाल यह है भी है कि क्या बहुसंख्यकवाद भारत के संसदीय मॉडल को हिन्दू राष्ट्र की ओर ले जाएगा? जैसा कि डर खड़ा करते रहे हैं लिबरल्स और सेक्युलरिस्ट। प्रधानमंत्री मोदी के 5 अगस्त के भाषण में इसका सटीक और तार्किक जवाब निहित हैं। भारत की संसदीय राजनीति में हिंदुत्व का अधिष्ठान […]

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मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धांत पुनर्जन्म के विरुद्ध

ओ३म् ======== महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह […]

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राम के विश्व-व्यापी रूप का इतना सुंदर चरित्र-चित्रण तो कोई प्रतिभाशाली विद्वान ही कर सकता है

डॉ. वेदप्रताप वैदिक मोदी ने अपने भाषण में राम-चरित्र का वर्णन कितनी भाषाओं— देसी और विदेशी— के उद्धरण देकर किया है। सबसे ध्यान देने लायक तो यह बात रही कि उन्होंने एक शब्द भी ऐसा नहीं बोला, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस लगे। अयोध्या में राम मंदिर के भव्य भूमि-पूजन का कार्यक्रम अद्भुत रहा। प्रधानमंत्री […]

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शिखर तक पहुंचने की चुनौती नहीं होती बल्कि उस पर बने रहने की चुनौती ज्यादा महत्वपूर्ण होती है

ललित गर्ग जीवन की विडम्बना यह है कि हम अपनी हर अनगढ़ता, हर अपूर्णता के लिए दुनिया को जिम्मेवार ठहराते हैं। जबकि हमें इसके कारणों को स्वयं में खोजना चाहिए। जेफ ओल्सन की किताब ‘द स्लाइट एज’ में खुशी की तलाश का एक पूरा दर्शन छिपा है। कोरोना महासंकट में जिंदगी हमसे यही चाहती है […]

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उजड़ गया दर्जी चिड़िया का परिवार

_____________________________ हमारे गैराज /आंगन में स्थित नन्ही दर्जी चिड़िया का आंगन घोसला परिवार रक्षाबंधन पर्व की पूर्व संध्या पर उजड़ गया| दर्जी चिड़िया के चूजे /घोसला 1 महीने से सरीसृप अन्य शिकारी पक्षियों से तो सुरक्षित रहा………! लेकिन कमजोर जीव के प्रकृति में हजार दुश्मन होते हैं| यह परिवार क्रूर चालाक स्तनधारी शिकारी जंतु बिल्ली […]

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क्या है योग दर्शन की सिद्धियों का सच ?

——————– – भावेश मेरजा महर्षि दयानंद जी ने योग दर्शन में उल्लिखित विभूतियों के बारे में कहीं ऐसा विधान नहीं किया है कि ये सारी विभूतियां सत्य हैं। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश में एक स्थान पर यह बताया है कि योगी भी सृष्टि नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है। कोई भी योगी आंख से सुनना […]

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कोरोना महामारी हमारी अग्नि-परीक्षा का काल है

ललित गर्ग कोरोना वायरस का संक्रमण दिन पर दिन फैलता जा रहा है। हमें निरंतर सतर्क रहना होगा, ढिलाई की गुंजाइश नहीं है। हमारी एक भूल अनेक जीवन को संकट में डाल सकती है। इसलिये यह समय है, जब हम अपने संकल्प और प्रयासों में एकता दिखाएं। कोरोना महासंकट ने हमारी सोच एवं संवेदना ही […]

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बिन मांगे अमृता मिल गई

* ______________________________ इंसान सदियों से अमर होना चाहता है | बुढ़ापा, मृत्यु से छुटकारा पाना चाहता है…. क्या यह संभव है? मृत्यु से बचने के लिए अंतिम सांस तक मशक्कत करता है इंसान फिर भी मृत्यु तो अटल है… इंसान की यह जन्मजात स्वाभाविक इच्छा पूरी हो ना हो लेकिन 4mm के एक समुद्री जीव […]

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एक अकेला ईश्वर सृष्टि की उत्पत्ति , पालन और प्रलय कैसे कर सकता है ?

ओ३म् ============ वैदिक धर्मी मानते हैं कि संसार में ईश्वर एक है और वही इस सृष्टि का रचयिता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। वही ईश्वर असंख्य जीवों के सभी कर्मों का साक्षी होता है तथा उन्हें उनके अनेक जन्म-जन्मान्तरों में सभी कर्मों के सुख व दुःख रूपी फल देता है। एक ईश्वरीय सत्ता के लिये इस […]

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