1857 की क्रान्ति मेरठ छावनी से 10 मई को शुरू हुई थी, वास्तव में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बिहार केसरी कंवर सिंह, नाना साहब पेशव हजरत महल, अन्तिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर, बस्तखान , अहमदुल्ला, शाह गुलाम गोसखां तथा अजी मुल्ला खान आदि ने 31 मई 1857 की तारीख उस महान क्रान्ति के […]
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इस क्रांति को तो अंग्रेजों ने बड़ी ही बर्बरता से कुचल डाला, लेकिन इस क्रांति ने आने वाले दिनों के लिए भारतीय अवाम को एक नई दिशा दी। जवाहरलाल नेहरू ने भी इस क्रांति की चर्चा करते हुए भारत एक खोज में लिखा है-यद्यपि इस क्रांति से देश के केवल कुछ ही हिस्से प्रभावित हो […]