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भारतीय संस्कृति

हिंदी जगत के युग प्रवर्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र

मृत्युजंय दीक्षित हिंदी साहित्य के माध्यम से नवजागरण का शंखनाद करने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म काशी में 9 सितम्बर 1850 को हुआ था। इनके पिताश्री गोपालचन्द्र अग्रवाल ब्रजभाषा के अच्छे कवि थे। घर के काव्यमय वातावरण का प्रभाव भारतेंदु जी के जीवन पर पड़ा और पाँच वर्ष की अवस्था में उन्होनें अपना पहला दोहा लिखा। […]

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भाषा

आओ, हिंदी की भी सोच लें भाई

-संजय द्विवेदी सितंबर का महीना आ रहा है। हिंदी की धूम मचेगी। सब अचानक हिंदी की सोचने लगेंगें। सरकारी विभागों में हिंदी पखवाड़े और हिंदी सप्ताह की चर्चा रहेगी। सब हिंदीमय और हिंदीपन से भरा हुआ। इतना हिंदी प्रेम देखकर आंखें भर आएंगी। वाह हिंदी और हम हिंदी वाले। लेकिन सितंबर बीतेगा और फिर वही […]

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महत्वपूर्ण लेख

हिंदी शासकीय संज्ञाएं

(एक) आज का, उद्देश्य।आज का, उद्देश्य है, यह दिखाना कि, हिंदी में संस्कृत द्वारा कितनी सारी संज्ञाएँ रची जा सकती है। यह प्रत्यक्ष उदाहरणों से दिखाना; चाहता हूँ; किसी और के कथन या उद्धरण से नहीं। जब पाठक इन शब्दों को अंग्रेज़ी के शब्दों के आमने सामने देख कर तुलना करेगा, तो स्वयं ही निर्णय […]

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