सम्मान, संपत्ति, सत्ता और शक्ति के लिए विश्व के पिछले दो हजार वर्ष के युद्घ हुए हैं। इन युद्घों को लड़ते-लड़ते एक धारणा रूढ़ हो गयी, या स्थापित कर दी गयी कि जर, जोरू और जमीन के लिए तो सभी लड़ते हैं। जबकि ऐसा कहना समस्या का समाधान नही है, अपितु समस्या को और भी […]