‘मैं कृष्ण सखी’ नामक पुस्तक श्रीमती नीलिमा गुप्ता द्वारा लिखी गई है। इसमें महाभारत की एक प्रमुख पात्र रही द्रौपदी की व्यथा कथा को विदुषी लेखिका ने बहुत ही सहज – सरल भाषा के शब्दों की माला में गूँथने का सफल प्रयास किया है। कहानी और उपन्यासात्मक शैली में लिखी गई इस पुस्तक के संवादों […]
Category: पुस्तक समीक्षा
‘भावों की उर्मियां’ ( कुंडलियां संग्रह ) – की लेखिका श्रीमती शकुंतला अग्रवाल ‘शकुन’ हैं। जब मनुष्य का आध्यात्मिक जागरण होता है तो उसे ‘कुंडली जागरण’ भी कहा जाता है। ‘कुंडली जागरण’ का अर्थ है बड़ी आध्यात्मिक साधना के पश्चात एक ऐसे विशाल क्षेत्र के दर्शन हो जाना जिसमें आत्मा को आनंद के साथ उड़ान […]
ओ३म् ========== आर्यसमाज के भजनों की एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘त्रिवेंणी भजन सरिता’ ‘हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी-322230 (राजस्थान)’ से प्रकाशित की गई है। डेमी आकार में 56 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य 20.00 रुपये है। पुस्तक की प्राप्ति के लिये श्री प्रभाकरदेव आर्य, हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन कन्या महाविद्यालय मार्ग, […]
डॉ सुदेश बत्रा जी हिंदी साहित्य की एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न विधाओं में लिखकर उन्होंने हिंदी साहित्य की अप्रतिम सेवा की है। प्रस्तुत पुस्तक ‘एक चादर कोहरे की’ भी उनकी एक अद्भुत कृति है । जिसमें उन्होंने कहानियों के माध्यम से समाज के लिए अपना गहरा संदेश देने का प्रयास किया है। कोई […]
पुस्तक समीक्षा : ‘अलविदा’
अलविदा : लेखिका-करुणा श्री, प्रकाशक-दीपज्योति ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स, मूल्य-250/-रू. समीक्षक-सुमतिकुमार जैन, प्र. सं.-जगमग दीपज्योति (मा.) पत्रिका, महावीर मार्ग, अलवर (राज.) 301001 कथा तथा उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द ने एक जगह लिखा है-”उपन्यास मानव चरित्र का चित्र है, मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्त्व है।ÓÓ उन्होंने यह भी […]
ओ३म् ======== आर्यसमाज चार वेदों को ईश्वरीय ज्ञान मानता है और इसके प्रचार के लिए वेदभाष्य, ऋषिप्रणीत ग्रन्थ दर्शन, उपनिषद्, मनुस्मृति, ब्राह्मण ग्रन्थ, रामायण, महाभारत सहित ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों एवं इतर वेदानकूल ग्रन्थों का प्रचार करता है जो ऋषि दयानन्द से पूर्व व उनके अनुयायी विद्वानों ने समय-समय पर लिखे व […]
है गौरवशाली इतिहास हमारा : लेखक-देेवेन्द्र सिंह आर्य, प्रकाशक-साहित्यगार, धामाणी मार्केट की गली, चौड़ा रास्ता, जयपुर-302003, मूल्य-300/-रू., समीक्षक-सुमतिकुमार जैन, प्र. सं.-जगमग दीपज्योति (मा.) पत्रिका, महावीर मार्ग, अलवर (राज.) 301001 किसी ने सही कहा है-भारत एक ऐसी मुँह बोलती तस्वीर है जो जन-मन को खुशहाली के हजार सन्देश देता है। यह राष्ट्र है दुनियां तक पहँचने […]
मेरी इक्यावन कविताएँ : लेखक-राकेश कुमार आर्य, प्रकाशक-साहित्यगार, धामाणी मार्केट की गली, चौड़ा रास्ता, जयपुर-302003, मूल्य-250/-रू., समीक्षक-सुमतिकुमार जैन, प्र. सं.-जगमग दीपज्योति (मा.) पत्रिका, महावीर मार्ग, अलवर (राज.) 301001 ‘आर्य परिवार को माँ वागीश्वरी का वरदान प्राप्त है, परिवार की पूर्व हस्तियों ने इस धरा पर जन्म लेकर अपनी रोशनाई से साहित्य को जगमग किया है। […]
डॉ मृदुल कीर्ति भारत के आर्ष ग्रंथों की एक बेजोड़ और सशक्त व्याख्याकार हैं। उन्होंने नौ उपनिषदों की बहुत ही सुंदर सारगर्भित व्याख्या पद्यात्मक शैली में की है। ईशोपनिषद के विषय में हम पूर्व में ही लिख चुके हैं । इस बार केनोपनिषद पर उनके विचारों को सार संक्षेप में हम यहां प्रस्तुत कर रहे […]
एक समय था जब बड़े बूढ़ों के पास बैठकर लोग उनसे या तो ज्ञानवर्धक कहानियां सुनते थे या उनके अनुभवों को सुन समझकर उनसे लाभ उठाने का प्रयास किया करते थे । तब बड़े बुजुर्गों के पास महफिलें लगा करती थीं और तरह-तरह की बात पूछते हुए लोग देखे जाते थे । परंतु आजादी के […]