ओ३म् ========= हमारा संसार नास्तिक और आस्तिक विचारों के लोगों में बंटा हुआ है। अधिकांश लोग ईश्वर की सत्ता वा अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और अन्य मनुष्य जिनकी संख्या करोड़ों व अरबों में है, विश्वास नहीं भी करते। मनुष्य का विश्वास सत्य ज्ञान व सत्य तर्कों पर आधारित हो तो वह मान्य होता है, […]
श्रेणी: आज का चिंतन
ओ३म् ============ मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान कराता भी नहीं है। मनुष्य जीवनभर संसार के कार्यों में उलझा रहता है, अतः अधिकांश मनुष्यों को तो कभी इस विषय में विचार करने का अवसर तक नही मिलता। यदि कोई इन विषयों पर […]
*🍁आज का सुविचार🍁* +++++++++++++++ *जीवन में सुखी रहने के लिए दो शक्तियों का होना जरूरी है। पहली सहनशक्ति, और दूसरी समझशक्ति, क्योकि जीवन एक ऐसा रंगमंच है; जहां किरदार को खुद नहीं पता कि अगला सीन क्या होगा। अक्सर सुनते हैं,- लंबा धागा और लंबी ज़ुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती है, इसलिए धागे को […]
ओ३म् ============ वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में सोमवार दिनांक 2-11-2020 से रविवार दिनांक 8-11-2020 तक 7 दिवसीय सामवेद पारायण तथा गायत्री यज्ञ सहित भजनों एवं वैदिक व्याख्यानों का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें देश के निकटवर्ती भागों से लोग सम्मिलित हुए। कार्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। हम प्रतिदिन इन कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे। हम […]
◙ *प्रार्थना और भक्ति…* —————————————————– _“हमनें बहुत से अंधविश्वासियो से सुना है कि श्री तुलसीदास जी अड गये कि ‘हे ईश्वर, हम तो तुझे धनुष-बाण लिये हुए ही देखना चाहते है।’. तुकाराम जी के लिए सुना है कि उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि ‘हम इस शरीर में तेरा निराकार स्वरुप नहीं देख सकते, अत: […]
ओ३म् ============== वैदिक साधन आश्रम, तपोवन देहरादून की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं में अग्रणीय संस्था है। इसकी स्थापना सन्1949 में बावा गुरमुख सिंह एवं महात्मा आनन्द स्वामी जी ने मिलकर की थी। वर्ष में दो बार यहां पर उत्सव आयोजित किये जाते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष ग्रीष्म तथा शरद उत्सव आयोजित नहीं किये […]
ओ३म् =========== वैदिक विद्वान आचार्य आशीष दर्शनाचार्य ने वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में चल रहे सात दिवसीय सामवेद पारायण एवं गायत्री यज्ञ के पश्चात अपने सम्बोधन में कहा कि हम सबको मिल बैठकर सामवेद की भावना के अनुसार संगीत व एकरसता को उत्पन्न करना चाहिये। हमें सामवेद को समझने का प्रयास भी करना चाहिये। […]
ओ३म् ========== यज्ञ वेदों से प्राप्त हुआ एक शब्द है। इसका अर्थ होता है श्रेष्ठ व उत्तम कर्म। श्रेष्ठ कर्म वह होता है जिससे किसी को किसी प्रकार की हानि न हो अपितु दूसरों व स्वयं को भी अनेक लाभ हो। यज्ञ से जैसा लाभ होता है वैसा अन्य किसी कार्य से नहीं होता। यज्ञ […]
गायत्री आर्य आज पतियों की उम्र का ‘लाइसेंस रिन्यू’ कराने की तारीख है।पिछले एक हफ्ते से पूरा उत्तर भारत करवाचौथ के ‘पर्व’ की तैयारियों में जुटा था। बाहर बाजार में करवाचौथ की रौनक दिख रही थी तो घर में टीवी पर,बीते कुछ सालों में, बाजार के इसी अति उत्साह का नतीजा है कि छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब […]
ओ३म् ============== मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी होता है। इसका कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, अणु परिमाण, इच्छा व द्वेष आदि से युक्त होना होता है। मनुष्य सर्वज्ञ व सर्वज्ञान युक्त कभी नहीं बन सकता। सर्वज्ञता से युक्त संसार में एक ही सत्ता है और वह है सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा। परमात्मा ही सृष्टि में विद्यमान अनन्त […]