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आज का चिंतन

संघर्ष किसके जीवन में नहीं है ?

संघर्ष किसके जीवन में नहीं है? अर्थात सभी के जीवन में हैं कुछ लोग आपको प्रत्येक परिस्थिति में खुश दिखाई देते होंगे। “ऐसा नहीं है, कि उनके जीवन में कोई समस्याएं नहीं आती। कोई चिंता नहीं होती, कोई तनाव नहीं होता, या परिस्थितियों से उन्हें कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। चिंताएं परेशानियां दुख समस्याएं सबके […]

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आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

मनुस्मृति में मिलावट व मनु महोत्सव 2025 ग्रेटर नोएडा

मानव कर्तव्य शास्त्र मनुस्मृति में सर्वाधिक मिलावट की गई यह मिलावट किसी एक काल में नहीं की गई समय-समय पर की गई अनेक शताब्दियों तक। उस काल में प्रिंटिंग प्रेस जैसी कोई तकनीक नहीं थी हाथ से ही पांडुलिपियों तैयार की जाती थी ऐसे में स्वार्थी लोगों ने अवसर का लाभ उठाया आखिर मनुस्मृति ही […]

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सबसे अधिक मूल्यवान और उत्तम योनि मनुष्य की है

“संसार में लाखों योनियां हैं। उनमें से सबसे अधिक मूल्यवान और उत्तम योनि मनुष्य की है।” क्योंकि मनुष्य जीवन में बहुत सारी सुख सुविधाएं हैं, जो अन्य प्राणियों को ईश्वर ने लगभग नहीं दी। जैसे कि “ईश्वर ने मनुष्यों को ‘विशेष बुद्धि’ दी। बोलने के लिए ‘भाषा’ दी। कर्म करने के लिए ‘दो हाथ’ दिए। […]

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आज का चिंतन भारतीय संस्कृति

माता पिता की सेवा से ही सन्तान का जीवन सुखी व सफल होता है

मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में माता-पिता के द्वारा जन्म प्राप्त पर यहां आये हैं। यदि हमारे माता-पिता न होते तो हमारा जन्म नहीं हो सकता था। हमारे जन्म की जो प्रक्रिया है उसमें हमारे माता-पिता को अनके प्रकार के कष्ट उठाने तथा पुरुषार्थ करने पड़ते हंै। यह ऐसा कार्य है कि जो कोई […]

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आज का चिंतन भ्रांति निवारण

ब्रह्मराक्षस विवेचना

आपने ब्रह्मराक्षस शब्द सुना होगा और कल्पना की होगी कि ये किसी दुष्ट व्यक्ति का नाम है,और मंदिरों में इसकी प्रतिमा देखकर इसके विषय में समझने की जिज्ञासा हो सकती है। मडिकेरी के ओंकारेश्वर शिव मंदिर की क्षेत्रीय किंवदंती के अनुसार,मंदिर का निर्माण एक राजा द्वारा ब्रह्मराक्षस द्वारा उत्पन्न बुराई को दूर करने के लिए […]

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इच्छाओं के क्षेत्र में दो प्रकार के लोग………

सबके पास कुछ न कुछ सुविधाएं हैं और कुछ-कुछ कमियां भी हैं। उन कमियों को दूर करने के लिए सब में इच्छाएं भी हैं। इच्छाओं के क्षेत्र में दो प्रकार के लोग संसार में देखे जाते हैं। एक वे, “जो अपने पास उपलब्ध सुविधाओं पर अधिक ध्यान देते हैं। जो वस्तुएं जीवन चलाने के लिए […]

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काल भैरव कथा

डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता : एक बार ब्रह्मा, बिष्णु में श्रेष्ठता को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद को सुलझाने के लिए ब्रह्मा, बिष्णु एवं सभी देवी-देवता और ऋषि मुनि भगवान शिव के पास आते हैं। भगवान शिव ने सभी देवी-देवता और ऋषि मुनियों ने से पूछा कि आप ही बताइए सबसे […]

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ओ३म् “सर्गारम्भ से वेद बिना भेदभाव मनुष्यों की अविद्या दूर कर रहे हैं”

============= हमारी यह सृष्टि सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सच्चिदानन्दस्वरूप, अनादि व नित्य परमात्मा से बनी है। ईश्वर, जीव तथा प्रकृति तीन अनादि व नित्य सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से अनादि है। इसमें सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति तथा प्रलय का क्रम अनादि काल से चला आ रहा है और अनन्त काल तक चलता रहा है। सभी अनन्त […]

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ओ३म् “ब्रह्मचर्य ईश्वर में विचरण, संयम और कर्तव्यों का पालन करना है”

============ वेद एवं वैदिक साहित्य में ब्रह्मचर्य की चर्चा मिलती है। प्राचीन काल में मनुष्य जीवन को चार आश्रमों में बांटा गया था। प्रथम आश्रम ब्रह्मचर्य आश्रम कहलाता था। इसके बाद गृहस्थ आश्रम का स्थान था। ब्रह्मचर्य आश्रम जन्म से 25 वर्ष की आयु तक मुख्य रूप से माना जाता है परन्तु ब्रह्मचर्य का पालन […]

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ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-4*

विशेष : आजकल आपको अधिकांश बड़े शहरों में ध्यान केंद्र और ध्यान गुरु मिलेंगे ,लेखी। ये ध्यान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।ध्यान की स्थिति तक पहुंचने से पहले साधक को किस किस स्थिति से गुजरना होता है ,ये नहीं बताया जाता। ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के […]

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