बिखरे मोती-भाग 9५ गतांक से आगे….धर्महीन जीवन सदा,बिन पतवार की नाव।लक्ष्य तक पहुंचे नही,बीच में देय डुबाय।। 919।। व्याख्या :धर्महीन जीवन बिना पतवार की नाव के समान है। जिस प्रकार बिना पतवार के नाव, अपने गंतव्य स्थान तक नही पहुंच पाती है, उसे लहरें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं, कभी-कभी तो […]