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आज का चिंतन

हम श्रेष्ठ वैदिक धर्म और संस्कृति के अनुयायी होने से भाग्यशाली हैं

ओ३म् ========== हमारा जन्म भारत में हुआ है। भारत ही वह देश है जो धर्म एवं संस्कृति के सृजन का केन्द्र वा उत्पत्ति स्थान है। सृष्टि के आरम्भ में वेदों का आविर्भाव इसी प्राचीन देश आर्यावर्त के तिब्बत में परमात्मा से हुआ था। समस्त वेद ही धर्म का मूल एवं आधार है। वेद की भाषा […]

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वेदों के प्रकाश से ही संसार को ईश्वर सहित धर्म आदि विषयों का यथार्थ ज्ञान हुआ है

ओ३म् ========== संसार में किस सत्ता से ज्ञान उत्पन्न व प्राप्त हुआ है? इस विषय का विचार करने पर ज्ञात होता है कि ज्ञान का प्रकाश ज्ञानस्वरूप, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान तथा सृष्टिकर्ता परमात्मा से सृष्टि के आरम्भ में हुआ है। परमात्मा ही ने अपनी सर्वज्ञता, सर्वव्यापकता तथा सर्वशक्तिमान स्वरूप से असंख्य चेतन जीवात्माओं को उनके […]

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यह सृष्टि ईश्वर ने जीवों के सुख तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए बनाई है

ओ३म् ============ एक अदृश्य सत्ता से यह जगत बना है। उसी सत्ता ने हम जीवात्माओं के शरीर भी बनायें हैं और इस सृष्टि को देखने व भोग करने में सहायक हमें दो आंखे प्रदान की हैं। इस सृष्टि को देखकर विचारशील मनुष्यों के मन, मस्तिष्क तथा बुद्धि में इस सृष्टि के कर्ता वा रचयिता को […]

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आपत्तियों से घबराएं नहीं, इनसे युद्ध करें, आप निश्चित रूप से जीत जाएंगे

आपत्तियों से घबराएं नहीं। इन से युद्ध करें। आप निश्चित रूप से जीत जाएंगे।* आपत्तियां दुख चिंताएं परेशानियां किसके जीवन में नहीं हैं? सबके जीवन में हैं। सबके सामने विषम या विपरीत परिस्थितियां आती ही रहती हैं। जिस भी व्यक्ति ने संसार में जन्म लिया है, उसे अनेक प्रकार के दुख भोगने ही पड़ते हैं। […]

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Uncategorised आज का चिंतन

महर्षि दयानंद के तप त्याग और भावनाओं को ध्यान में रखकर हमें वेद भाष्य सहित उनके सभी ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए

ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द संसार के महापुरुषों में अन्यतम थे। उन्होंने जो कार्य किया वह अन्य महापुरुषों ने नहीं किया। उन्होंने ही हमें ईश्वर के सत्यस्वरूप से परिचित कराया है। उनसे पूर्व ईश्वर का सत्यस्वरूप वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थों में उपलब्ध था परन्तु देश के न केवल सामान्य जन अपितु विद्वानों को भी उसका ज्ञान […]

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सत्य का ग्रहण व धारण तथा असत्य का त्याग ही मनुष्य का धर्म एवं कर्तव्य

ओ३म् ========= परमात्मा ने मनुष्य को बुद्धि दी है जो ज्ञान प्राप्ति तथा सत्य व असत्य के विवेचन में मनुष्य की आत्मा की सहायक होती है। मनुष्य को सत्य व असत्य के स्वरूप को जानने का प्रयत्न करना चाहिये। सत्य को जानकर ही मनुष्य व उसकी आत्मा की उन्नति व सत्य को न जानने से […]

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वेदाध्ययन से नास्तिक मनुष्य भी ईश्वर विश्वासी व आस्तिक बन जाता है

ओ३म् ========= हमारा संसार नास्तिक और आस्तिक विचारों के लोगों में बंटा हुआ है। अधिकांश लोग ईश्वर की सत्ता वा अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और अन्य मनुष्य जिनकी संख्या करोड़ों व अरबों में है, विश्वास नहीं भी करते। मनुष्य का विश्वास सत्य ज्ञान व सत्य तर्कों पर आधारित हो तो वह मान्य होता है, […]

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आज का चिंतन

हमारा मनुष्य होना तभी सार्थक है जब हमने ईश्वर को जान लिया हो

ओ३म् ============ मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान कराता भी नहीं है। मनुष्य जीवनभर संसार के कार्यों में उलझा रहता है, अतः अधिकांश मनुष्यों को तो कभी इस विषय में विचार करने का अवसर तक नही मिलता। यदि कोई इन विषयों पर […]

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आज का चिंतन

आज का सुविचार

*🍁आज का सुविचार🍁* +++++++++++++++ *जीवन में सुखी रहने के लिए दो शक्तियों का होना जरूरी है। पहली सहनशक्ति, और दूसरी समझशक्ति, ‌क्योकि जीवन एक ऐसा रंगमंच है; जहां किरदार को खुद नहीं पता कि अगला सीन क्या होगा। अक्सर सुनते हैं,- लंबा धागा और लंबी ज़ुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती है, इसलिए धागे को […]

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आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

तपोवन आश्रम में आयोजित सामवेद पारायण यज्ञ का समापन , कर्म उपासना से मनुष्य मृत्यु को पारकर विद्या से अमृतमय होकर मोक्ष को प्राप्त हो जाता है : आचार्य आशीष

ओ३म् ============ वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में सोमवार दिनांक 2-11-2020 से रविवार दिनांक 8-11-2020 तक 7 दिवसीय सामवेद पारायण तथा गायत्री यज्ञ सहित भजनों एवं वैदिक व्याख्यानों का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें देश के निकटवर्ती भागों से लोग सम्मिलित हुए। कार्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। हम प्रतिदिन इन कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे। हम […]

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