* प्रस्तुति : आर्य सागर खारी *एक युवक ने अमृतसर नगर में दीवार पर एक व्यक्ति को इश्तिहार लागाते हुए देखा व उसे पढ़ा*। *उसके अनुसार उस दिन आर्यसमाज मन्दिर में ऋषिभक्त पंडित लेखराम जी का प्रवचन होना था। वह युवक आर्यसमाज* *मन्दिर, अमृतसर में प्रवचन से काफी समय पहले पहुंच गया। वहां उसने देखा […]
Category: आज का चिंतन
सभ्यता और असभ्यता को पहचानो
🌹🌹🌹🌹 अपने व्यवहार को शुद्ध एवं सभ्यतापूर्ण बनाए रखें। एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति से पूछा कि, *क्या आप मुझे 2 मास के लिए 5,000/- रुपये उधार दे सकते हैं?* दूसरे व्यक्ति ने कहा, *मैं आपको कल दोपहर 12:00 बजे तक उत्तर दूंगा।* पूछने वाले ने कहा, *हां या न. जो भी हो, उत्तर अवश्य […]
ओ३म् ========== संसार में सभी जीवन पद्धतियों में वैदिक धर्म एवं तदनुकूल जीवन पद्धति श्रेष्ठ व महत्वूपर्ण है। इसे जानकर और इसके अनुसार जीवन व्यतीत करने पर मनुष्य अनेक प्रकार की समस्याओं से बच जाता है। मनुष्य को अपनी शारीरिक शक्तियों के विकास वा उन्नति पर ध्यान देना चाहिये। इसके लिये उसे समय पर जागना, […]
डॉ राकेश कुमार आर्य लोकतंत्र मतभिन्नता की अनुमति इसलिए देता है कि अंत में सब पक्षों में मतैक्यता हो जाये। किसी भी विषय में गुणावगुण पर सब पक्ष खुलकर बहस करें और फिर किसी एक सर्वमान्य निष्कर्ष पर पहुंच कर एक मत हो जाएं। भारतवर्ष के संविधान ने लोगों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता […]
💐वेद का गूढ़ ज्ञान *💐 🌺पंञ्च नद्यु: सरस्वतीमपि यन्ति सस्त्रोतम:। सरस्वती तु पञ्चधा सो देशेऽभवत्सरित्।। **यजुर्वेद* 34/11 🌹 *भावार्थ:* इस मंत्र में किसी भौतिक नदी का वर्णन नहीं है। यहां सरस्वती नदी का अभिप्राय जीवात्मा से है। पांच नदियां पांच ज्ञानेन्द्रियों की सूचक हैं। पांच विषयों रूप,रस,शब्द, स्पर्श और गंध में से एक-एक उनका स्त्रोत […]
जीवात्मा – अनादि परम सत्य तत्व
१) जीवात्मा किसे कहते है ? उत्तर = एक ऐसी वस्तु जो अत्यंत सूक्ष्म है, अत्यंत छोटी है , एक जगह रहने वाली है, जिसमें ज्ञान अर्थात् अनुभूति का गुण है, जिस में रंग रूप गंध भार (वजन) नहीं है, कभी नाश नहीं होता, जो सदा से है और सदा रहेगी, जो मनुष्य-पक्षी-पशु आदि का […]
ओ३म् ========== धार्मिक मनुष्य के विषय में समाज में अविद्या पर आधारित अनेक आस्थायें व असद्-विश्वास प्रचलित हैं। इन पर विचार करते हैं तो इसमें सत्यता की कमी अनुभव होती है। सच्चा धार्मिक मनुष्य कौन होता है? इसका उत्तर यह मिलता है कि सच्चा धार्मिक वही मनुष्य हो सकता है जिसको वेदज्ञान उपलब्ध वा प्राप्त […]
ओ३म् ========= मनुष्य के जीवन वेदाध्ययन का क्या महत्व है? उसे वेदाध्ययन क्यों करना चाहिये? मनुष्य जीवन में यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है जिस पर सबको विचार करके सार्थक व लाभप्रद निष्कर्ष निकाल कर उसे अपने जीवन में धारण कर लाभ उठाना चाहिये। वेदों का महत्व अन्य सभी सांसारिक ग्रन्थों से सर्वाधिक है। इसका कारण […]
वायरस , बंद परिवेश और यज्ञ
* भारतीय संस्कृति की महानता* ____________________________ दुनिया में 120 जगह पर 70 से ज्यादा कंपनियां कोरोना वायरस की वैक्सीन पर काम कर रही है| ऑस्ट्रेलिया अमेरिका ब्रिटेन भारत चीन सहित पांचों देशों में वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी चल गया है| कोविड-19 वैश्विक महामारी अर्थात कोविड-19 वायरस 6 महीने की उम्र पूरी कर चुका है […]
ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय […]