वो जमाना चला गया जब आदमी अपने और अपने कुटुम्ब के लिए कमाता था और संतोषी जीवन व्यतीत करते हुए जिन्दगी के सारे आनंद प्राप्त करता था, समुदाय को भी आनंदित करता था, सामाजिक सरोकारों और क्षेत्रीय हलचलों में पूरी और पक्की भागीदारी निभाता हुआ अपने जीवन को धन्य करता था। आज पहले के मुकाबले […]