पुस्तक चर्चा संभवामि युगे युगे (विवेक रंजन श्रीवास्तव – विभूति फीचर्स) श्रीमद्भगवत गीता के चौथे अध्याय के आठवें श्लोक परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे॥ से श्री कुमार सुरेश ने किताब का शीर्षक लिया है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि दुष्टों के विनाश के लिये मैं हर युग में हर युग में […]
Category: पुस्तक समीक्षा
पुस्तक चर्चा *”अयोध्या 22जनवरी “*
(प्रवीण दुबे-विनायक फीचर्स) हम उस पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के विराजने की ख़बर अपने कानों से सुनी और अपनी आँखों से टीवी में या साक्षात मौजूद रहकर देखी है। ये अपने आप में बहुत गौरव की बात है। इसे हम अपनी अगली पीढ़ी को बहुत गर्व से हस्तांतरित कर सकते […]
जेबा खान राजेन्द्र मोहन शर्मा साहित्य की दुनिया में एक ऐसा नाम है जिसको हर कोई बखूबी से जनता है। साहित्य के क्षेत्र में लम्बे समय से कार्यरत हैं। जिन्हें अनेकों सम्मान जैसे “नरपतसिंह सांखल पुरस्कार”, “प्रेमचंद शिखर सम्मान” आदि से नवाजा जा चुका है। अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके राजेंद्र जी की रचनाओं […]
वेदाध्ययन की आवश्यकता
पुस्तक वेदों को जानें । मूल्य ₹330 मंगवाने के लिए 070155 91564 पर वट्सएप द्वारा सम्पर्क करें। लेखक- स्वामी वेदरक्षानन्द सरस्वती प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ वेदों के अध्ययन एवं प्रचार की आज अत्यन्त आवश्यकता है। वेदों के साचार अध्ययन में ही मानव की सुख-शान्ति एवं उज्ज्वल भविष्य निहित है। परन्तु यह हो कैसे? हम वेद को […]
विवेक रंजन श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स दैनिक संघर्षो का ही दूसरा नाम जीवन है। अपनी योग्यता और शक्ति के अनुरूप प्रत्येक मनुष्य जीवन रथ हांकते हुये संकटों का सामना करता है पर अनेकानेक विपत्तियां ऐसी होती हैं जो अचानक आती हैं , जो हमारी क्षमताओं से बड़ी हमारे बस में नहीं होतीं। उन कठिन परिस्थितियों […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। श्री सत्यपाल सरल जी आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक हैं। आज दिनांक 2 मई, 2024 को उनका 78वां जन्म दिवस है। आज उन्होंने अपने जीवन के 78वें वर्ष में प्रवेश किया है। वह कोरोना काल के बाद से अस्वस्थ चल रहे हैं। इस अवधि में उनका आर्यसमाजों में प्रचार के लिये जाने […]
इस पुस्तक में विभाजन के समय के 350 भुक्त- भोगियों के साक्षात्कार हैं, जिन्होंने विभाजन को प्रत्यक्ष देखा और भुगता है। उनकी आपबीती की कहानियां उनकी ही जबानी। इन कहानियों में आपको मिलेगा घरों में क्या हुआ? दफ्तरों में क्या हुआ? दुकानों पर क्या हुआ? स्कूलों और कॉलेजों में क्या हुआ? गलियों में क्या हुआ? […]
इससे पता चलता है कि स्वामी श्रद्धानंद जी जैसे महानायक ने राव लूणकरण भाटी की परंपरा को मरने नहीं दिया ,बल्कि उसको गहराई से समझ और पढ़कर उसका अनुकरण कर सैकड़ों वर्ष पश्चात भी हिंदुओं की शुद्धि के महान कार्य को आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय और राष्ट्रवंद्य कार्य किया। ऐसे में हमको इस भाव और […]
लेखकीय निवेदन मंदिरों में रखी जाने वाली मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा करने की भारत की पौराणिक परंपरा कितनी वैज्ञानिक है और कितनी अवैज्ञानिक है ?- इस पर हमें कोई चर्चा नहीं करनी है। पर आज हम इतना अवश्य कहना चाहते हैं कि हिंदू समाज की राष्ट्र और धर्म के प्रति बढ़ती जा रही निष्क्रियता और […]
आर्यसमाज और शुद्धि आन्दोलन
शुद्धि आर्यसमाज और शुद्धि आन्दोलन ₹500 Arya samaj and Shuddhi Movement ₹300 मंगवाने के लिए 07015 591564 पर वट्सएप करें। वैदिक धर्म का भक्त ‘काले खाँ’ अर्थात् ‘कृष्णचन्द्र’ प्रियांशु सेठ यह कहना तो नितान्त उचित है कि ऋषि दयानन्द की वैचारिक क्रान्ति ने न केवल किसी मत अथवा व्यक्ति विशेष को कल्याण का मार्ग दिखाया […]