विवेक रंजन श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स श्री शांतिलाल जैन को उम्दा, स्पर्शी व्यंग्य लिखने में महारत है। थोड़े थोड़े अंतराल पर आपकी प्रभावी किताबें व्यंग्य जगत में हलचल मचा रही हैं। कबीर और अफसर, न आना इस देश, मार्जिन में पिटता आदमी, वे रचनाकुमारी को नहीं जानते के बाद यह व्यंग्य संग्रह कि आप शुतुरमुर्ग […]
कि आप शुतुरमुर्ग बने रहें
